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नया इनकम टैक्स फॉर्म : नौकरीपेशा क लिए आइटीआर 1 व छोटे कारोबारियों के आइटीआर 4 एस भरना जरूरी
डिजीटल बिजनेस डेस्क हमको-आपको हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा. इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म की जटिलता के कारण इसको भरने में लोगों को खासकर नये लोगों को काफी दिक्कतें आती रही हैं. लेकिन, अब नरेंद्र मोदी सरकार ने आम लोगों की सुविधा के लिए इस फॉर्म को अधिक सरल […]
डिजीटल बिजनेस डेस्क
हमको-आपको हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा. इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म की जटिलता के कारण इसको भरने में लोगों को खासकर नये लोगों को काफी दिक्कतें आती रही हैं. लेकिन, अब नरेंद्र मोदी सरकार ने आम लोगों की सुविधा के लिए इस फॉर्म को अधिक सरल बना दिया है. भारत सरकार के आयकर विभाग ने नया इनकम टैक्स रिटर्न (आटीआर) जारी कर दिया है. यह फॉर्म पहले से अधिक आसान है, जिसमें बहुत सारे तकनीकी झंझटों को हटा दिया गया है. सभी को 31 अगस्त तक आइटीआर फॉर्म भरना है. चर्चित आयकर विशेषज्ञ सुभाष लखोटिया ने भी नये फॉर्म का स्वागत किया है और कहा है कि यह आम आदमी के लिए अधिक आसान है.
सरकार ने पहले भी एक नया आइटीआर फॉर्म लाया था, जो 14 पन्ने का था और जिसे आलोचना व आपत्तियों के बाद वापस ले लिया गया. अगर आपको इस आयकर फॉर्म भरना है, तो जान लीजिए कुछ अहम बातें :
1. सरकार ने आइटीआर फॉर्म को नौकरीपेशा लोगों/व्यक्तिगत आयकर दाताओं के लिए, व्यापार से होने वाले आय वालों के लिए व प्रोफेशनल के लिए, विदेश में जायदाद वालों के लिए व छोटे व्यापारियों के लिए अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया है.
2. नये इनकम टैक्स फॉर्म में पैन नंबर को अनिवार्य बनाया गया है. उसके बाद आपके आधार नंबर की भी जरूरत पडेगी. जबकि पासपोर्ट को वैकल्पिक बनाया गया है. अगर आपके पास यह है, तो इसका नंबर भरें, नहीं तो कोई बात नहीं. हालांकि विदेश यात्रा, विदेश में संपत्ति व विदेश से संबद्धता के मामले में यह अनिवार्य कर दिया गया है.
3. फॉर्म में करदाताओं को यह विकल्प दिया गया है कि वे रिफंड पाने के लिए अपने बैंक खातों का जिक्र करें. नये आइटीआर में आधार नंबर के साथ दो इमेल आइडी दर्ज कराने का विकल्प है. दरअसल, ऑनलाइन आइटी प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए इसमें इमेल को शामिल किया गया है.
4. आयकर विभाग ने नये इनकम टैक्स फॉर्म में चार पन्नों का अतिरिक्त अनुलग्नक भी प्रदान किया है. करदाता को यह अधिकार होगा कि वह अतिरिक्त जानकारी देने के लिए इसका प्रयोग करें.
5. वेतनभोगी को आइटीआर 1 फॉर्म भरना होगा. यह वैसे आदमी के लिए होगा जिसकी बिजनेस से आय नहीं हो. आइटीआर 2 वेतनभोगी के लिए भी है, पर उसकी संपत्ति एक से ज्यादा होने पर इसे भरा जायेगा, उसके आय शेयर व अन्य स्रोतों से होती हो. आइटीआर 2 ए उन वेतनभोगियों के लिए होगा, जिसके पास एक अधिक घर व संपत्ति हो. उसे ब्याज से तो आय होती हो, लेकिन उसके साथ कैपिटल गेन की स्थिति नहीं हो. यानी शेयर खरीद बिक्री व संपत्ति खरीद बिक्री से आय नहीं होती हो.
6. आइटीआर 3 फॉर्म पार्टनरशिप में काम करने वाले लोग भर सकेंगे, जो एक फर्म बना कर काम करते हों. आइटीआर 4 व्यापारियों के लिए है. आइटीआर 4 एस एक करोड से कम का टर्नओवर करने वाले बिजनेसमैन के लिए है.
7.आइटीआर फार्म 5 भी पार्टनरशिप फर्म के लिए है, जबकि आइटीआर 6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को भरना होगा. वहीं स्कूल, ऑस्पिटल व एनजीओ जैसी संस्थाओं को आइटीआर 7 फॉर्म भरना होगा. छोटे व्यापरियों के लिए फॉर्म आइटीआर 4 एस भरने का प्रावधान है.
8. पुराना फॉर्म में सरकार ने व्यक्तिगत करदाताओं, उद्योगपतियों व अन्य लोगों से सरकार ने विस्तृत जानकारी मांगी थी. उसमें विदेशी संपत्ति, धन, बैंक खाते के अलावा विदेश यात्राओं तक का ब्योरा मांगा गया था. हालांकि सरकार ने नये फॉर्म में भी विदेशी संपत्ति को ब्योरे को अनिवार्य बनाया है, लेकिन प्रावधान पहले से आसान हैं.
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