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रेल बजट: झारखंड के लोगों काे काफी उम्मीदें, अच्छा-खासा राजस्व देता है रांची रेल मंडल, अच्छी कमाई, फिर भी होती रही उपेक्षा

रांची: रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देनेवाले राज्यों में से एक है झारखंड. वहीं, छोटा मंडल होने के बावजूद रांची रेल मंडल अच्छा-खासा राजस्व देता है. यहां एक अप्रैल से 31 दिसंबर तक 375 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इसमें माल ढ़ुलाई और यात्री टिकट के अलावा अन्य कमाई शामिल हैं. इसके बावजूद रेल […]

रांची: रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देनेवाले राज्यों में से एक है झारखंड. वहीं, छोटा मंडल होने के बावजूद रांची रेल मंडल अच्छा-खासा राजस्व देता है. यहां एक अप्रैल से 31 दिसंबर तक 375 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इसमें माल ढ़ुलाई और यात्री टिकट के अलावा अन्य कमाई शामिल हैं. इसके बावजूद रेल परियोजनाओं के मामले में इसकी उपेक्षा जारी है. राज्य सरकार की अोर से रेल मंत्री से कई मांगें की गयीं, जिसमें से ज्यादातर अब भी अधूरी हैं. यदि ये पूरी हो जाती हैं, तो देश के रेल मानचित्र में राज्य का अहम स्थान होगा.
संरक्षा व सुरक्षा पर रहेगा जोर : डीआरएम : रांची रेल मंडल के डीआरएम संतोष कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस बजट में रेलवे संरक्षा व सुरक्षा पर जोर रहने की उम्मीद है. बीते साल रेल पटरियां टूटने से कई दुर्घटनाएं हुई हैं. इस क्षेत्र में कई विदेशी कंपनियों ने रेल मंत्री से बातचीत की है. विभिन्न संघों की अोर से भी कई मांगें आयी थीं, जिन्हें मुख्यालय भेजा गया है. इसमें से कई पूरी होने की उम्मीद है.
पुरानी मांगें पूरी हो जायें, वहीं काफी है : मुकेश : जेएंडआरयूसीसी सदस्य मुकेश कुमार ने कहा कि राज्य से सबसे अधिक राजस्व मिलता है, बावजूद यहां की उपेक्षा होती है. ट्रेनों में पुराने कोचों को हटा कर नये कोच लगाने, राजधानी की सेवा बेहतर करने सहित हमारी कई पुरानी मांगें हैं. यदि रेल मंत्रालय इन मांगों को ही पूरा कर दे, तो राज्य में रेल सेवाओं का कायाकल्प हो जायेगा.
मांगें, जो पूरी नहीं हुईंं
रांची-नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को प्रतिदिन किया जाये
रांची-नयी दिल्ली गरीब रथ एक्सप्रेस को प्रतिदिन किया जाये
रांची से हरिद्वार और पंजाब के लिए वाया लखनऊ नयी ट्रेन
रांची से सूरत के लिए प्रतिदिन ट्रेन चलायी जाये
रांची से बिहार के लिए प्रतिदिन सुपर फास्ट ट्रेन चलायी जाये
रांची-जयनगर एक्सप्रेस को सुपरफास्ट बनाकर प्रतिदिन चलाया जाये
हटिया-मुंबई एलटीटीई और यशवंतपुर को प्रतिदिन किया जाये
हटिया से विशाखापट्टनम प्रतिदिन एक जोड़ी सुपरफास्ट ट्रेन चले
रांची से चेन्नई के लिए सुपरफास्ट ट्रेन चलायी जाये
रांची से इंदौर सहित अन्य जगहों के लिए सीधी ट्रेन सेवा शुरू की जाये
मांगें, जो इस बार रेल मंत्रालय को भेजी गयी हैं
मुरी यार्ड में पांच डायमंड प्वाइंट लाइन नंबर एक से पांच के बीच को हटाया जाये
हटिया में न्यू गुड्स शेड कार्यालय और संबंधित रोड बनायी जाये
रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार व पांच में प्लेटफार्म का शेल्टर बढ़ाया जाये
हटिया-अोरगा सेक्शन के अंतर्गत आनेवाले विभिन्न स्टेशनों में यात्री सुविधा बढ़ायी जाये
रांची स्टेशन में रेन वाटर हारवेस्टिंग सिस्टम बनायी जाये
गोला रोड में एप्रोच रोड और गुड्स शेड बनाया जाये
1997 करोड़ की रेल परियोजना की लागत हो गयी 5775 करोड़
2002 से 2007 के बीच शुरू हुई 1997 करोड़ की पांच रेल परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हुईं. इस कारण योजनाओं की लागत बढ़ कर 5775 करोड़ रुपये हो गयी है. काम में देरी के कारण योजना की लागत करीब तीन गुना बढ़ गयी है.
वर्ष 2002 में शुरू हुई योजना का काम वर्ष 2007 में खत्म करना था, लेकिन काम समाप्त नहीं हुआ. इसके बाद 2012 में राज्य सरकार व रेल मंत्रालय के बीच 2007 की तारीख से दोबारा एकरारनामा (एमओयू) हुआ. इसमें योजनाओं की लागत बढ़ कर 3771 करोड़ रुपये हो गयी. इस एकरारनामे के मुताबिक मार्च 2013 तक सभी परियोजनाओं का काम पूरा कर लिया जाना था, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. तब तीसरी बार राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच एकरारनामा (एमओयू) हुआ. इसमें योजनाओं की लात बढ़ कर 5775 करोड़ रुपये हो गयी. इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार वर्ष 2012-13 तक 2219 करोड़ रुपये रेल मंत्रालय को दे चुकी है.
सिर्फ एक परियोजना हुई पूरी : राज्य के पहले सीएम बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल के दौरान 2002 में 565 किमी की कुल छह रेल परियोजना शुरू की गयी थी. इसमें रांची-बरकाकाना-हजारीबाग-कोडरमा रेल लाइन (203किमी), रांची-लोहरदगा-टोरी रेल लाइन (113), कोडरमा-तिलैया रेल लाइन (14 किमी), कोडरमा-गिरिडीह रेल लाइन (111 किमी), दुमका-रामपुरहाट रेल लाइन (64 किमी) व देवघर-दुमका रेल लाइन (60 किमी) शामिल है. देवघर-दुमका व दुमका-रामपुरहाट (कुल 124 किमी) का निर्माण पूरा हुआ है और रेल सेवा शुरू कर दी गयी है. वहीं रांची-बरकाकाना-हजारीबाग-कोडरमा रेल खंड के कोडरमा से हजारीबाग तक (करीब 80 किमी) का काम पूरा हो गया है और रेल सेवा चालू कर दी गयी है. रांची-लोहरदगा-टोरी रेल खंड में रांची-बड़कीचांपी (93 किमी) का काम पूरा हो गया है. बड़कीचांपी से टोरी (20 किमी) का निर्माण बाकी है. इसी तरह कोडरमा-गिरिडीह रेल खंड में 34 किमी का काम पूरा हो चुका है.

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