नयी दिल्ली : योजना आयोग का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में देश का चालू खाते का घाटा (कैड) सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.8 प्रतिशत से भी कम रहेगा. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन कार्यक्रम को धीरे-धीरे वापस लिए जाने की स्थिति में भारत इससे बचाव के लिए ज्यादा बेहतर स्थिति में होगा.
आहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कैड के मोर्चे पर अच्छी खबर मिलेगी. यह 3.8 फीसद से भी नीचे रहेगा.’’ चालू खाते का घाटा विदेशी मुद्रा के अंत: एवं बाह्य प्रवाह का अंतर होता है. 2012-13 में कैड अपने सर्वकालिक उच्च स्तर जीडीपी के 4.8 फीसद यानी 88.2 अरब डालर पर पहुंच गया था. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में इसे घटाकर जीडीपी के 3.8 प्रतिशत यानी 70 अरब डालर पर रखने का लक्ष्य तय किया है.
अहलूवालिया ने आगे कहा, ‘‘प्रोत्साहन वापसी में देरी हो रही है. कैड की स्थिति भी अच्छी दिख रही है. जब तक प्रोत्साहन वापसी होगी, हम ज्यादा बेहतर स्थिति में होंगे. अब रपया ज्यादा टिकाउ स्थिति में आ गया है. ऐसे में जब प्रोत्साहन वापसी होगी, रपये पर जोखिम कम होगा. ऐसे में हम अगले साल बेहतर स्थिति में होंगे.’’ योजना आयोग के सदस्य सौमित्र चौधरी के कैड के ढाई फीसद या 40 से 45 अरब डालर के बीच रहने के अनुमान के बारे में पूछे जाने पर अहलूवालिया ने कहा, ‘‘यह योजना आयोग का अनुमान नहीं है. यह उनका निजी अनुमान है.’’
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