आंदोलन. कार्य से हटाये गये राजमहल परियोजना के प्राइवेट सुरक्षा गार्डों ने खोला मोरचा
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एरिया कार्यालय के समक्ष अनशन पर बैठे
आंदोलन. कार्य से हटाये गये राजमहल परियोजना के प्राइवेट सुरक्षा गार्डों ने खोला मोरचा कार्य से निकाले गये 46 प्राइवेट गार्डों ने राजमहल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. एरिया कार्यालय के समक्ष तंबू गाड़ कर सुरक्षा गार्ड अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गये हैं. बोआरीजोर : पुन: काम पर रखने की मांग को […]
कार्य से निकाले गये 46 प्राइवेट गार्डों ने राजमहल परियोजना प्रबंधन के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. एरिया कार्यालय के समक्ष तंबू गाड़ कर सुरक्षा गार्ड अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गये हैं.
बोआरीजोर : पुन: काम पर रखने की मांग को लेकर राजमहल परियोजना में कार्यरत प्राइवेट सुरक्षा गार्डों ने शनिवार को परियोजना के एरिया कार्यालय के सक्षम तंबू तान कर अनिश्चितकालीन अनशन व धरना पर बैठ गये. अनशन पर बैठे सुरक्षा गार्डों ने बताया कि परियोजना द्वारा उन्हें कार्य से हटा दिया गया है. इस कारण उनके बीच तंगी व भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. बताया कि परियोजना में कुल 60 प्राइवेट सुरक्षा कर्मी कार्यरत थे. जिन्हें हटा दिया गया है.
बाद में 14 सुरक्षा कर्मियों को पुन: कार्य में रख लिया गया. शेष बचे सुरक्षा कर्मियों को नहीं रखा गया. उन्होंने बताया कि परियोजना के सिमलौंग व राजमहल में कार्य करते उन्हें करीब 15 साल हो गये हैं. इतने लंबे वर्षों तक कार्य करने के बाद भी परियोजना द्वारा बिना कोई पूर्व सूचना के ही कार्य से हटा दिया गया है. काम नहीं रहने से परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है. परियोजना उनकी जगह होमगार्डों की बहाली कर रही है, जिसका वो विरोध कर रहे हैं. कहा कि अपनी मांगों को लेकर एरिया कार्यालय के समक्ष धरना दिया जा रहा है. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती तब तक धरना व अनशन जारी रहेगा. मजदूरों ने बताया कि अब भी 46 सुरक्षा कर्मियों का परियोजना कार्य पर नहीं रखी है. धरना देने वालों में मैसा पहाड़िया, सुरेश हेंब्रम, मितलाल टुडू, सहवान अंसारी, जमाल अंसारी, उमेश चौधरी, मनोज मुर्मू, शिवलाल पासवान सहित दर्जनों सुरक्षा कर्मी बैठे हैं.
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