नयी दिल्ली : भारत ने कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में लिखित दलीलें पेश की. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को जासूसी और विध्वसंक गतिविधियों के मामले में मृत्युदंड सुनाया था जिसके बाद भारत आईसीजे पहुंचा था.
आईसीजे ने अपने अंतिम फैसले तक जाधव के मृत्युदंड पर रोक लगा दी थी. भारत ने मई में आईसीजे से जाधव की सजा पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, भारत ने जाधव मामले में आईसीजे में लिखित दलीलें पेश कीं. यह पाकिस्तान द्वारा दूतावास संबंधित वियना संधि के उल्लंघन का मामला है. आज की हमारी लिखित दलीलें 8 मई, 2017 को दायर किये गये आवेदन के संबंध में अगला कदम हैं.
पाकिस्तान जाधव को पिछले साल मार्च में अशांत बलूचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा करता है. इधर, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया जहां उनके सेवानिवृत्ति के बाद अपने कानूनी कारोबारी हित है.
आठ मई को भारत भारतीय नागरिक कुलभूषण सुधीर जाधव को हिरासत में रखने और मृत्युदंड सुनाये जाने के मामले में वियना संधि के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्यवाही की मांग के साथ आईसीजे गया था. उसने आरोपी को सुनाये गये मृत्युदंड पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी.
भारत और पाकिस्तान से चर्चा करने के बाद आईसीजे अध्यक्ष रोनी एब्राहम ने भारत से 13 सितंबर तक लिखित दलीलें देने को कहा था. उन्होंने पाकिस्तान से भी 13 दिसंबर तक उस पर अपना जवाब देने कहा था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र की यह अदालत मामले में सुनवाई करेगी.
आईसीजे ने कहा कि 8 जून, 2017 को अदालत के अध्यक्ष द्वारा बुलायी गयी बैठक में भारत के एजेंट ने हर पक्ष को अपनी दलीलों की तैयारी के लिए चार चार महीने का वक्त देने का अनुरोध किया था.
हालांकि पाकिस्तान का कहना था कि दो महीने इसके लिए काफी है. संबंधित पक्षों की राय जानने के बाद अदालत ने भारत के लिए अपनी दलीलें रखने के लिए 13 सितंबर,2017 और पाकिस्तान के लिए प्रत्युत्तर के लिए 13 दिसंबर, 2017 की समयसीमा तय की.