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पांच साल में विश्वस्तरीय बनेगा रांची रेलवे स्टेशन

रेल मंत्री ने किया 23 स्टेशनों के पुनरुद्धार योजना का शुभारंभ रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को नयी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये रांची सहित देश के 23 प्रमुख स्टेशनों के पुनरुद्धार कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर रांची मंडल के रेलवे के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया.योजना के तहत रांची […]

रेल मंत्री ने किया 23 स्टेशनों के पुनरुद्धार योजना का शुभारंभ
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बुधवार को नयी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये रांची सहित देश के 23 प्रमुख स्टेशनों के पुनरुद्धार कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस अवसर पर रांची मंडल के रेलवे के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया.योजना के तहत रांची रेलवे स्टेशन का पुनरुद्धार का काम चार से पांच साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
रांची : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि इस योजना पर लगभग 400 से 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. कई बड़ी कंपनियां निविदा में हिस्सा लेने को तैयार हैं.
उन्हाेंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी रेलवे स्टेशनों के पुनरुद्धार का काम पीपीपी मोड पर होगा. रेलवे इस योजना में एक भी पैसा नहीं लगायेगा. पूरा काम निजी कंपनियां ही देखेंगी और वही रेलवे को राजस्व भी देंगी.
रेल मंत्री के अनुसार निजी कंपनियां रेलवे की जमीन का विकास कर उससे मुनाफा कमायेंगी और उसी मुनाफे से रेलवे स्टेशनों का विकास भी करेंगी. रेलवे स्टेशन के विकास के बगैर निजी कंपनियां अपने तैयार सामग्री का उपयोग नहीं कर पायेंगी. प्लेटफार्म टिकट से लेकर यात्रा टिकट और पार्सल सहित अन्य प्रक्रिया का स्वामित्व रेलवे के हाथों में ही रहेगा.
केवल स्टेशन परिसर में चलनेवाली दुकानों पर कंपनियों के अधीन होंगी. रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे ने इस पूरी परियोजना के लिए बेवसाइट पर इसके लिए अलग वेबपेज भी तैयार किया है. इस पर योजना से संबंधित सारे कागजात उपलब्ध करा दिये गये हैं. इधर, रांची में इस परियोजना के लिए नोडल अधिकारी के रूप में सीनियर डीइएन समन्वयक विशाल आनंद को नियुक्त किया गया है.
‘ए-क्लास’ स्टेशनों में शामिल है रांची : रांची रेलवे स्टेशन देश के ‘ए-क्लास’ स्टेशनों में शामिल है, जहां पुनरुद्धार योजना के तहत विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. हालांकि, रांची को राजधानी होने का भी फायदा मिला है. देश के एवन स्टेशनों को जहां आइकोनिक स्टेशन की तर्ज पर विकसित किया जायेगा. वहीं, ‘ए-क्लास’ स्टेशनों को प्रीमियर स्टेशन की तर्ज पर विकसित किया जायेगा. हबीबगंज और कटरा रेलवे स्टेशनों को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है. इसके निर्माण की लागत 2000 से 4000 हजार रुपये प्रति स्कवायर फीट होगी.
कंपनियों को अतिक्रमण मुक्त जमीन उपलब्ध करायेगा रेलवे : जो कंपनी पुनरुद्धार का काम लेगी, उसे रेलवे अतिक्रमण मुक्त जगह लीज पर देगा. लीज की अवधि 45 साल की होगी.
इसके लिए निविदा निकाली जायेगी. जिसकी बोली सबसे अधिक होगी, उसे इसका डीपीआर बनाने के लिए कहा जायेगा. डीपीआर बनाने के बाद इसे फिर से बाजार में लाया जायेगा. इस पर निविदा लेनेवाली जाे कंपनी से अधिक की बोली लगायेगी, उसे यह काम दे दिया जायेगा. बदले में उस कंपनी को डीपीआर तैयार करने सहित अन्य खर्च की राशि उन्हें अदा करनी होगी. रांची रेलवे स्टेशन के पुनरुद्धार के लिए अोवरब्रिज से चुटिया तक और दूसरी तरफ राजेंद्र चौक से लेकर रेलवे कॉलोनी जानेवाली जमीन चिह्नित की गयी है. इसमें बहुत हद तक जमीन रेलवे की अपनी है. वहीं, कुछ जमीन अधिग्रहित करनी होगी.
रांची रेल मंडल के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डीआरएम संतोष कुमार अग्रवाल, धनबाद के डीआरएम मनोज अखौरी, रांची के एडीआरएम विजय कुमार, सीनियर डीइएन समन्वयक विशाल आनंद, कार्मिक अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल, वरीय वाणिज्यिक प्रबंधक नीरज कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
04 सौ करोड़ से अधिक रुपये खर्च होंगे परियोजना पर
05 साल तक का समय लगेगा इस काम को पूरा करने में
45 साल की लीज पर रेलवे की जमीन मिलेगी कंपनियों को
एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं : योजना के तहत रांची रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बेहतर लाउंज, एक्सकेलेटर, आने-जाने के लिए अलग रास्ते, वाईफाई, बड़ी-बड़ी दुकानें, कार्यालयों के लिए जगह, होटल, रेस्तरां सहित अन्य सुविधाएं स्थापित की जायेंगी.

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