23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कांग्रेस को कमलनाथ की सलाह,नेता विपक्ष का पद न मिले,तो कोर्ट जाएं

नयी दिल्ली : आज से संसद का बजट सत्र शुरू होना है. खबर है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ने की आशंका है. कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर अड़ी हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का फैसला […]

नयी दिल्ली : आज से संसद का बजट सत्र शुरू होना है. खबर है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद बढ़ने की आशंका है. कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर अड़ी हुई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का फैसला भाजपा और नरेंद्र मोदी द्वारा प्रभावित हो सकता है. उनके इस कथन से नया विवाद खड़ा हो सकता है.

नाथ ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि कोई भी पार्टी 543 सदस्यीय लोकसभा में 10 फीसदी संख्या होने पर ही नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल कर सकती है. पूर्व संसदीय कार्य मंत्री के अनुसार संसदीय प्रक्रियाओं का निर्वहन करते हुए लोकसभा अध्यक्ष आम तौर पर तटस्थ होता है, लेकिन विवादास्पद स्थिति में यह अलग हो सकता है.

नाथ ने समाचार चैनल हेडलाइंस टुडे के कार्यक्रम नथिंग बट द ट्रूथ में करण थापर से कहा, हम जानते हैं कि लोकसभा अध्यक्ष भाजपा से हैं….लोकसभा अध्यक्ष की नियुक्ति एक राजनीतिक दल द्वारा की जाती है….जब विवादास्पद स्थिति है…. तो यह (नेता प्रतिपक्ष पर फैसला) भाजपा और मोदी से प्रभावित (फ्लेवर्ड) होगी. उनसे सवाल किया गया था कि वह नेता प्रतिपक्ष के मामले में सरकार की मंशा पर सवाल खडे क्यों कर रहे हैं जब फैसला लोकसभा अध्यक्ष को लेना है.

अपने कथन को विस्तार देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके कहने का मतलब यह नहीं है कि वह (सुमित्रा) किसी की तरफ से काम कर रही हैं, परंतु हमेशा एक तरह का प्रभाव (फ्लेवर) होता है. कमल नाथ ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ फैसला करती हैं तो तो कोई बात नहीं और कांग्रेस के लिए उचित है कि वह अदालत में जाए.

उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर, यह एक विकल्प होना चाहिए. इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिलने पर कांग्रेस कोई प्रतिकार और संसद में कोई प्रतिरोध पैदा नहीं करेगी क्योंकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नहीं चाहतीं कि कांग्रेस इस मामले में प्रतिकारी हो.

नाथ ने इस दलील को भी खारिज कर दिया कि राहुल गांधी जिम्मेदारी लेने के अनिच्छुक हैं और उन्होंने पिछले 30 वर्षों के कई उदाहरण दिए जब सदन में नेता प्रतिपक्ष और पार्टी अध्यक्ष अलग अलग व्यक्ति हुए. पार्टी के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी की ओर से दिए गए एक हालिया बयान के संदर्भ में नाथ ने कहा कि अगर ऐसी कोई धारणा है तो कांग्रेस को उसे दुरुस्त करना चाहिए.

एंटनी ने कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों से कांग्रेस की नजदीकी ने उसकी धर्मनिरपेक्षता को लेकर लोगों के मन में संदेह पैदा किया है. नाथ ने कहा, अगर धर्मनिरपेक्षता के कांग्रेसी पक्ष को मुसलमानों की ओर झुकाव के तौर पर लिया गया है तो इसे सही ढंग से पेश करने की जरुरत है….हमें खडे होने और यह बताने की जरुरत है कि हम उस ओर झुक नहीं रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें