जब सरहद के पार इस शख्‍स ने गुनगुनाया हिंदी गाना, डायरेक्‍टर अविनाश दास ने किया शेयर…

हिंदी गानों का दीवाना तो पूरा भारत देश है. देश के बाहर रह रहे भारतीयों ने भी इस मधुर संगीत को जीवित रखा है. लेकिन यह गाने और भी खास तब हो जाते हैं जब सरहद के पार किसी दूसरे भाषाई मुल्‍क के लोग इन गानों को अपने जेहन में रखते हैं. हाल ही में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2017 1:08 PM

हिंदी गानों का दीवाना तो पूरा भारत देश है. देश के बाहर रह रहे भारतीयों ने भी इस मधुर संगीत को जीवित रखा है. लेकिन यह गाने और भी खास तब हो जाते हैं जब सरहद के पार किसी दूसरे भाषाई मुल्‍क के लोग इन गानों को अपने जेहन में रखते हैं. हाल ही में फिल्‍म ‘अनारकली ऑफ आरा’ के निर्देशक अविनाश दास ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें एक शख्‍स खूबसूरती से ‘दिलरुबा मैंने तेरे प्यार में क्या क्या न किया…’ गाने को गा रहा है.

अविनाश दास ने हिमकर श्‍याम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा,’ दिलरुबा मैंने तेरे प्यार में क्या क्या न किया
कभी फूलों में गुज़ारी कभी कांटों में जिया
दिल दिया दर्द लिया!
हिमकर जी ने ये वीडियो भेजा है. दुनिया की भीड़ में कुछ उजड़े हुए से लोग किसी ख़ूबसूरत फूल को कैसे सीने से लगाये घूमते हैं – वह देखिए. सरहद के पार किसी और भाषाई मुल्क में हिंदी फिल्मी गाने किस तरह जलवाफ़रोश हैं – यह भी देखिए…
फिल्‍म ‘अनारकली ऑफ आरा’ को क्रिटिक्‍स से काफी अच्‍छे रिव्‍यू मिले. स्‍वरा भास्‍कर ने फिल्‍म में अनारकली का किरदार निभाया था. पत्रकारिता की दुनियां से निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखनेवाले अविनाश की यह पहली फिल्‍म है. इस फिल्म के लेखक और निर्देशक अविनाश दास दरभंगा (बिहार) से हैं. अविनाश प्रभात खबर, देवघर के संपादक रह चुके हैं. फिल्म की पृष्ठभूमि में बिहार है.
‘अनारकली ऑफ आरा’ सीधे-सीधे शब्दों में महिला सशक्तिकरण का भी एक उदाहरण है. यदि औरत चाहे तो वह किसी का भी सामना कर सकती है, भले ही कोई उसका साथ दे या ना दे. फिल्‍म में इस बात को प्रमुखता से दर्शाया गया है कि बिना मर्जी के आप किसी औरत को नहीं छू सकते. चाहे वह कोई भी हो, आपकी बीवी हो या गाने नाचने वाली. फिल्‍म की कहानी की खूब तारीफ हुई. लेकिन फिल्‍म की कमाई की बात की जाये तो इसे लेकर आंकड़े स्‍पष्‍ट नहीं है.