नयी दिल्ली : देश में पेट्रोल– डीजल की बढ़ती कीमत ने सारे रिकार्ड तोड़ डाले हैं. पिछले तीन सालों में यह पहली बार है जब दिल्ली में पेट्रोल 75 रूपये के पार पहुंचा है. पिछले कुछ महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार उछाल देखा जा रहा है. दिल्ली में पेट्रोल 76.87 रुपये लीटर हो गया, जबकि मुंबई में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 84.70 हो गयी है. हालांकि, तेल की कीमतों को लेकर बढ़ती नाराज़गी के बीच इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने संकेत दिया है कि फिलहाल कीमतों में राहत की संभावना नहीं है. सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि वह पेट्रोल पर से टैक्स नहीं घटायेगी. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की मार आम आदमी पर साफ दिखाई दे रही है. आमलोगों को पेट्रोल पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है वहीं इसका असर बाजार पर भी दिखेगा जहां ट्रांसपोर्टेशन कास्ट बढ़ने से महंगाई बढ़ जायेगी.
ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने भी बताया कि तेल महंगा होने से बिक्री में 2% से 3% के गिरावट का अनुमान है.
पड़ोसी देशों के मुकाबले हमारे देश में पेट्रोल और डीजल काफी महंगा है. अगर देश के अलग- अलग राज्यों की बात की जाये,तो हर राज्य में पेट्रोल की कीमतें अलग हैं. वहीं अगर मेट्रो सिटी की बात की जाये तो कलकत्ता में पेट्रोल की कीमत बढ़कर 78.91 रूपये, मुंबई में 84.07रूपये, जबकि चेन्नई में 79.13 रूपये प्रति लीटर हो गयी है.
पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सरकार इस विषय पर काफी गंभीर है और अगले 2-4 दिनों में कोई फार्मूला या समाधान निकाल लिया जायेगा. वहीं इंडियन आयल ने मंगलवार को ऐलान किया कि 2017-18 में टैक्स के बाद उसका मुनाफ़ा 21,346 करोड़ रहा. 2014 में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 और डीजल 56.71 रुपये लीटर थी, जो अभी काफी बढ़ चुकी है.
देश में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों के शीर्ष पर पहुंच जाने को लेकर कांग्रेस ने आज सरकार फिर निशाना साधा और पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्पाद शुल्क के नाम पर पिछले चार वर्षों में ‘लूटे गए’ 10 लाख करोड़ रुपये जनता को राहत देने के लिए खर्च करने की चुनौती स्वीकार करेंगे ? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘मोदी जी ईंधन की कीमतें लगातार 11वें दिन बढ़ने पर मौन हैं. उनके कैबिनेट मंत्री चेतावनी देते हैं कि अगर ईंधन की कीमतें कम हुईं तो जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं पर खर्च कम हो जायेगा.’ उन्होंने सवाल किया, ‘क्या ईंधन की कीमतें कम करने के लिए प्रधानमंत्री केंद्रीय उत्पाद शुल्क के जरिये पिछले चार साल में लूटे गए 10 लाख करोड़ रुपये का उपयोग करने की राष्ट्र की चुनौती स्वीकार करेंगे?’ सुरजेवाला ने कहा, ‘प्रिय प्रधानमंत्री, कृपया इस चुनौती को स्वीकार कीजिए.
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