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केंद्र सरकार के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, एक जनवरी 2016 से लागू होगा सातवां वेतन आयोग!

नयी दिल्ली : वर्ष 2008 में आये लेहमैन क्रासिस से भारतीय अर्थव्यवस्था को निकालने में सरकारी कर्मचारियों केछठे वेतन आयोग ने अहम भूमिका निभायी थी. अमेरिकी बैंकों के अनुसार बढ़े वेतनमान के कारण भारत में दुपहिया वाहनों और कारों की बिक्री में अप्रत्याशित वृद्धि हुईथी और सीमेंट उद्योग को भी काफी फायदा हुआ था. छठे […]

नयी दिल्ली : वर्ष 2008 में आये लेहमैन क्रासिस से भारतीय अर्थव्यवस्था को निकालने में सरकारी कर्मचारियों केछठे वेतन आयोग ने अहम भूमिका निभायी थी. अमेरिकी बैंकों के अनुसार बढ़े वेतनमान के कारण भारत में दुपहिया वाहनों और कारों की बिक्री में अप्रत्याशित वृद्धि हुईथी और सीमेंट उद्योग को भी काफी फायदा हुआ था. छठे वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों को वेतन में 35 प्रतिशत वृद्धि का फायदा मिला और वेतनआयोग की रिपोर्ट देरी से लागू किये जाने के कारण कर्मचारियों को वर्ष 2008 में30 महीने का एरियर भी मिला था.

रेलीगेयर के मुख्य अर्थशास्त्री जय शंकर ने कहा था कि एरियर भुगतान के कारण मांग में तेजी आयी.अर्थव्यवस्था के साथ इस तरह के संबंधों के कारण सातवें वेतन आयोग पर सबकी नजरें टिकीं हैं. एनडीटीवी प्रॉफिट के अनुसार सातवांवेतन आयोग अभी निर्माण केदौर में है. मीडिया रिपोर्ट्स केअनुसार इस आयोग की सिफारिशेंअगस्त महीने के अंत या फिर अक्तूबर में सामने आ जायेंगी. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू हो जायेंगी.

इस वेतनमान के बाद 50 लाख केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा. जिनमें सेना के 15 लाख कर्मचारी शामिल हैं. हालांकि अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल पायी है कि केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कितने प्रतिशत की वृद्धि होगी. बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि वेतन में 15 फीसदी की वृद्धि होगी, तो रिलीगेयर का मानना है कि 28-30 प्रतिशत की वृद्धि होगी. क्रेडिट सुइस के अनुसार वेतन में 40 प्रतिशत की वृद्धि संभव है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सातवें आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद यह भारत की इकोनॉमी को काफी फायदा होगा.

आइए जानें सातवें वेतन आयोग से किस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था को होगा फायदा:-

1. बैंक ऑफ अमेरिका के इंद्रानील सेनगुप्ता ने कहा कि अगर वेतनमान में 15 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन का बिल 25 हजार करोड़ हो जायेगा, जो भारत के जीडीपी का दो प्रतिशत होगा. उन्होंने कहा कि इससे मांग बढ़ेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती आयेगी.

2. क्रेडिट सुइस के नीलकांत मिश्रा के अनुसार भारतीय मध्यमवर्गकी एक तिहाईआबादी सरकारी सेवा में है. सातवें वेतनआयोग के बाद उनके विवेकाधीन खर्च में वृद्धि होगी. टीयर-3 और टीयर 4 के शहरों में जहां की 50-60 प्रतिशत आबादी मिडिल क्लास की है, वहां रियल स्टेट का कारोबार तेजी से बढ़ेगा.

3. बैंक ऑफ अमेरिका के मैरिल यह उम्मीद करते हैं कि सातवें वेतनआयोग की सिफारिशों के बाद कार और घर की डिमांड काफी बढ़ जायेगी और इनपर ऋण सुविधा आसानी से उपलब्ध होगी.

4. रिलिगेयर के अनुसार सातवें वेतनआयोग के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और नीतियों का पुनर्निधारण संभव होगा. यह कहा जा सकता है कि सातवें वेतन आयोग के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था कई गुणा आगेबढ़जायेगी.

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