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विवादित फिल्म मेसेंजर ऑफ गॉड को हरी झंडी, आज होगी रिलीज, लीला सैमसन ने पद छोडने का किया निर्णय

मुंबईः राम रहीम की बहुप्रतिक्षित और विवादित फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है. इससे फिल्म के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है. फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दे दिया. अब इनकी फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड शुक्रवार को रिलीज होगी.गुरमीत राम-रहीम सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख […]

मुंबईः राम रहीम की बहुप्रतिक्षित और विवादित फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है. इससे फिल्म के रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है. फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दे दिया. अब इनकी फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड शुक्रवार को रिलीज होगी.गुरमीत राम-रहीम सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख हैं. हाल ही में इनपर आश्रम के भक्तों को नपुंसक बनाने के मामले में केस दर्ज किया गया है. इनपर हत्या और रेप का भी आरोप है.
इसके पहले सेंसर बोर्ड ने गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड को सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था.

सेंसर बोर्ड की फुल बेंच ने मैसेंजर ऑफ गॉड को देखने के बाद इसे फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल के पास भेज दिया था.इस फिल्म पर अकाल तख्त समेत कई सिख संगठनों ने धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए बैन लगाने की मांग की थी. गृह मंत्रालय ने भी ये आशंका जताई है कि फिल्म को देखने के बाद सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है.
एक अन्य घटनाक्रम में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुख्य भूमिका वाली विवादास्पद फिल्म ‘‘मेसेंजर आफ गॉड’’ को फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) द्वारा प्रदर्शन के लिए हरी झंडी दिये जाने की खबरों के बीच सेंसर बोर्ड प्रमुख लीला सैमसन ने गुरूवार रात कहा कि उन्होंने पद से त्यागपत्र देने का निर्णय कर लिया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मीडिया में आयी उन खबरों की जानकारी है कि फिल्म को प्रदर्शन के लिए एफसीएटी द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है, सैमसन ने कहा, ‘‘मैंने ऐसा सुना है. अभी तक लिखित में कुछ नहीं है. फिर भी यह फिल्म प्रमाणन बोर्ड का मजाक है. मेरा त्यागपत्र तय है. मैंने (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के) सचिव को सूचित कर दिया है.’’ बहरहाल एफसीएटी के निर्णय, यदि ऐसा कोइ निर्णय हुआ है तो, को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
सेंसर बोर्ड ने ‘‘मेसेंजर आफ गॉड’’ फिल्म के मुद्दे को एफसीएटी को भेज दिया था. फिल्म शुक्रवार को जारी होनी थी.
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पद छोडने का निर्णय क्यों किया, उन्होंने फिल्म को कथित मंजूरी मिलने का उल्लेख नहीं किया लेकिन कहा कि बताये गए कारणों में कथित ‘‘हस्तक्षेप, दबाव, पैनल सदस्यों और संगठन अधिकारियों का भ्रष्टाचार शामिल है जिनकी नियुक्ति मंत्रालय द्वारा की जाती है.’’
सैमसन के अनुसार, ‘‘एक ऐसे संगठन का प्रबंधन करना पडा है जिसके बोर्ड की नौ माह से ज्यादा समय से बैठक नहीं हुई क्योंकि मंत्रालय के पास सदस्यों की बैठक को अनुमति देने के लिए कोष नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड के सभी सदस्यों और अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. लेकिन चूंकि नई सरकार नया बोर्ड और अध्यक्ष नियुक्त नहीं किया है, कुछ का कार्यकाल बढा दिया गया और उन्हें प्रक्रिया पूरी होने तक कार्य जारी रखने को कहा गया.
इस बीच सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारी सूचना के अनुसार एफसीएटी ने फिल्म को मंजूरी दे दी है. लेकिन लिखित आदेश का इंतजार है.’’ प्रवक्ता ने कहा कि फिल्म ‘‘मादक पदार्थ के खिलाफ है और उसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है.’’ गृह मंत्रालय इसे लेकर चिंतित है कि फिल्म के रिलीज होने से कुछ वर्गों की ओर से विरोध हो सकता है क्योंकि सिख संगठन फिल्म का विरोध कर रहे हैं. मंत्रलय ने इस संबंध में राज्यों को परामर्श जारी किया है.

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