मुंबई : म्यूचुअल फंड कंपनियों ने मांग की है कि उनकी सेवानिवृत्ति योजनाओं पर भी नयी पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की तरह ही कर लाभ दिये जाने चाहिये. ये कंपनियां बडे पैमाने पर पेंशन फंड क्षेत्र में प्रवेश करने की योजना बना रही हैं. बजट में एनपीएस में किये गये निवेश पर आयकर की धारा 80 सीसी (डी) के तहत कर में 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का प्रावधान किया गया है.
फिलहाल कुल 45 में से तीन म्यूचुअल फंड कंपनियां पेंशन खंड में उत्पाद की पेशकश करती हैं. इनमें यूटीआई म्यूचुअल फंड, फ्रैंकलिन टेंपलटन और हाल ही में पेश किये गये रिलायंस म्यूचुअल फंड के सेवानिवृत्ति उत्पाद शामिल हैं. बाजार सूत्रों के मुताबिक फ्रैंकलिन एक अन्य पेंशन योजना पेश करने की तैयारी में है जबकि कोटक म्यूचुअल फंड भी इस खंड में अपने उत्पाद लेकर आना चाहता है.
फ्रेंकलिन का इस समय केवल एक ‘फ्रेंकलिन इंडिया पेंशन प्लान’ बाजार में है. इस 15 साल पुरानी सेवानिवृत्ति योजना में 400 करोड रुपये का कोष है. फ्रेंकलिन टेम्पलटान इन्वेस्टमेंट इंडिया के अध्यक्ष हष्रेन्दु बिंदल ने कहा, ‘मौजूदा सेवानिवृत्ति उत्पादों को जो कर लाभ दिया गया है वह 80सी के तहत है.
समस्या यह है कि 80सी धारा में आप कई वित्तीय उत्पाद खरीद सकते हैं. हमने एनपीएस की तरह कर लाभ की मांग की है.’
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