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Budget 2024: 9 से 14 की बच्चियों के लिए फ्री वैक्सीन की सुविधा, सर्वाइकल कैंसर पर बजट में ये हुआ प्रावधान

Budget 2024: निर्मला सीतारमण द्वारा इस साल का बजट पास कर दिया जा चुका है जिसमें महिलाओं के लिए खास तौर पर एक पैगाम है , जो देश में बढ़ रही सर्वाइकल कैंसर की समस्या के लिए एक बेहद ही अहम कदम है.

Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज 2024 का बजट पेश किया है ,यह वित्त मंत्री का लगातार छठा बजट होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र की शुरूआत से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि संसद में नारी शक्ति की ताकत दिखेगी. इससे ये लगभग साफ हो गया था कि केंद्रीय बजट में महिलाओं को कोई बड़ा तोहफा दिया जा सकता है. और अब इस बात की आधिकारिक पुष्टि हो गई है कि बजट में महिलाओं के लिए एक बेहतरीन तोहफा है और वो है 9 से 14 की बच्चियों के लिए सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए मुफ्त टीका. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है सर्वाइकल कैंसर.

क्या है सर्वाइकल कैंसर ?

सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है. गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय (गर्भ) का निचला, संकीर्ण सिरा है. गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय को योनि (जन्म नलिका) से जोड़ती है. सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है. गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर प्रकट होने से पहले, गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं डिसप्लेसिया नामक परिवर्तनों से गुजरती हैं, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा के ऊतकों में असामान्य कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं. समय के साथ, यदि इसे हटाया नहीं जाए, तो असामान्य कोशिकाएं कैंसर का रुप धारण कर सकती है.

जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्टस

स्वीडन के मेडिकल साइंटिस्ट और हार्वर्ड मेडिकल स्कुल के विजिटिंग प्रोफेसर डा. राम शंकर उपाध्याय ने सरकार के इस फैसले पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि आम आम बजट के अभिन्न अंग के रूप में 9-14 वर्ष की लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर के टीके मुफ्त उपलब्ध कराने की दूरदर्शी प्रतिबद्धता के लिए केंद्र सरकार की सराहना करते हैं. यह दूरदर्शी पहल न केवल हमारी किशोर और युवा लड़कियों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करती है, बल्कि उन्हें सशक्त भी बनाती है. यह हमारे देश के भविष्य के लिए महिलाओं की एक स्वस्थ पीढ़ी का पोषण करती है. यह महत्वपूर्ण कदम हमारी बालिकाओं के उज्जवल, अधिक मजबूत भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

डॅा पुष्पा पांडे (महिला रोग विशेषज्ञ) ने बजट में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के टीके के रुप में मिले पैगाम के बारे में बात करते हुए कहा कि ”ये टीका बहुत ही अच्छा है, पहले जब डॅाक्टर्स इस टीके का सुझाव देते थे तो लोगों को लगता था कि ये सिर्फ पैसे कमाने का एक जरिया है लेकिन अब जब इसे फ्री कर दिया गया है तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा पाएंगे.” एक्सपर्ट ने बताया की ”सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण होता है असुरक्षित शारीरिक संबंध और खास तौर पर जब ये एक नहीं बल्कि ज्यादा लोगों के साथ बनाया जाए.” उन्होंने आगे ये भी कहा कि ”अक्सर इस बिमारी का पता इसके अंतिम चरण में चल पाता है क्योंकि इसके लक्षण काफी आम होते हैं और अक्सर महिलाएं इन्हें आम समझकर इनपर ज्यादा ध्यान नहीं देती.”

झारखंड में किस प्रकार से उभर रहा है सर्वाइकल कैंसर का खतरा

झारखंड की अगर बात की जाए तो पहले के मुकाबले अब इस बिमारी के मरीजों की संख्या में 13 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. एनएफएचएस की एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कुल आबादी में से 0.5 फीसदी महिलाएं सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग करा चुकी हैं जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों महिलाएं शामिल हैं. डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट में ये बताया गया था कि भारत में हर आठवीं महिला को सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना है.

कैसे पहचानें सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

सर्वाइकल कैंसर के यूं तो कई लक्षण होते हैं जिसमें मुख्य रूप से शारिरिक संबंध बनाने के बाद, मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद योनि से रक्तस्राव होना, मासिक धर्म में रक्तस्राव जो भारी होता है और सामान्य से अधिक समय तक रहना, शारिरिक संबंध के दौरान पेल्विक दर्द या दर्द जैसे लक्षण शामिल हैं. अगर आप को अपने अंदर इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो आपको जल्द से जल्द अपना टेस्ट करवा लेना चाहिए.

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पिछले बजट में महिलाओं के लिए क्या था खास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 2023 के आम बजट में महिलाओं के लिए खास महिला सम्मान बचत पत्र योजना की शुरूआत की गयी थी. इस योजना का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था. इसके साथ ही, बच्चों और किशोरों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की व्यवस्था करने की भी बात की गयी थी. पिछली बजट में सरकार के द्वारा बताया गया था कि दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वंय सहायता समूह से जोड़ा गया है. उन महिलाओं को स्वंय सहायता समूह के माध्यम से बड़े उत्पादक उद्यम की पहली की जानी थी. सरकार के द्वारा पिछले बजट से पूर्व 3 करोड़ महिला किसानों को योजना के तहत 54,000 करोड़ रुपये दिया गया था.

रिपोर्ट – पुष्पांजलि

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