नयी दिल्ली: सोलहवीं लोकसभा का पहला बजट सत्र आज संपन्न हो गया जिसमें संसद ने पिछले लगभग चार साल में कम व्यवधान और अधिक कामकाज के साथ कार्यवाही का एक नया रिकार्ड बनाया. इस सत्र में नरेन्द्र मोदी सरकार का पहला आम बजट और रेल बजट रखे जाने के साथ महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए और कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की गयी.
संसद में वर्ष 2010 में पूरे शीतकालीन सत्र के हंगामे की भेंट चढ जाने और वर्ष 2013 के बजट सत्र के दौरान केवल 19 घंटे और 36 मिनट काम किए जाने के विपरीत 16वीं लोकसभा के इस सत्र में निचले सदन में 167 घंटे काम किया गया.
सात जुलाई को शुरु हुए इस सत्र के कामकाज के पूरा होने पर आज लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की बैठकें राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयीं.
भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के पहले आम बजट और रेल बजट को पारित करने के अलावा करीब महीने भर चले इस सत्र में ऐतिहासिक न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक और सेबी विधेयक पारित किए गए.दूरसंचार नियामक ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किए जाने के रास्ते में आ रही कानूनी अडचन को दूर करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण विधेयक को संसद ने अपनी मंजूरी दी.
संसद ने दिल्ली के बजट को भी पारित किया जहां इस समय राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.