शिक्षक से सुरक्षाधिकारी बनने की राह
सौरभ ने बीए (इकोनॉमिक्स और मैथ्स) की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली में रहकर होम ट्यूशन देना शुरू किया. वे दसवीं कक्षा तक के बच्चों को गणित पढ़ाते थे. उनके पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद उनका परिवार हजारीबाग शिफ्ट हो गया. घर की जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने सिविल सेवा जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी की.
UPSC CAPF Success Story: इंटरव्यू में दिखाया आत्मविश्वास
CAPF के मॉक इंटरव्यू में उन्होंने न सिर्फ अर्थव्यवस्था जैसे जटिल मुद्दों पर विचार रखे, बल्कि झारखंड की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर भी स्पष्ट दृष्टिकोण रखा. उनसे बोकारो स्टील और थर्मल पावर प्लांट, झारखंड विभाजन, नक्सलवाद जैसे मुद्दों पर सवाल पूछे गए, जिनका उन्होंने संतुलित उत्तर दिया. (UPSC CAPF Success Story in Hindi)
पढ़ें: Success Story: हेड कांस्टेबल की बेटी, पूर्व राज्यपाल से भिड़ चुकी IPS अधिकारी ने संभाली बिहार के इस जिले की कमान
SSB को क्यों चुना पहली पसंद?
मॉक इंटरव्यू में सौरभ ने कहा कि CAPF की सभी इकाइयों में से SSB को पहली प्राथमिकता दी. इसकी वजह उन्होंने अपने अनुभव से जोड़ी, पहली बार अपने क्षेत्र में SSB को चुनाव ड्यूटी में देखा था. साथ ही उन्होंने इंडो-नेपाल बॉर्डर का दौरा भी किया था, जिससे इस फोर्स से जुड़ाव बना.
Success Story: गर्लफ्रेंड से मिला धोखा, IIT से पढ़े आदित्य पांडे ने MBA की नौकरी छोड़ UPSC में पाई 48वीं रैंक
संघर्ष की मिसाल, नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
सौरभ की सफलता इस बात की मिसाल है कि आत्मविश्वास, मेहनत और संकल्प के दम पर कोई भी बाधा पार की जा सकती है. वे न सिर्फ एक सफल उम्मीदवार हैं, बल्कि आज के युवाओं के लिए एक प्रेरक कहानी भी हैं, जो बताती है कि सीमित संसाधन भी सपनों की राह में रोड़ा नहीं बनते.
ये सक्सेस स्टोरी उनके द्वारा मीडिया में दिए गए मॉक इंटरव्यू पे बनाया गया है.