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अमृत सिद्धि योग में की जायेगी पूजा, आज धूम-धाम से मनेगी जन्माष्टमी

पटना : शनिवार को जन्माष्टमी पूरे देश में धूम -धाम से मनायी जायेगी. शुक्रवार को मंदिरों व बाजारों में जन्माष्टमी की तैयारी दिखी. जगह-जगह कृष्ण की मूर्तियां व उनके साजो-शृंगार के समान से बाजार पटे रहे. कोई नंद लाल के झूले की, तो कोई उनके मुकुट की खरीदारी में लीन दिखा. शनिवार की मध्यरात्रि भगवान […]

पटना : शनिवार को जन्माष्टमी पूरे देश में धूम -धाम से मनायी जायेगी. शुक्रवार को मंदिरों व बाजारों में जन्माष्टमी की तैयारी दिखी. जगह-जगह कृष्ण की मूर्तियां व उनके साजो-शृंगार के समान से बाजार पटे रहे.
कोई नंद लाल के झूले की, तो कोई उनके मुकुट की खरीदारी में लीन दिखा. शनिवार की मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जायेगी. भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र दिन शनिवार को जन्माष्टमी का व्रत मनाया जायेगा.
पंडित श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार इस बार शनिवार को भाद्रपद कृष्ण सप्तमी तिथि दिन में 8.52 मिनट तक है. इसके बाद अष्टमी तिथि हो शुरू हो जायेगी, जो अगले दिन रविवार को सुबह 7.27 बजे तक रहेगी. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि के मध्य रात्रि को राेहिणी नक्षत्र में हुआ था. इस बार दोनों योग शनिवार को मिल रहे हैं.
ज्योतिषशास्त्र व पंचागों के अनुसार इस बार जन्माष्टमी दिन वृषभ राशि के चंद्रमा बालव करण योग तथा रोहिणी नक्षत्र में हो रहा है. भगवान श्री कृष्ण का जन्म भी इसी अष्टमी तिथि के रोहिणी नक्षत्र हुआ है. शनिवार को ये सारे योग एक साथ होने से अमृत सिद्धि योग बन रहा है. इस योग में श्री कृष्ण की पूजा सुख -शांति समृद्धि देनेवाला माना गया है.
गृहस्थ समुदाय के लोग भगवान श्री कृष्ण का व्रत करते हैं. वहीं, वैष्णव समुदाय के लोग जन्मोत्सव के रूप में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं. शनिवार की मध्य रात्रि श्री कृष्ण का दूध , दही व शहद से अभिषेक किया जायेगा. इसके बाद झूला सजायी जायेगी.इसके बाद शंख तथा घंटों के निनाद से कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व मनाया जायेगा. इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों करते हैं.
राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दीं शुभकामनाएं
राज्यपाल रामनाथ कोविन्द व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के सुअवसर पर बिहारवासियों व देशवासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी है. राज्यपाल ने कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन-चरित्र ज्ञान, कर्म एवं प्रेम का अद्भुत सम्मिलन है, जिससे हमें अनुपम प्रेरणा मिलती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति व परंपरा में पर्व त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत व विविधता में एकता के प्रतीक हैं. इन अवसरों पर लोग पारस्परिक भेदभा‌व भूल जाते हैं और सामाजिक समरसता व सौहार्द्र का वातावरण बन जाता है.

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