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जमुई : चिमनी भट्ठा मालिक अगवा एक करोड़ की मांगी फिरौती
लक्ष्मीपुर (जमुई) : शनिवार की संध्या लक्ष्मीपुर थाने के ककनचौर टोला राजा डाक निवासी गोपाल मंडल को अगवा कर लिया गया. देर संध्या अपराधियों ने अपहृत के ही मोबाइल से फोन कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है. अपहृत के परिजनों ने इस संबंध में थाने में आवेदन दिया है. जानकारी के अनुसार, अपहृत […]
लक्ष्मीपुर (जमुई) : शनिवार की संध्या लक्ष्मीपुर थाने के ककनचौर टोला राजा डाक निवासी गोपाल मंडल को अगवा कर लिया गया. देर संध्या अपराधियों ने अपहृत के ही मोबाइल से फोन कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है. अपहृत के परिजनों ने इस संबंध में थाने में आवेदन दिया है.
जानकारी के अनुसार, अपहृत गोपाल मंडल शनिवार की सुबह आठ बजे जमुई मुख्यालय के लिए घर से बाइक से निकला था, जहां से वापस लौटने के क्रम में उसका अपहरण कर लिया गया. उसकी बाइक मटिया बाजार में सड़क किनारे खड़ी मिली. रविवार की सुबह अपहृत गोपाल के मोबाइल से भाई शंभु मंडल के नंबर पर फोन आया कि मैं बाबा बोल रहा हूं तुम्हारे भाई का अपहरण कर लिया गया है.
जल्द-से-जल्द एक करोड़ रुपये का इंतजाम कर पहुंचा दो, नहीं तो तुम्हारे भाई को मारकर चिमनी भट्ठा पर पहुंचा देंगे. परिजनों ने बताया कि अपराधियों ने देवघर में पढ़ रहे गोपाल के पुत्र अभिषेक, उसका भतीजा सुधांशु तथा साला को भी फोन कर फिरौती मांगी है. साथ ही धमकी देते हुए कहा कि अगर पुलिस को बताया तो परिणाम बुरा होगा.
वर्ष 2012 में तीनों भाइयों का हो चुका है अपहरण : वर्ष 2012 में अपराधियों ने तीनों भाई गोपाल मंडल, शंभु मंडल व गणेश मंडल का अपहरण कर लिया था. इसके बाद तीन लाख रुपये की फिरौती देने पर छोड़ा गया था. इसके बाद अपराधियों ने चिमनी भट्ठा चलाने के लिए लेवी की मांग की थी तथा नहीं देने पर 19 मार्च, 2014 को भट्ठा पर धावा बोलकर तोड़फोड़ व मजदूरों के साथ मारपीट भी की थी.
इसके पश्चात बगल के चिमनी मालिक धरवा निवासी निराला यादव का अपहरण कर लिया था. उसे भी फिरौती की मोटी रकम चुकाने के बाद ही रिहा किया था.
जमुई : घर पहुंचा अपहृत पंचायत रोजगार सेवक
बरहट (जमुई). लखैया पंचायत के लकरा निवासी अपहृत पंचायत रोजगार सेवक प्रदीप कुमार रविवार की सुबह सकुशल घर पहुंच गये. पुलिस के समक्ष प्रदीप ने बताया कि दाढ़ी बनवाने के लिए बाजार जा रहा था. रास्ते में स्कॉर्पियो के साथ मौजूद दो लोगों ने मुझे बैठा लिया. इसके बाद मुझे खादीग्राम ले गये. इसके बाद क्या हुआ मुझे कुछ याद नहीं है. जब मेरी आंख खुली तो मैं ट्रेन में था, जहां से वे लोग मुझे इलाहाबाद उतार कर पास के जंगल में ले जाकर रखा.
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