#ChildrensDay2019 : बॉलीवुड सेलेब्‍स ने शेयर कीं बचपन की यादें

बचपन का दूसरा मतलब ही होता है बेफिक्री और शरारतें. आज 14 नवंबर है यानी चिल्ड्रेन्स डे. इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. चूंकि उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. चिल्ड्रेन डे पर कई सितारों ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 14, 2019 9:16 AM

बचपन का दूसरा मतलब ही होता है बेफिक्री और शरारतें. आज 14 नवंबर है यानी चिल्ड्रेन्स डे. इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था. चूंकि उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. चिल्ड्रेन डे पर कई सितारों ने अपने बचपन की शरारतों को साझा किया है. शाहरुख खान से लेकर टाइगर श्रॉफ तक कई सितारों ने अपनी बचपन की यादें साझा की.

शाहरुख खान : बचपन में मैं बहुत शरारती हुआ करता था. स्कूल से लेकर अपनी बिल्डिंग में मेरे शरारत के बहुत किस्से हैं. स्कूल में क्लास बंक करने के लिए मैंने बीमारी का नाटक किया था. नाटक इतना सही था कि मुझे तुरंत छुट्टी मिल गयी थी. अपनी बिल्डिंग में भी खूब मस्ती करता था. कभी किसी दूसरे के घर की बेल रिंग बजाकर चला जाता था, तो कभी किसी का पोस्टबॉक्स चेक कर देता था. चिट्ठियां इधर की उधर. इसके लिए मेरे वालिद को मेरी शिकायत भी की गयी थी फिर डांट पड़ी थी.

दिशा पटानी : मैं और मेरी बहन बचपन में किसी भी नंबर को डायल कर देते थे. फोन पर और फिर सामने वाले को बोलते कि हम ये देवी बोल रही हैं. ये करो, वो करो. झूठ मूठ का कुछ न कुछ बोल देते थे. अब याद करती हूं तो बुरा लगता है.

सारा अली खान : बचपन में मैं किसी भी नंबर पर कॉल कर देती थी और फिर कहती थी कि आपने लॉटरी जीती है. आप इस प्रतियोगिता के विजेता बन गये हैं. मैं छोटी थी, लेकिन इतने आत्मविश्वास के साथ बोलती थी कि लोगों को लगता था कि ये बात सच है.

मदिराक्षी : मैंने बचपन में बहुत शरारतें की हैं. मेरी सोसायटी में एक खड़ूस आंटी रहती थी और तो मैंने और मेरे कुछ दोस्तों ने मिलकर उनको मजा चखाने का प्लान किया, जिसमें मैंने चादर ओढ़कर आंख नाक बनाकर एक भूतिया अंदाज में एकदम रात को घंटी बजाकर उनको खूब डराया था.

टाइगर श्रॉफ : मैं ज्यादा शरारती तो नहीं था, लेकिन एक शरारत बचपन में एक अजीबोगरीब शरारत करने में मुझे बहुत मजा आता था वह था स्कूल की बस में च्युंगम चिपका देना. वो किसी को लग जाता था तो मुझे बहुत मजा आता था हालांकि अब सोचता हूं तो मुझे बहुत बुरा लगता है.

ईशिता गांगुली : मेरी बचपन को लेकर बहुत सारी यादें जुड़ी हैं. मैं स्मॉल टाउन से हूं. मैं हमेशा पेड़ों से अमरुद, कच्चे आम चुराती थी और अपनी दादी को बहुत परेशान करती थी. मेरी दादी सोने से पहले अपने पास एक पानी का घड़ा रखती थी तो मैंने एक दिन उसमें लाल मिर्च, अजवाइन, शैम्पू मिला दिया, जिसे पीने के बाद मेरी दादी को उल्टियां शुरू हो गयी. अपने छोटे भाई को भी खूब परेशान करती थी अगर वह सोया रहता था तो उसका अजीबोगरीब मेकअप कर देती थी.

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