नयी दिल्ली : स्विजट्जरलैंड के बैंकों में खाते रखने वाले 1,000 भारतीयों के नाम वाली नई ‘एचएसबीसी’ सूची सामने आने के बीच स्विस सरकार ने आज कहा कि ये नाम ‘चुराए गए डेटा’ पर आधारित है. स्विट्जरलैंड के इस बयान से भारत के लिए बिना अतिरिक्त साक्ष्य के इन खातों के बारे में ब्योरा लेना कठिन हो जाएगा.
हालांकि, स्विट्जरलैंड ने यह भी कहा है कि कुछ साल पहले अपनी नीति में बदलाव के बाद वह काले धन के अपराध के खिलाफ लडने के लिए ‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’ है.स्विट्जरलैंड सरकार के प्रवक्ता ने बर्न से बताया, ‘प्रकाशित सूचना 2007 व उससे पहले के चोरीशुदा डेटा के साथ जानी पहचानी सूची पर आधारित है.’
प्रवक्ता से खोजी पत्रकारों के अंतरराष्ट्रीय समूह (आईसीआईजे) द्वारा एचएसबीसी की स्विट्जरलैंड शाखा में दुनिया भर के एक लाख खाताधारकों के नाम का खुलासा किए जाने के बारे में पूछा गया था.
इस सूची में 1,668 भारतीयों के नाम हैं जबकि दोहराव व अन्य तथ्यों के बाद इनमें से 1,195 खातों के मामले में ही कार्रवाई की जा सकती है. कुल मिलाकर इन खातों में 2007 तक 4.1 अरब डालर (25,420 करोड रुपये) की राशि थी.
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