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अनिल त्रिगुणायत
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Badi Khabar
बेहतर होते भारत-अमेरिका संबंध
कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हमेशा सीधी रेखा की स्थिति नहीं होती है, हितों के हिसाब से रिश्ते और सहयोगी बदलते रहते हैं. यही वजह है कि शीत युद्ध के दौर में भारत के विरोधी खेमे में खड़ा अमेरिका आज भारत का करीबी सहयोगी बनता जा रहा है.
Opinion
कश्मीर में जी-20 बैठक का कूटनीतिक संदेश
लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर में आयोजन कर भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत अपनी संप्रभुता वाले किसी भी क्षेत्र में ऐसे आयोजन कर सकता है.
Opinion
अराजकता की गिरफ्त में पाकिस्तान
शहबाज शरीफ सरकार हालात संभाल नहीं पा रही है. पीटीआइ पार्टी के नेताओं समेत सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेने के बाद भी विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं.
Opinion
अनुचित है पश्चिमी देशों की टीका-टिप्पणी
पश्चिम को मालूम होना चाहिए कि मुस्लिम आबादी के लिहाज से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है. यहां मुस्लिम आबादी लगभग उतनी ही है, जितनी पाकिस्तान में. अल कायदा, इस्लामिक स्टेट आदि आतंकी गिरोहों में आप भारत के गिने-चुने लोग पायेंगे. उन समूहों को देश में कोई समर्थन नहीं मिल सका.
Opinion
चीनी बैलून प्रकरण के मायने
एक बड़ी समस्या गुब्बारों की ऊंचाई को लेकर है. इस संबंध में उड्डयन के जो अंतरराष्ट्रीय नियम और समझौते हैं, उनमें बैलूनों को लेकर स्पष्टता नहीं है, लेकिन यह तो स्पष्ट है कि अगर किसी देश की कोई भी वस्तु किसी देश की वायु सीमा में बिना अनुमति के प्रवेश करती है
Opinion
संवाद करने की नीयत नहीं है पाकिस्तान की
जब शहबाज शरीफ ने बोला कि हम सभी मुद्दों पर नरेंद्र मोदी के साथ फ्री-फ्रैंक डिस्कशन करना चाहते हैं, तब उन्होंने वहां किसी तरह की कोई शर्त नहीं रखी थी, लेकिन जब वे वापस पाकिस्तान लौटे, तब उन्हें पता चला कि इमरान खान पूरी तरह उनके खिलाफ खड़े हैं