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‘सर रात हो गई, कहां जाएं..’ BPSC शिक्षिकाएं जब के के पाठक की गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गयीं..

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक गुरुवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे. डायट रामबाग में प्रशिक्षण के लिए पहुंचे अध्यापकों को उन्होंने संबोधित किया. सख्त लहजे में उन्होंने बीपीएससी शिक्षकों को कहा कि वो गांव में ही ड्यूटी देंगे.

KK Pathak News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक गुरुवार को निरीक्षण के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचे. केके पाठक ने डायट रामबाग में प्रशिक्षण के लिए पहुंचे अध्यापकों को संबोधित करते हुए कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने जिस गति से काउंसलिंग से लेकर पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की है. आप भी उसी गति से बच्चों को शिक्षा देने में जुट जाएं. योगदान के बाद शिक्षकों को स्कूल के 10-12 किलोमीटर की परिधि में ही आवास लेकर रहना होगा. ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें भी चकाचक हैं. ऐसे में किसी को आने जाने में परेशानी नहीं होगी. वहीं निरीक्षण के दौरान कुछ शिक्षिकाएं उनकी गाड़ी के पास आकर खड़ी हो गयीं और अपनी समस्या उन्हें सुनाने लगीं.

नए शिक्षकों को सख्त लहजे में कही ये बात.. 

मुजफ्फरपुर पहुंचे के के पाठक ने सख्त लहजे में कहा कि अध्यापक यदि गांव में नहीं रह सकते हैं तो उन्हें प्रशिक्षण में भी समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है. वे अभी यहां से चले जाएं. अधिकांश सरकारी स्कूल गांव में ही हैं. अध्यापकों की पोस्टिंग गांव में ही होगी. यदि कोई शहर में पोस्टिंग की मंशा के साथ आए हों तो उसे भूल जाएं.

महिलाओं को भी दी सलाह..

के के पाठक ने चयनीत शिक्षकों से कहा कि महिलाओं को परेशानी नहीं हो इसके लिए उन्हें स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे स्कूल आने-जाने के लिए किसी पर आश्रित नहीं रहें. उन्होंने अभ्यर्थियों से प्रशिक्षण स्थल पर मिल रहीं सुविधाओं के बारे में भी फीडबैक लिया. साफ-सफाई, पेयजल से लकर वातावरण के बारे में भी पूछा. उन्होंने प्रशिक्षण स्थल पर महिलाओं की संख्या अधिक देखकर कहा कि अब माइनारिटी की परिभाषा बदल गई है. सरकार की पॉलिसी के बाद अब महिलाएं अधिक हैं और पुरुष की संख्या कम हो रही है.

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पढ़ाई शिक्षकों की पहली प्राथमिकता में हो शामिल

केके पाठक ने कहा कि अब काउंसलिंग हो गयी है. शिक्षकों की पहली प्राथमिकता पढ़ाई होनी चाहिए. अब 15 दिनों में विद्यालय आवंटित कर दिया जायेगा. वहां जाकर पूरी निष्ठा के साथ पढ़ाई कराएं. उन्होंने अभ्यर्थियों से बीएड, डीएलएड के अतिरिक्त डिग्री के बारे में पूछा. कई अभ्यर्थियों ने बताया कि वे इंजीनियरिंग, पीएचडी और पाॅलिटिकल बैकग्राउंड से हैं. इसपर अपर मुख्य सचिव ने उनकी प्रशंसा की. जब सिस्टम में नया टैलेंट आता है तो उसका सकारात्मक परिणाम दिखता है. उन्होंने कहा कि परीक्षा से लेकर नियुक्ति तक इतनी तेजी से कार्य हुआ है. यकीन दिलाया कि यदि आपने समय से विद्यालय में योगदान दिया तो अगले महीने से वेतन भी मिलने लगेगा. पहले महीने में प्राण नंबर आदि जेनरेट करने में समय लगता है. ऐसे में 15-20 दिन विलंब होता है.

मेधा साबित की अब निष्ठा को साबित करें…

अध्यापक अभ्यर्थियों को उन्होंने कहा कि बीपीएससी उत्तीर्ण कर उन्होंने अपनी मेधा साबित कर दी है. अब उन्हें स्कूलों में पूरी तन्मयता के साथ पढ़ाकर अपनी निष्ठा साबित करनी है. ग्रामीण क्षेत्र में गरीब तबके के लोग हैं और वहां उनके बच्चों को ठीक से शिक्षा नहीं मिल पा रही. ऐसे में वे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. सरकारी स्कूलों में वही लोग आते हैं जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं. ऐसे में अध्यापक उन्हें अच्छे से पढ़ाएं. अध्यापकों काे साल में दो बार एक-एक सप्ताह का रिफ्रेशर कोर्स कराया जाएगा ताकि उन्हें पढ़ाने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो.

काउंसलिंग सेंटर पहुंचे केके पाठक, डीइओ व कर्मियों से लिया फीडबैक

केके पाठक सबसे पहले जिला स्कूल में चल रही दूसरे चरण की काउंसलिंग का जायता लेने पहुंचे. यहां उन्होंने डीइओ से अबतक हुई काउंसलिंग के संबंध में फीडबैक लिया. इसके बाद वे काउंटर का निरीक्षण करने लगे. यहां अभ्यर्थियों से बात की. कर्मियों से पूछा कि ओटीपी के साथ प्रमाणपत्रों का ठीक से सत्यापन हो रहा है या नहीं. एक अभ्यर्थी का आधार ठीक से स्कैन नहीं हो रहा था. इस दौरान पहुंचे अपर मुख्य सचिव ने उसका आधार कार्ड स्वयं देखा. डीडीसी आशुतोष द्विवेदी ने अपने मोबाइल के एप से उसकी जांच की. अभ्यर्थी ने कहा कि 2017 से पहले का आधार होने के कारण वह ठीक से स्कैन नहीं हो पा रहा है. केके पाठक ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों के थंब इंप्रेशन, फोटो या किसी प्रमाणपत्र में संदेह हो. उनकी गहनता से जांच करें.

शिक्षिकाएं बोलीं…सर रात हो गई है अब कहां जाएं…

केके पाठक जब काउंसलिंग सेंटर से बाहर निकल रहे थे. तभी कुछ महिला अभ्यर्थी उनकी गाड़ी के पास खड़ी हो गईं. केके पाठक नीचे उतरे और उन्होंने उन अभ्यर्थियों से बात की. अभ्यर्थियों ने कहा कि पटना, गया और अन्य जिलों से आए हैं. यहां प्रशिक्षण स्थल पर जगह नहीं होने की बात कही जा रही. अब रात हो गई अकेले आए हैं. घर कैसे जाएं. केके पाठक ने डीईओ अजय कुमार सिंह को छात्राओं को प्रशिक्षण केंद्र आवंटित करने का आदेश दिया. उसी समय छात्राओं को तुर्की स्थित बीएड कॉलेज आवंटित कर दिया गया.

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