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चीनी पर आयात शुल्क बढ़ेगा, मिलों को ब्याज मुक्त ऋण देगी सरकार

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के एक फैसले से चीनी की मिठास घट सकती है, चौंकिए मत कहने का आशय यह है कि चीनी महंगी हो सकती है. केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह आयात शुल्क बढ़ायेगी. वर्तमान में आयात शुल्क 15 प्रतिशत है, जिसे 40 प्रतिशत कर दिया जायेगा. साथ ही […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के एक फैसले से चीनी की मिठास घट सकती है, चौंकिए मत कहने का आशय यह है कि चीनी महंगी हो सकती है. केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह आयात शुल्क बढ़ायेगी. वर्तमान में आयात शुल्क 15 प्रतिशत है, जिसे 40 प्रतिशत कर दिया जायेगा.

साथ ही सरकार चीनी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए निर्यात पर सब्सिडी देगी. उक्त बातों की जानकारी आज खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने दी. उन्होंने यह भी बताया कि हालांकि अभी यह एक प्रस्ताव है, इसपर सहमति होना शेष है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय तभी हो सकता है जब मिल मालिक इस बात पर राजी हो जायें कि वे गन्ना किसानों का बकाया माफ कर देंगे. उन्होंने बताया कि एक टन के चीनी निर्यात पर 3300 सब्सिडी दी जायेगी. चीनी मिल मालिकों को बिना ब्याज के ऋण भी दिया जायेगा.

जानकार बताते हैं कि सरकार का उक्त निर्णय चीनी मिल मालिकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन इससे आम लोगों को चीनी खरीदने के लिए दो-तीन रुपये अधिक खर्च करने पड़ सकते हैं. ये फैसले प्रधानमंत्री के निर्देश पर खाद्य मंत्री राम विलास पासवान द्वारा बुलायी गयी उच्च-स्तरीय बैठक में किये गये.

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र और मंत्रिमंडल सचिव अजित सेठ भी इस बैठक में मौजूद थे. बैठक के बाद पासवान ने कहा हमने चार प्रमुख फैसले किए. हमने चीनी मिलों को उनके द्वारा चुकाये जाने वाले उत्पाद शुल्क के विरुद्ध तीन साल की बजाय पांच साल के लिए ब्याज-मुक्त ऋण देने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि चीनी मिले अब बैंकों से कुल 4,400 करोड रुपये तक का अतिरिक्त ब्याज मुक्त ऋण प्राप्त कर सकेंगी. पासवान ने कहा कि इससे मिलों के पास नकदी का प्रवास सुधरेगा और उन्हें किसानों के बकाए का भुगतान करने में आसानी होगी.

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