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निवेश बोर्ड गठित कर एमओयू को धरातल पर उतारा जायेगा

समीक्षा. इनवेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में किये गये एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए झारखंड निवेश बोर्ड का गठन किया जा रहा है. इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे तथा उपाध्यक्ष मुख्य सचिव. अध्यक्ष द्वारा प्रत्येक माह […]

समीक्षा. इनवेस्टर्स समिट में हुए एमओयू को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में किये गये एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए झारखंड निवेश बोर्ड का गठन किया जा रहा है. इस बोर्ड के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे तथा उपाध्यक्ष मुख्य सचिव. अध्यक्ष द्वारा प्रत्येक माह बैठक की जायेगी एवं उपाध्यक्ष द्वारा प्रत्येक सप्ताह. विभागों के प्रधान सचिव/सचिव बोर्ड के सदस्य होंगे. एमओयू को कार्यान्वित करने की दिशा में आनेवाली कठिनाईयों को इन बैठकों में त्वरित गति से निष्पादित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसी के तर्ज पर जिला स्तर में उपायुक्त की अध्यक्षता में ग्लोबल इनवेस्टर्स कमेटी का भी गठन किया जायेगा, जिसकी मॉनिटरिंग निदेशक, उद्योग द्वारा की जायेगी. ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में किये गये 210 एमओयू के विरुद्ध 172 एमओयू को एक साल के अंदर धरातल पर उतारने के लिए सरकार कृतसंकल्पित है.
एमओयू एवं सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्राप्त होनेवाले प्रस्तावों के निष्पादन के लिए प्रत्येक विभाग एक नोडल पदाधिकारी नियुक्त करेंगे. सिंगल विंडो सिस्टम के तर्ज पर ही जिला में डीआइसी (डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रियल सेंटर) कार्य करेगा. जिला उद्योग केंद्र के पदाधिकारी इसके नोडल पदाधिकारी होंगे. उद्योगों को धरातल पर उतारने के लिए वे जिला स्तर पर इनवेस्टर्स एवं संबंधित विभागों के बीच समन्वयक (को-ऑर्डिनेटर) की भूमिका निभायेंगे. लापरवाही बरतनेवाले पदाधिकारियों व कर्मचारियों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. श्री दास मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में हुए एमओयू के कार्यान्वयन के आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक आर्थिक मंदी में भी भारत तेजी से उभरता हुआ अर्थव्यवस्था वाला देश है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के निवेशक निवेश करना चाह रहे हैं. उनका अधिक से अधिक निवेश झारखंड में हो, इसके लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत है. सरकार की विश्वसनीयता उद्यमी को निवेश के लिए प्रेरित करती है. ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के आयोजन से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेशकों में झारखंड सरकार की विश्वसनीयता कायम हुई है. केंद्रीय मंत्रियों एवं उद्योगपतियों ने इस आयोजन की सराहना की है.
20 फरवरी तक बजट की 70.45 प्रतिशत राशि खर्च
श्री दास ने वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के बजट की भी समीक्षा की. 2016-17 में कुल योजना उदव्यय 36,673 करोड़ रुपये के विरुद्ध 20 फरवरी 2017 तक योजना मद में 25,837 करोड़ रुपये खर्च किया गया, जो 70.45 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में फरवरी 2016 तक योजना मद में 18,981 करोड़ रुपये खर्च हुआ था, जो 63 प्रतिशत था. चालू वित्तीय वर्ष में अबतक 15 विभागों द्वारा 60 प्रतिशत से अधिक राशि खर्च की गयी है. 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत के बीच सात विभाग हैं, जबकि पांच विभाग ऐसे हैं, जिनका खर्च 40 प्रतिशत से कम है. वित्तीय वर्ष 2016-17 में कोषागार से निकासी आदि से संबंधित कठिनाइयों को दूर करने के लिए वित्त विभाग के सुनील कुमार सिन्हा, विशेष कार्य पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. किसी भी तरह की कठिनाई अथवा परेशानी होने पर उनसे संपर्क किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित राज्य बनने के लिए हमें योजना मद की शत-प्रतिशत राशि का उपयोग करना होगा.
एक अप्रैल से आदिम जनजाति को पैकेट में उपलब्ध करायें खाद्यान्न
आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट एवं विनियोग विधेयक में राज्यपाल का अनुमोदन प्राप्त हो गया है तथा राज्य योजना प्राधिकृत समिति की बैठक प्रारंभ हो गयी है.
20 फरवरी को राज्य योजना प्राधिकृत समिति में कुल 4,009.13 करोड़ रुपये के 38 प्रस्तावों की अनुशंसा की जा चुकी है. 23 फरवरी 2017 से लेकर 31 मार्च 2017 तक प्रत्येक गुरुवार को शाम चार बजे से राज्य योजना प्राधिकृत समिति की बैठक योजना भवन में की जायेगी, ताकि एक अप्रैल 2017 के पूर्व नयी योजनाओं की स्वीकृति दी जा सके. श्री दास ने कहा कि बजट में की गयी महत्वपूर्ण घोषणा यथा 68 हजार आदिम जनजाति परिवार को स्किल्ड पैकेट में एक अप्रैल से खाद्यान उपलब्ध कराने की कार्रवाई अभी से प्रारंभ कर दी जाये. उन्होंने कहा कि यह भी देखने की आवश्यकता है कि पीएल अकांउट की राशि का उपयोग किया जा रहा है या नहीं.
योजना मद की राशि के विरुद्ध किये जा रहे कार्यों के भौतिक निरीक्षण का भी निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 झारखंड के विकास का टर्निंग प्वाइंट है. उन्होंने ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के सफल आयोजन के लिए सभी को धन्यवाद दिया. बैठक में मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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