नयी दिल्ली : देश में कारोबार की लागत घटाने की जरुरत है ताकि पूंजी निवेश में फिर गति लौट सके. यह बात वित्त मंत्री अरण जेटली ने कही. आज यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अुनसार जेटली ने शनिवार को मुंबई में वित्तीय क्षेत्र विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में कहा, ‘‘.
निवेश चक्र में सुधार के लिए देश में कारोबार का वातावरण सुधारने और कारोबार करने की लागत कम करने पर जोर दिया है.’’ उन्होंने वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने के लिए वित्तीय क्षेत्र के सभी नियामकों के बीच समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित किया. बैठक में वित्तीय क्षेत्र के नियामकों ने हिस्सा लिया जिनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन और सेबी प्रमुख यू के सिन्हा शामिल थे.
बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने नई सरकार के प्रति लोगों की उंची राजनीतिक आकांक्षाओं और लंबे समय से चल रही आर्थिक समस्याओं को हल करने के अवसरों का भी उल्लेख किया.’’मंत्री ने राजकोषीय स्थिति को सुदृढ करने के प्रयासों में किसी तरह की कोताही के प्रति आगाह भी किया.वित्त सचिव अरविंद मायाराम ने परिषद को वृहद्-आर्थिक हालात और दोहरे घाटे में सुधार के मामले में जानकारी की. मायाराम ने कहा ‘‘हालांकि आर्थिक वृद्धि में सुधार, मुद्रास्फीति विशेष तौर पर खाद्य मुद्रास्फीति पर नियंत्र, राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने और बुनियादी ढांचे की दिक्कतों को दूर करने की दिशा में लंबा सफर तय करना है.’’ उन्होंने कहा कि वाह्य क्षेत्र की संवेदनशीलता के प्रबंधन की तैयार रहने की जरुरत है.
वित्तीय क्षेत्र के नियामकों ने इस बैठक में आगामी बजट 2014-15 के लिए अपने सुझाव पेश किए और अगले दौर के वित्तीय सुधार के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए. इस बैठक में इरडा के अध्यक्ष टी एस विजयन, एफएमसी के अध्यक्ष रमेश अभिषेक, पीएफआरडीए के कार्यवाहक अध्यक्ष आर वी वर्मा और अन्य सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
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