नयी दिल्ली : महिलाओं में कारोबारी क्षमता विकसित करने के लिए सिडबी ने खास तौर पर एक कोष बनाया है. इसके जरिये महिला कारोबारी या ऐसे संगठन, जो कि महिलाओं द्वारा बने उत्पादों की बिक्री करते हैं, उन्हें सिडबी कोष सहयोग देता है.
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) कोष के जरिये कारोबारियों और संगठनों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ मार्केटिंग में भी सहायता करता है. सिडबी मार्केटिंग के लिए घरेलू बाजार के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सहयोग देता है.
किसे मिलती है सहायता
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम वर्ग के तहत आनेवाली महिला कारोबारी सिडबी के जरिये सहयोग प्राप्त कर सकती हैं. इसके अलावा ऐसे संगठन, कॉरपोरेट, सहकारी संगठन, गैर सरकारी संगठन, जो कि महिलाओं के जरिये बनने वाले उत्पादों की मार्केटिंग कर रहे हैं, वह सिडबी की स्कीम का पात्र हैं.
मार्केटिंग के तहत पात्र उद्योग
मार्केटिंग के जरिये मिलनेवाली सहायता में प्रमुख रूप से इंटरनेट, विज्ञापन, मार्केटिंग रिसर्च, वेयरहाउस, कॉमन टेस्टिंग सेंटर आदि कारोबार आते हैं. इसके अलावा महिलाओं का समूह, संगठन आदि, जिनके वेंडर भी महिलाएं हैं, उन्हें समूह के रूप में मार्केटिंग की सहायता मिलती है.
क्या मिलती है सहायता
पात्र कारोबारियों को सिडबी के कोष से उत्पाद क्षमता में विस्तार के लिए सहायता मिलने के साथ-साथ कार्यशील पूंजी के लिए भी सहायता मिलती है. इसके अलावा सरकारी खरीद नीति में महिलाओं को विशेष तरजीह भी दी जाती है. इसी तरह मार्केटिंग के लिए कर्ज देने के अलावा, सेमिनार, वर्कशॉप, विक्रेता सम्मेलन, ट्रेड मेला, प्रशिक्षण कार्यक्र म आदि के लिए भी कोष से वित्तीय सहायता मिलती है.
कैसे करें आवेदन
वित्तीय सहायता तय करते वक्त कारोबारी के पुराने रिकॉर्ड का भी अहम योगदान होता है. इसके अलावा कंपनी या संगठन में शीर्ष स्तर पर महिलाओं की भागीदारी भी मायने रखती है. पात्र कारोबारी या संगठन सिडबी के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा अपने आवेदन को ऑनलाइन भी भेज सकते हैं.