Stock Market Outlook: अगले हफ्ते शेयरों में संभलकर लगाएंगे पैसा, रह सकता है उतार-चढ़ाव का दौर
Stock Market Forecast: अगले हफ्ते शेयर बाजार आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुझानों और विदेशी निवेशकों के रुख के कारण उतार-चढ़ाव से गुजर सकता है. सेंसेक्स और निफ्टी ने हाल ही में 52 सप्ताह का उच्च स्तर छुआ है, लेकिन रुपये की कमजोरी, ब्रेंट क्रूड की कीमतों में बदलाव और अमेरिकी बाजार के संकेत निवेशकों की धारणा को प्रभावित करेंगे. विशेषज्ञों के अनुसार गिरावट पर खरीदारी और मजबूत घरेलू मांग बाजार को सहारा दे सकती है.
Stock Market Outlook: अगर आप अगले हफ्ते कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं, तो जरा सावधान ही रहिएगा. इसका कारण यह है कि भारतीय शेयर बाजार सोमवार यानी 24 नवंबर 2025 से शुरू होने वाले हफ्ते में उतार-चढ़ाव वाले दौर से जूझता दिखाई दे सकता है. विश्लेषकों का मानना है कि आने वाला सप्ताह शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है. बाजार की चाल मुख्य रूप से घरेलू आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगी. नवंबर माह के अंत में वायदा सौदों की एक्सपायरी होने से अस्थिरता बढ़ने की संभावना है. दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़े निवेशकों के सेंटिमेंट को प्रभावित करेंगे. इन आंकड़ों से भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा गति का स्पष्ट अनुमान लगेगा, जिसका सीधा असर शेयर बाजारों पर दिखेगा.
अमेरिकी बाजार और वैश्विक संकेतों पर निगाह
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बाजार का प्रदर्शन अगले सप्ताह निवेशकों के फोकस में रहेगा. अमेरिका में आने वाले प्रमुख आर्थिक डेटा और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति से जुड़े संकेत जोखिम की भावना को प्रभावित करेंगे. विश्लेषक बताते हैं कि यदि अमेरिकी बाजारों में कमजोरी बढ़ती है या ब्याज दरों में सख्ती का संकेत मिलता है, तो भारत सहित उभरते बाजारों से विदेशी पूंजी बहाव देखने को मिल सकता है. इससे निकट भविष्य में बाजार में और उतार-चढ़ाव आ सकता है.
बाजार ने बनाया 52 सप्ताह का उच्च स्तर
पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स 669 अंक या 0.79% और निफ्टी 158 अंक या 0.61% बढ़कर बंद हुआ. 20 नवंबर को सेंसेक्स ने 85,801 और निफ्टी ने 26,246 का 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर छू लिया. तेजड़िया धारणा के बावजूद विश्लेषक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली की संभावना बनी रहती है. रुपये में कमजोरी भी बाजार की चाल पर असर डाल सकती है.
रुपया, ब्रेंट क्रूड और एफआईआई का प्रभाव
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि यदि डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर होता है, तो शॉर्ट-टर्म में मुनाफावसूली देखने को मिलेगी. साथ ही, ब्रेंट क्रूड तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भारत के व्यापार घाटे और महंगाई के अनुमान को प्रभावित करेगा, जो शेयर बाजार के मूड को बदल सकता है. विदेशी निवेशकों (एफआईआई) के निवेश रुझान अगले सप्ताह बाजार की दिशा तय करने में अहम रहेंगे.
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गिरावट पर खरीदारी का समर्थन
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, समग्र रूप से अगले सप्ताह बाजार मजबूत रहने की उम्मीद है. तीसरी तिमाही में मांग बेहतर रहने के संकेत और घरेलू निवेशकों की लगातार खरीदारी बाजार को सपोर्ट दे रही है. इसके अलावा, भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में कोई सकारात्मक प्रगति सामने आती है, तो यह घरेलू बाजार के लिए एक बड़ा उत्प्रेरक साबित हो सकता है.
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