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15 मिनट में जीएसटी बिल पास

रांची : झारखंड वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी), 2017 गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र में पास हो गया़ जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर सदन के अंदर कोई चर्चा नहीं हो सकी़ झामुमो के हो-हल्ला, हंगामा, नारेबाजी के बीच महज 15 मिनट में विधेयक ध्वनिमत से पारित कराया गया़ जीएसटी के लिए बुलाये गये […]

रांची : झारखंड वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (जीएसटी), 2017 गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र में पास हो गया़ जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर सदन के अंदर कोई चर्चा नहीं हो सकी़ झामुमो के हो-हल्ला, हंगामा, नारेबाजी के बीच महज 15 मिनट में विधेयक ध्वनिमत से पारित कराया गया़ जीएसटी के लिए बुलाये गये विशेष सत्र भी सीएनटी-एसपीटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ झामुमो के हंगामे की भेंट चढ़ गया़ प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने सत्र शुरू होने के बाद दिन के करीब 11़ 15 बजे सदन के पटल पर बिल रखा.
मंत्री श्री सिंह कर प्रणाली में हुए बदलाव और नयी व्यवस्था की जानकारी दे ही ही रहे थे, तभी प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने यह कहते हुए कि स्टेट नहीं बचेगा, तो जीएसटी का क्या होगा़ सीएनटी-एसपीटी में संशोधन सरकार वापस लेगी, तो सहयोग करेंगे़ प्रतिपक्ष के नेता की टिप्पणी के बाद झामुमो विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी़ झामुमो विधायक वेल में घुस गये़
प्रभारी मंत्री सीपी सिंह को स्पीकर ने बैठने को कहा, वह अपनी बात पूरी नहीं कर पाये़ इसके बाद विधेयक को पास कराने की प्रक्रिया शुरू कर हुई़ करीब 11़ 30 बजे विधेयक को पास कराने के लिए स्पीकर ने हां-ना की औपचारिकता पूरी की़ जीएसटी विधेयक पर झामुमो के स्टीफन मरांडी ने संशोधन का प्रस्ताव दिया था, लेकिन सदन में कोई बात नहीं रखी़ एक दिन के विशेष सत्र में केवल औपचारिकता पूरी हुई़ स्पीकर ने वक्तव्य दिया, दिवंगत हस्तियों को याद किया, इस तरह एक दिन के सत्र लगभग 50 मिनट में समाप्त हो गया. 11़ 04 बजे स्पीकर दिनेश उरांव सदन में पहुंचे़ 11़ 54 तक हो-हंगामा के बीच जरूरी विधायी कार्य पूरा कर कार्यवाही स्थगित कर दी गयी़
विधेयक में है तकनीकी भूल, दो जगह हुई गलती
झारखंड विधानसभा से पारित जीएसटी-2017 में तकनीकी भूल है़ यह भूल अध्याय एक के कंडिका-53 और 103 में है़ अधिनियम के कंडिका एक, पृष्ठ संख्या-1 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि यह पूरे राज्य में प्रभावी होगा़ इस बात का उल्लेख होने के बाद कंडिका-53, पृष्ठ संख्या- 8 में सरकार का अर्थ झारखंड सरकार होना चाहिए, लेकिन अधिनियम में कंडिका-53 में सरकार का अर्थ केंद्र सरकार लिखा गया है़
केंद्र सरकार द्वारा पारित जीएसटी एक्ट की कंडिका-103 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि यह अधिनियम कहां-कहां प्रभावी होगा़ इस मामले में यह कहा गया है कि यह अधिनियम राज्यों के अलावा वैसे केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावी होगा, जिनके पास विधानसभा है़ केंद्र सरकार द्वारा की गयी इस व्याख्या के आलोक में राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयक की कंडिका 103 में राज्य का अर्थ सिर्फ झारखंड लिखना था, लेकिन विधेयक मेें दिल्ली, पुंडुचेरी के अलावा सभी राज्यों के बारे में लिख दिया गया, जो नियम सम्मत नहीं है़
झामुमो विधायक वेल में घुसे, स्टीफन मरांडी ने लाया था संशोधन, पार्टी ने खुद
भी नहीं रखी बात, जीएसटी पर मंत्री सीपी सिंह को भी नहीं दिया गया बोलने
भ्रष्टाचार होगा खत्म
इंस्पेक्टर राज व भ्रष्टाचार खत्म होगा़ ऑन लाइन सिस्टम होने से चोरी की गुंजाइश समाप्त होगी़ महंगाई नहीं बढ़ेगी़ संघीय ढांचा मजबूत होगा़ उत्पादक राज्यों को जो घाटा होगा, उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी़ राज्य सरकार ने इसे लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है़ सबके सहयोग से कमियां दूर की जायेगी.
-रघुवर दास, मुख्यमंत्री
एक देश, एक बाजार
झारखंड के लिए महत्वपूर्ण दिन है़ एक देश, एक बाजार से उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा़ पहले अलग-अलग 18 तरह के कर भरने पड़ते थे़ पांच वर्षों तक केंद्र सरकार मुआवजा देगी़ सेवा कर में हिस्सेदारी मिलेगी
– सीपी सिंह, मंत्री
सीएनटी है बड़ा मुद्दा
जीएसटी से बड़ा मुद्दा सीएनटी-एसपीटी है़ सरकार हठधर्मिता से बिल पास करा रही है़ सीएनटी-एसपीटी में संशोधन से आदिवासियों का विनाश होगा़ आदिवासी-मूलवासी बचेंगे ही नहीं, तो जीएसटी का क्या होगा़
-हेमंत सोरेन, प्रतिपक्ष के नेता

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