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टकराव को सहयोग में बदलने की जरुरत:शरीफ

नयी दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज पहली मुलाकात में मिलकर काम करने की वकालत की और कहा कि दोनों देशों को टकराव को सहयोग में बदलने के लिए मेहनत करनी होगी. शरीफ ने कल मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में भाग लिया था और […]

नयी दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत के नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज पहली मुलाकात में मिलकर काम करने की वकालत की और कहा कि दोनों देशों को टकराव को सहयोग में बदलने के लिए मेहनत करनी होगी.

शरीफ ने कल मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में भाग लिया था और आज उनके साथ मुलाकात को अच्छी तथा सकारात्मक बताते हुए कहा कि वे इस बात के लिए सहमत हो गये हैं कि दोनों देशों के विदेश सचिव आज की बैठक की भावना में द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढाने के लिए और उसकी समीक्षा के लिए जल्दी मुलाकात कर सकते हैं. पाकिस्तान रवानगी से पहले शरीफ ने मीडिया से मुलाकात की और एक वक्तव्य पढा जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सहयोग और गंभीरता की भावना के साथ दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात के लिए तैयार हो गये कि नई दिल्ली में हमारी मुलाकात दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक अवसर होना चाहिए. मैंने संकेत दिया कि हम स्पष्ट जनादेश के साथ अपने-अपने कार्यकालों की शुरुआत में है. यह हमें हमारी जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है जिससे हम हमारे रिश्तों का नया पृष्ठ पलटने में सफल होंगे. दोनों देशों की डेढ अरब जनता चाहती है कि हम उनके कल्याण और उनके कुशलक्षेम पर ध्यान दें.’’ शरीफ ने बताया कि उन्होंने फरवरी 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लाहौर बुलाने के लिए भेजे निमंत्रण के बारे में भी याद किया.

पाक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि हमारा विकास और आर्थिक पुनरत्थान का समान एजेंडा है जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता को हासिल किये बिना पूरा करना संभव नहीं है. मैंने अनुरोध किया कि हमें मिलकर क्षेत्र को अस्थिरता और असुरक्षा से छुटकारा दिलाना चाहिए जो दशकों से हमें घेरे हुए है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरुप शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए हमारा मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है. अंत में मैंने अनुरोध किया कि हमें टकराव को सहयोग में बदलना होगा. आरोप-प्रत्यारोप में उलझना अलाभकारी होगा.’’शरीफ के मुताबिक वे इस बात पर रजामंद हो गये कि यह समान उद्देश्य सभी स्तरों पर जनता के आपसी संवाद से हासिल किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने गर्मजोशी से मेरी भावनाओं पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि नई दिल्ली की मेरी यात्र को भारत की जनता ने विशेष कदम के तौर पर देखा है. उन्होंने कहा कि शांति और विकास के समान उद्देश्यों को हासिल करने के लिए हम दोनों का मिलकर काम करना जरुरी है.’’ शरीफ ने कहा, ‘‘मैं इस ऐतिहासिक शहर से विदा लेता हूं। मैं इस मजबूत भावना के साथ विदा लेता हूं कि हमारे दोनों देशों के नेता और लोग हमारे रिश्तों को आगे बढाने की आकांक्षा तथा आपसी प्रतिबद्धता को साझा करते हैं.’’

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सुजाता सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सार्क देशों के प्रमुखों के बीच हुई मुलाकात की जानकारी दी.मंत्रालय ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समक्ष आतंकवाद के मुद्दे को उठाया और उनसे कहा कि वे अपनी जमीन का उपयोग आतंकवाद के लिए न होने दें. नवाज शरीफ ने मोदी को आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

इसके साथ ही उन्होंने मुंबई हमले के संबंध में भी उनसे बातचीत की और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की. उन्होंने बताया कि नरेंद्र मोदी ने सार्क प्रमुखों को उनके शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने बताया कि भूटान से पनबिजली पर बात हुई. मंत्रालय की ओर से मुलाकातों के बारे में क्रमवार जानकारी दी गयी. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से भी अच्छी बातचीत हुई. करजई से हेरात हमले पर भी चर्चा हुई.

सुजाता सिंह ने बताया कि नेपाल के प्रमुख से परिवहन पर बातचीत हुई और संभव है कि इस साल नरेंद्र मोदी नेपाल जा सकते हैं. श्रीलंका के साथ ही व्यापारिक मुद्दों सहित कई मसलों पर बातचीत हुई. मछुआरों की समस्या पर भी बात हुई. मंत्रालय ने कहा कि मोदी ने सभी सार्क प्रमुखों के साथ रचनात्मक बातचीत की और उम्मीद है कि हमारे पड़ोसियों के साथ संबंध सुधरेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ आज पहली द्विपक्षीय बैठक के दौरान आतंकवाद तथा मुंबई हमले से जुडे मुकदमे के मुद्दे उठाये.

सूत्रों के मुताबिक मोदी ने मुंबई में 2008 के आतंकी हमले का मामला धीमी गति से चलने का मुद्दा उठाया. मुकदमा पाकिस्तान में चल रहा है. शरीफ के समक्ष मोदी ने आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं को रखा.

सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान व्यापार के क्षेत्र में सहयोग बढाने के तौर तरीकों पर बात की. बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और विदेश सचिव सुजाता सिंह भी मौजूद थीं.

बैठक शुरु होने से पहले हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और फोटो खिंचवाये. उसके बाद बातचीत के लिए बैठक कक्ष में चले गये.शरीफ ने कल यहां आने पर कहा था कि वह शांति का संदेश लेकर आए हैं और उनका इरादा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 1999 में दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने की पहल को आगे बढ़ाया जाये.

उन्होंने कहा कि दोनों देश की सरकारों के पास जनादेश है और यह आपसी संबंधों को बेहतर बनाने में मददगार होगा. मोदी के आमंत्रण पर सकारात्मक जवाब देने को लेकर पाकिस्तान के कटटरपंथी तत्वों ने नाराजगी जतायी थी, ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक शरीफ की इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण मान रहे हैं. शरीफ आज ही पाकिस्तान रवाना हो जायेंगे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पाकिस्तान के अपने समकक्ष नवाज शरीफ से बातचीत की. मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने कल यहां आए शरीफ के साथ आज हुई द्विपक्षीय बातचीत में मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, विदेश सचिव सुजाता सिंह और अन्य अधिकारी मौजूद थे. दोपहर 2.30 बजे नवाज शरीफ मीडिया से बात करेंगे. ऐसी जानकारी भी है कि भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा भी सवा तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा.खबरों की माने तो मोदी ने नवाज शरीफ के समक्ष आतंकवाद और मुंबई में हुये आतंकवादी हमलों के मामले की सुनवाई का मामला उठाया.

यहां हैदराबाद हाउस में वार्ता शुरु करने से पहले दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए फोटो खिंचवाए. सूत्रों के अनुसार इस वार्ता से किसी महत्वपूर्ण निर्णय की उम्मीद नहीं है, हालांकि इसके जरिए दोनों देश के नेताओं को व्यक्तिगत रिश्ते बनाने का अवसर मिलेगा जो दीर्घकाल में दोनों देशों के आपसी संबंधों के तनावों को कम करने में सहायक होगा.

शरीफ ने कल यहां आने पर कहा था कि वह शांति का संदेश लेकर आए हैं और उनका इरादा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 1999 में दोनों देशों के संबंधों को बेहतर बनाने की पहल को आगे बढाया जाए. उन्होंने कहा कि दोनों देश की सरकारों के पास जनादेश है और यह आपसी संबंधों को बेहतर बनाने में मददगार होगा. सूत्रों के अनुसार शरीफ द्वारा मोदी को पाकिस्तान आने का न्यौता दिया जा सकता है.

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