इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव वी रमेश, श्रीकांत मिश्रा, अरुण पाल और वेणु गोपाल आदि मंच पर उपस्थित थे. सम्मेलन में एक स्वर से केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों एवं केंद्र के द्वारा एलआइसी और चार जनरल इंश्योरेंस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश की योजना की आलोचना की गयी. कहा गया कि आम बीमाधारकों के साथ-साथ एलआइसी कर्मियों एवं अधिकारियों को यह चिंता होनी चाहिए कि केंद्र सरकार जबरन एलआइसी और पब्लिक सेक्टर की चार जनरल इंश्योंस बीमा कंपनियों-यूनाइटेड जनरल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्याेरेंस कारपोरशन ऑफ इंडिया, ओरिंएटल इंश्योरेंस और न्यू इंडिया इंश्योरेंस का विनिवेश करने को लेकर ताकत लगा रही है.
यह तब हो रहा है जब बेहद कम पूंजी निवेश के बदले पब्लिक सेक्टर की बीमा कंपनी एलआइसी और जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां बड़ा लाभांश हर साल सरकार को दे रही हैं. एलएआइसी ने इस साल अकेले भारत सरकार को अब तक के 100 करोड़ रुपये पूंजी निवेश पर 2500 करोड़ का लाभांश सौंपा है. ऐसे में एलआइसी का निजीकरण एवं विनिवेश की बात समझ से पड़े है. इस मौके पर वेबसाइट की लांचिंग भी की गयी. इस मौके पर 300 डेलिगेट व प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.