10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

आम फलों का राजा लेकिन इसका राजा कौन? जानिए यहां

फलों का राजा तो आम है, लेकिन आम का राजा कौन? इसे लेकर हर किसी की अपनी-अपनी राय है. उत्तर प्रदेश वालों के लिए दशहरी आम का राजा है, तो मुंबई के लिए अलफांसो. बेंगलुरु वाले बंगनपल्ली के स्वाद पर मरते हैं

वैसे तो बहुत कम लोगों को ही गर्मियों का मौसम भाता है लेकिन कुछ एक लोग हैं जो मीठे-मीठे रसीले आम खाने के लिए गर्मियों का इंतजार करते हैं. भारत में उगायी जाने वाली आम की किस्मों में दशहरी, लंगड़ा, चौसा, फजली, बंबई ग्रीन, बंबई, अलफांसो, बैंगन पल्ली, हिम सागर, केशर, किशन भोग, मलगोवा, नीलम, सुर्वणरेखा, वनराज, जरदालू हैं. नयी किस्मों में, मल्लिका, आम्रपाली, रत्ना, अर्का अरुण, अर्मा पुनीत, अर्का अनमोल और दशहरी-51 प्रमुख प्रजातियां हैं.

आम का राजा कौन

फलों का राजा तो आम है, लेकिन आम का राजा कौन? इसे लेकर हर किसी की अपनी-अपनी राय है. उत्तर प्रदेश वालों के लिए दशहरी आम का राजा है, तो मुंबई के लिए अलफांसो. बेंगलुरु वाले बंगनपल्ली के स्वाद पर मरते हैं, तो पश्चिम बंगाल के लोग मालदा पर, जबकि बिहार के भागलपुर में होने वाले जर्दालू आम भी कम नहीं. वहीं, लंगड़ा आम तो हर खास-ओ-आम में लोकप्रिय है, जिसकी उत्पत्ति बनारस से मानी जाती है.

लंगड़ा आम की दास्तां

लोकप्रिय लंगड़ा आम की किस्म 250 वर्ष पुरानी बतायी जाती है. कहा जाता है बनारस के शिव मंदिर में एक साधु आम का पौधा लेकर आया था. पुजारी ने उसे मंदिर के पीछे लगा दिया, जो लंगड़ा था. पेड़ बड़ा हुआ तो उस पर लगे बड़े मीठे और रसीले लगे. धीरे-धीरे आम की यह प्रजाति पूरे बनारस में फैल गयी और लंगड़े पुजारी के नाम पर इसका नाम लंगड़ा पड़ गया. हालांकि, कुछ लोग लंगड़ा की उत्पत्ति इलाहाबाद से भी मानते हैं.

आम के आम, गुठलियों के दाम

यह कहावत यूं ही नहीं है. आम के पेड़ का सिर्फ फल ही नहीं, उसकी हर चीज काम आती है. आम की गुठलियों का, छाल का, पत्ती की कोपलों का आयुर्वेद में बड़ा महत्व है. गांव में तो किसी बच्चे को दस्त होने पर प्राथमिक उपचार में दादी-नानी आम की गुठली को घिसकर चटा दिया करती थीं.

विटामिन और खनिज से भरपूर

आम के अचार का जिक्र आते ही मुंह में पानी आ जाता है. अमावट का खट्टामीठा स्वाद बचपन से लेकर आज तक सभी को याद होगा. आज के बच्चे मैंगो शेक, मैंगोड्रिंक्स, स्कवैश, जैम, जैली आदि के दीवाने हैं. आम इतना गुणकारी है कि इसमें अधिकांश विटामिन और खनिज पाये जाते हैं. इन गर्मियों में लू से बचाव के लिए आम का पन्ना दादी-नानी का पुराना नुस्खा है, जो घर-घर में आज भी आजमाया जाता है. आयुर्वेद में तो आम के पेड़ की जड़ से लेकर उसकी कोंपल तक के प्रयोग दिखता है. घर में शादी-ब्याह से लेकर पर्व-त्योहार में आम की पत्तियों से बना वंदनवार शुभ माना जाता है. वहीं शादी में यज्ञ-हवन में आम की लकड़ियों का प्रयोग करना शुभ बताया गया है.

बच्चों की पिपिहरी

शायद कुछ लोगों को याद होगा कि बचपन में इन्हीं आम की गुठली से एक खिलौना भी बन जाता था. जहां-तहां गुठलियां फेंकने से पौधे उग आते थे. गुठली का कड़ा हिस्सा निकालकर गिरी को बच्चे ईंट पर घिसते थे और बन जाती थी पिपिहरी, जो बस फूंक मारने पर खूब बजती थी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel