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रेलवे से पार्सल की जा रहीं प्रतिबंधित वस्तुएं

लापरवाही : ट्रेन के पार्सल कोच में मिले लाखों के विदेशी सिगरेट, शराब व दवाओं से खुलासा प्रभात रंजन पटना :व्यापारियों व रेल यात्रियों को समान लाने या भेजने को लेकर रेलवे ने पार्सल की व्यवस्था की है. पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग नहीं हो और पार्सल कोच तक प्रतिबंधित समान नहीं पहुंचे. इसको […]

लापरवाही : ट्रेन के पार्सल कोच में मिले लाखों के विदेशी सिगरेट, शराब व दवाओं से खुलासा
प्रभात रंजन
पटना :व्यापारियों व रेल यात्रियों को समान लाने या भेजने को लेकर रेलवे ने पार्सल की व्यवस्था की है. पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग नहीं हो और पार्सल कोच तक प्रतिबंधित समान नहीं पहुंचे. इसको लेकर पार्सल इंचार्ज की प्रतिनियुक्ति की गयी है, जो एक-एक पार्सल की चेकिंग करने के साथ-साथ लोड करने की अनुमति देता है. लेकिन, बुकिंग पार्सल पैकेट में क्या सामान है, इसकी जांच करने का अधिकार रेलवे को नहीं है.
बुकिंग करने से पहले पार्सल पैकेट की स्कैन नहीं किया जाता है. इस स्थिति में विस्फोटक समान की भी पार्सल में बुकिंग करवा कर अप्रिय घटना का अंजाम दिया जा सकता है.
इसका बड़ा खामियाजा रेलवे को भुगतना पड़ सकता है. हाल ही में पार्सल कोच व पार्सल घर से प्रतिबंधित वस्तुओं के बरामद होने से इस तरह की आशंका और बढ़ गयी है. इसके बावजूद रेलवे के अधिकारी पार्सल बुकिंग को लेकर सतर्क नहीं हो रहे हैं.
फायदे के चक्कर में किया जा रहा खिलवाड़: रेलवे खुद से पार्सल की बुकिंग करता है. इसके साथ ही लीज पर दिये कोच में भी पार्सल बुकिंग किया जाता है. इन बुकिंग पार्सल में लोड-अनलोड होने वाले सामानों की निगरानी पार्सल इंचार्ज की है. इसके साथ ही वाणिज्य कर विभाग भी निगरानी करता है. लेकिन, अधिक से अधिक राजस्व प्राप्ति के चक्कर में पार्सल में क्या बुक हो रहा है और कौन बुक करवा रहा है. इसकी कोई प्रॉपर जांच नहीं की जा रही है. सामान पर शक होने या गुप्त सूचना मिलने पर छापेमारी की जाती है, तो पार्सल कोच व पार्सल घर से प्रतिबंधित वस्तुएं और तस्करी के समान बरामद किये जाते हैं.
फर्जी नाम-पते पर होती है बुकिंग: दानापुर रेलमंडल के जंकशन, राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्र जंकशन व दानापुर पार्सल बुकिंग की लोड व अनलोड बड़े पैमाने पर किया जाता है. पार्सल बुकिंग को रेलवे ने कंप्यूटराइज कर दिया है, ताकि राजस्व का हेरफेर नहीं किया जा सके, लेकिन बुकिंग कराने वाले की सही पहचान पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. इससे प्रतिबंधित वस्तुओं को फर्जी नाम व पता से पार्सल की बुकिंग आसानी से की जा रही है. फर्जी नाम पता होने से समान बरामद होने के बावजूद बुकिंग करने वाले व्यक्ति पकड़ में नहीं आ पाते हैं.
जांच करने का अधिकार रेलवे को नहीं: दानापुर रेल मंडल के पीआरओ संजय प्रसाद कहते है कि पार्सल बुकिंग के सारे नियम रेलवे फ्लो करता है. पार्सल पैकेट को खोल कर जांच करने का अधिकार रेलवे को नहीं है. यह अधिकार सिविल अधिकारी को दी गयी है. बुकिंग कराने वाले जो नाम-पता देते हैं, उसके आधार पर ही पार्सल बुक किया जाता है.
राजस्व के चक्कर में रेलवे नहीं करता सामान की प्रॉपर जांच
जनवरी में जंकशन पर महानंदा एक्सप्रेस रुकी, तो सीमा शुल्क व रेलवे की टीम ने एक्सप्रेस के पार्सल कोच की जांच ली. इसमें 16 बैग चीन व थाइलैंड निर्मित सिगरेट बरामद की गयी. सिगरेट की कीमत 60 लाख रुपये आंकी गयी. छापेमारी में तस्करी का समान मिला, लेकिन बुक करानेवाले नहीं मिले.
गिरफ्त में नहीं आये.
जंकशन व टर्मिनल के पार्सल घर से अमूमन प्रतिबंधित दवाएं बरामद की गयी हैं. पी पार्सल बुक करानेवाले कर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और न ही बुकिंग करवाने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी ही की जा सकी है.
मार्च माह के अंतिम सप्ताह में जंकशन जीआरपी को सूचना मिली कि पार्सल से विदेशी शराब मंगवाया गया है. सूचना के आधार पर जंकशन के पार्सल घर में छापेमारी की गयी, तो एक पैकेट में 24 बोतल विदेशी शराब बरामद की गयी.मामले में अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गयी, लेकिन अभियुक्त नहीं पकड़े गये.

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