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ई-राखी से बनायें रिश्ता खास, भाइयों को भेज रही हैं बहनें Online Rakhi

रक्षाबंधन की तैयारी शुरू हो गयी है. बाजार में राखी और गिफ्ट का बाजार सज चुका है़ हालांकि रक्षाबंधन सात अगस्त को है, लेकिन अभी से ही राखी की तैयारी शुरू हो गयी है़ देश-विदेश में रहनेवाले भाई को बहनें राखी कुरियर से या अॉनलाइन भेज रही है़ं सभी ऑनलाइन राखी स्टोर्स पर अपनी पसंद […]

रक्षाबंधन की तैयारी शुरू हो गयी है. बाजार में राखी और गिफ्ट का बाजार सज चुका है़ हालांकि रक्षाबंधन सात अगस्त को है, लेकिन अभी से ही राखी की तैयारी शुरू हो गयी है़ देश-विदेश में रहनेवाले भाई को बहनें राखी कुरियर से या अॉनलाइन भेज रही है़ं
सभी ऑनलाइन राखी स्टोर्स पर अपनी पसंद की राखी और उपहार चुने जा सकते हैं. यदि किसी बहन को राखी भेजने में देर हो गयी है, तो ये पोर्टल एक्सप्रेस डिलिवरी की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं. ऑनलाइन राखी भेजने का ट्रेंड काफी बढ़ा है. इससे दूरियां काफी कम रह गयी हैं. देश-विदेश में नौकरी कर करे युवाओं को ऑनलाइन राखियां भेजी रही हैं. कई बहन और भाई रक्षाबंधन में एक-दूसरे के पास जा रहे हैं.
ऑनलाइन भेजती हैं राखी
जवाहरनगर की रहनेवाली अनीता भाई अमर निशांत को ऑनलाइन राखी भेजती हैं. वह बताती हैं कि राखी पर अपने भाई को बहुत मिस करती हूं. भाई कंप्यूटर इंजीनियर है. वह पिछले चार सालों से दुबई में नौकरी कर रहा है़ इस कारण रक्षाबंधन पर घर नहीं आ पाता है. हम तीन बहनें हैं. तीनों बहन निशांत को ऑनलाइन राखी भेजती हैं, क्याेंकि वहां कुरियर से राखी भेजने की सुविधा नहीं है.
इसलिए रक्षाबंधन के लिए वीडियो कॉल करती हूं और राखी बांधने की परंपरा निभाती हूं. मेरी दोनों बहन अमेरिका में रहती हैं. वह भी हर वर्ष अमेरिका से आॅनलाइन राखी दुबई भेजती हैं. अनीता कहती हैं कि राखी का रिश्ता भाव से जुड़ा है़ यह अहसास का त्योहार है़ राखी भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है.
ऑनलाइन राखी भेजने की तैयारी
मोरहाबादी की रहनेवाली मधु स्मिता इस बार अपने भाई को ऑनलाइन राखी भेजने की तैयारी कर रही है़ं मधु बताती हैं कि हर साल वह कुरियर से राखी भेजती थीं, लेकिन इस बार ऑनलाइन राखी भेजने की तैयारी में जुटी है़ं
मधु कहती हैं कि दीपांकर और धर्मरक्षित दोनों भाई दिल्ली में कार्यरत है़ं इस कारण वह रक्षाबंधन पर रांची नहीं आ पाते है़ं हर साल कुरियर से राखी भेज दिया करती थी, लेकिन इस बार ऑनलाइन भेजने की तैयारी है़ राखी के साथ चॉकलेट, ड्राइ फ्रूट्स भी भेजना है. भाभी के लिए भी कुछ तोहफा भेजना है. रक्षाबंधन पर दोनों भाइयों को बहुत मिस करती हूं.
11 साल में एक बार बांधी राखी
कांके रोड की रहनेवाली गीता डालमिया की बेटी सुचिता न्यूयॉर्क में रहती है़ं वह पिछले 11 सालों से न्यूयॉर्क में रह कर जॉब कर रही हैं, जबकि उनके भाई रांची में रह कर व्यवसाय कर रहे हैं. मां बताती हैं कि बेटी इतने सालों में पहले साल ही भाई को राखी बांधने आयी थी़ अब कोलकाता में रहनेवाली बहन को रक्षाबंधन पर भाई को राखी भेजने के लिए बोल देती है.
दूसरी बेटी कोलकाता से राखी कुरियर कर देती है़ वहीं गीता डालमिया कहती हैं कि रक्षाबंधन में इस बार अपने भाई के पास असम जाने की तैयारी है़ 47 साल बाद भाई को राखी बांधने जा रही हूं. परिवार संभालने के कारण हर साल राखी कुरियर से भेज देती थी, लेकिन इस बार भाई के पास जाना है.
दो साल बाद मिलेंगे भाई-बहन
कांके के बुकरू की रहनेवाली इलाजीत व उनके भाई चंद्रजीत नंदा राखी के दिन एक साथ होंगे़ इलाजीत दिल्ली और चंद्रजीत नंदा कोलकाता से रांची आ रहे है़ं चंद्रजीत नंदा कोलकाता में पढ़ाई कर रहे है़ं भाई-बहन दो साल बाद रांची आ रहे है़ं इलाजीत ने बताया कि वह शादी के बाद पहली बार घर रांची आ रही है़ं
चंद्रजीत भी समय निकाल कर आ रहे है़ं राखी के अवसर पर पूरा परिवार एक साथ होगा़ यह सोच कर ही मन रोमांचित हो रहा है़ इलाजीत का कहना है कि राखी के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने का अलग ही आनंद है़ इस आनंद के क्षण को एक बहन ही समझ सकती है़ भाई के लिए कई गिफ्ट खरीदी हूं.
इधर वर्षों बाद मिलेंगे
पांच साल बाद भैया को राखी बांधूंगी
सुरभि पिछले पांच सालों से भाई अभिषेक को राखी नहीं बांध पायी हैं, लेकिन इस बार रक्षाबंधन में भाई घर आ रहा है. इस खबर से वह काफी खुश हैं.
अब वह रक्षाबंधन का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं. वह बताती है कि पांच सालों से भैया बेंगलुरु में रह रहे हैं. इस कारण वह रक्षाबंधन में घर नहीं आ पाते हैं. इस बार तीन भाइयों में दो भाई जमुई आयेंगे़ मैं भी रांची से जमुई जा रही हूं. इस बार की राखी बहुत खास होगी़ उसी की तैयारी कर रही हूं. हॉस्टल से छुट्टी लेकर रक्षाबंधन के लिए ही जमुई जाने की योजना है.
पटना जा रही हूं राखी बांधने
ज्योत्सना राज इस बार रक्षाबंधन पर अपने तीनों भाई को राखी बांधने पटना जा रही है़ं वह बताती है कि घर परिवार को संभालने के कारण कुरियर से राखी भेज दिया करती थी़, लेकिन इस बार तीनों भाई एक जगह इकट्ठा हो रहे हैं. इसलिए वह भी छह अगस्त को पटना के लिए रवाना होंगी़
ज्योत्सना कहती हैं कि पांच सालों से राखी कुरियर से भेज पा रही हूं. राखी का त्योहार खुशियों का है. आज भी बचपन की राखी याद है, जब आस-पास में गिफ्ट के लिए भाई-बहनों में काफी नोक-झोंक हुआ करती थी. इस बार सारी खुशियों को समेटना है़ अपने भाईयों के लिए तोहफे भी लेकर जा रही हूं.

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