नयी दिल्ली/चंडीगढ़ः गूगल की आेर से चंडीगढ़ के किशोर हर्षित शर्मा को करीब 1.40 करोड़ रुपये का सालाना पैकेज का आॅफर दिये जाने के मामले पर प्रशासन की आेर से जांच शुरू कर दी गयी है. चंडीगढ़ प्रशासन की आेर से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गूगल की आेर से प्रशिक्षु के तौर पर चयन कर करीब 12 लाख रुपये प्रतिमाह के पैकेज दिये जाने की जांच करने का आदेश दिया है.
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चंडीगढ़ प्रशासन की आेर से जारी किये गये बयान में कहा गया है कि चंडीगढ़ के सेक्टर-33 के गवर्नमेंट माॅडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से उत्तीर्ण छात्र हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी हर्षित शर्मा को गूगल की ग्राफिक डिजायनर के तौर पर चयन करने के बाद करीब 12 लाख रुपये प्रतिमाह के पैकेज दिया गया है. इसके लिए कंपनी की आेर से प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.
ग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस की आेर से पूछे गये सवाल में गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास हर्षित शर्मा की उम्मीदवारी को लेकर हमारे पास कोर्इ रिकाॅर्ड मौजूद नहीं है. कहा यह जा रहा है कि चंडीगढ़ प्रशासन के स्कूल में पढ़ने वाले छात्र को गूगल ने 1.44 करोड़ सालाना पैकेज पर ग्राफिक डिजायनर के तौर पर नियुक्ति का आॅफर दिया है.
गौरतलब है कि चंड़ीगढ़ में पढ़ने वाला कुरुक्षेत्र के 16 साल का हर्षित शर्मा ने दावा किया था कि उसे गूगल द्वारा आइकन डिजाइनिंग प्रोग्राम के लिए चयनित किया गया है. चंडीगढ़ के जनसूचना विभाग की आेर से जारी एक बयान में कहा गया है कि चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले हर्षित का गूगल ने एक खास प्रोग्राम के लिए चयन किया है. उसे एक साल के लिए प्रशिक्षण भी दिया जायेगा.
कहा यह भी जा रहा था कि एक साल के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत हर्षित को स्टाइपन के तौर पर 4 लाख रुपये प्रतिमाह दिये जायेंगे और यह कार्यक्रम पूरा होने के बाद उसे सालाना 1.44 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जायेगा. इसके बाद गूगल की आेर से कहा जा रहा है कि सही मायने में उसकी आेर से इस बच्चे का चयन नहीं किया गया है.
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