नयी दिल्ली : भारत का विश्व कप अभियान सेमीफाइनल में समाप्त होने के बाद भारतीय ड्रेसिंग रुप में शोक का सा मंजर बन गया था जबकि क्रिकेट के दीवाने पूरे देश को भी यह हार दर्द में डुबो गयी. ऑस्ट्रेलिया से 95 रन से हार की निराशा भारतीय खिलाडियों और उसके कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के चेहरे पर साफ दिख रही थी. इससे करोडों भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का दिल टूट गया.
धौनी और उनके खिलाडियों ने जहां अपनी भावनाओं को काबू में रखा वहीं सिडनी क्रिकेट ग्राउंड और हजारों मील दूर भारत में कई लोग अपने आंसू नहीं थाम पाये. रिपोर्टों के अनुसार धौनी के गृहनगर रांची में एक व्यक्ति ने अपना टीवी तोड दिया जबकि कुछ लोगों ने अपने पसंदीदा क्रिकेटरों के पुतले जलाये. दिल्ली एक परिवार ने अपना सप्ताहांत का कार्यक्रम ही रद्द कर दिया तो मुंबई और कोलकाता में समर्थकों को एक दूसरे को दिलासा देते हुए देखा गया.
ऑस्ट्रेलिया में और भारत में भारतीयों ने रविवार को होने वाले फाइनल के लिये खास कार्यक्रम बनाया था लेकिन हार से उनकी सारी तैयारियां धरी की धरी रह गयी. युवा पत्रकार तृषा ने कहा, मैंने रविवार को अवकाश की योजना बनायी थी ताकि मैं आराम से घर में मैच देख सकूं. मैंने अपने बॉस से छुट्टी के लिये आग्रह किया था. अब मैं आहत महसूस कर रही हूं. मैं टीम को हर हाल में जीतते हुए देखना चाहती थी.
साफ्टवेयर पेशेवर शाइनी ने भी पहली ही अपनी योजना बना ली थी. उसने कहा, इतने शानदार अभियान के बाद इस तरह से हार की हमने उम्मीद भी नहीं की थी. यह निश्चित रुप से हम सबके लिये बेहद दुखद क्षण है. सिर्फ युवा ही नहीं प्रौढ भी भारत की हार से आहते थे. रिटायर्ड प्रोफेसर 79 वर्षीय गुलशन लाल खन्ना ने कहा, मैं नहीं जानता कि भारत को फिर से वनडे क्रिकेट विश्व कप जीतते हुए देखने के लिये मैं जिंदा रहूंगा या नहीं जो कि क्रिकेट का सबसे बड़ी उपलब्धि है.?