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कंप्यूटरों की जांच पर बोली कांग्रेस – भारत को निगरानी राज में बदल रही है मोदी सरकार

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने निजी कंप्यूटरों को जांच एजेंसियों की निगरानी के दायरे में लाने के सरकार के आदेश को नागरिकों की निजी आजादी और निजता पर सीधा हमला करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश को ‘निगरानी राज’ (सर्विलेंस स्टेट) में तब्दील कर रही है. पार्टी ने यह भी आशंका […]

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने निजी कंप्यूटरों को जांच एजेंसियों की निगरानी के दायरे में लाने के सरकार के आदेश को नागरिकों की निजी आजादी और निजता पर सीधा हमला करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार देश को ‘निगरानी राज’ (सर्विलेंस स्टेट) में तब्दील कर रही है.

पार्टी ने यह भी आशंका जतायी कि इस आदेश का दुरुपयोग हो सकता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संसद भवन परिसर में कई विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में संवाददाताओं से कहा, यह बहुत गंभीर घटनाक्रम है. इस आदेश के जरिये भाजपा सरकार भारत को निगरानी राज में तब्दील कर रही है. यह नागरिकों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है तथा उच्चतम न्यायालय के उस निर्णय का प्रत्यक्ष उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है. उन्होंने कहा, हम साथ मिलकर आदेश का विरोध करते हैं. यह हमारे लोकतंत्र में अस्वीकार्य है.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने इस आदेश के माध्यम से देश में अघोषित आपातकाल लगा दिया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, अबकी बार, निजता पर वार. मोदी सरकार ने निजता के मौलिक अधिकार का मजाक बनाया है. चुनाव हारने के बाद मोदी सरकार आपके कंप्यूटर की जासूसी कराना चाहती है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की अनुमति देने का सरकार का आदेश नागरिक स्वतंत्रता एवं लोगों की निजी स्वतंत्रता पर सीधा हमला है. उन्होंने कहा, एजेंसियों को फोन कॉल एवं कंप्यूटरों की बिना किसी जांच के जासूसी करने का एकमुश्त अधिकार देना बहुत ही चिंताजनक है. इसके दुरुपयोग की आशंका है.

इसी विषय पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, उच्चतम न्यायालय ने निजता को मौलिक अधिकार बताया है. भारत सरकार 20 दिसंबर की मध्यरात्रि में आदेश जारी कर कहती है कि पुलिस आयुक्त, सीबीडीटी, डीआरआई, ईडी आदि के पास यह मौलिक अधिकार होगा कि वे हमारी निजता में दखल दे सकें. देश बदल रहा है. खबरों के मुताबिक गृह मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि खुफिया ब्यूरो, मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), सीबीआई, एनआईए, रॉ, डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के पुलिस आयुक्त के पास देश में चलने वाले सभी कंप्यूटरों की कथित तौर पर निगरानी करने का अधिकार होगा.

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