भागलपुर : भागलपुर जिले से इस साल कुल 353 हाज यात्री मक्का हज के लिए जायेंगे. अब हज कमेटी एक महीने तक चलनेवाली यात्रा के बारे में सभी हज यात्रियों एकदिवसीय प्रशिक्षण व जानकारी देगी.
इसके अलावा सभी हज यात्रियों को पोलियो व मेनेनजाइटिस का टीका भी लगाया जायेगा. यह जानकारी शनिवार को सदर हॉस्पिटल के डीपीएम फैजान अहमद से मुलाकात के बाद चेयरमैन मो अंसारी ने दी. बता दें कि 353 हज यात्रियों में से 205 पुरुष और 148 महिलाएं हैं.
12 अगस्त को होगा एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम : जिले के सभी हज यात्राियों को प्रशिक्षण के दौरान हज यात्रा से संबंधित बुनियादी जानकारी दी जायेगी. इसके लिए 12 अगस्त को चंपानगर में मदरसा इस्लाहुल मुसलमिन कैंपस में एकदिवसीय प्रशिक्षण कैंप लगाया जायेगा. प्रशिक्षण देने के लिए पटना से विशेष ट्रेनर मुफ्ती याहिया गनी साहब आएंगे.
भागलपुर : जेल से लेकर नगवगछिया जीरोमाइल तक सड़क खेत में तब्दील हो गयी है. लगभग 11.50 करोड़ से बनी सड़क की स्थिति काफी खराब हो गयी है. इस कारण शहर में आने और जानेवालों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वाहन मालिकों को भी परेशानी हो रही है.
रोज कई वाहनों के पाटर्स टूट रहे हैं. बता दें कि इस सड़क से होकर रोज हजारों भारी व हल्के वाहन चलते हैं. टूटी सड़क के कारण वाहन मालिकों में रोष है. जानकारों का कहना है कि ऐसा सड़क के खराब बनने के कारण हुआ है. ज्ञात हो कि विक्रमशिला पुल से लेकर नवगछिया जीरो माइल व जेल से लेकर विक्रमशिला पुल तक सड़क का निर्माण…. रुपये में हाल ही में किया गया था. पर काम की गुणवत्ता खराब होने और निगरानी नहीं होने के कारण लीपापोती हो गयी और पैसे का बंदरबांट हो गया.
इस बार बहुत ज्यादा बारिश नहीं होने के कारण ठेकेदार व इंजीनियरों को बहाना भी नहीं मिल रहा. जानकार बतातें हैं कि जल्द ही कोई और बहाना बना कर फिर से मरम्मत के नाम पर पैसे का खेल होगा. विक्रमशिला पुल के एप्रोच पथ की स्थिति आज कल ग्रामीणों सड़क से भी बदतर हो गयी है.
लगभग 16.58 करोड़ से बननेवाली सड़क के निर्माण पर 12 करोड़ रुपये खर्च के बाद भी यह चलने लायक नहीं रह गयी है. इस सड़क पर हर कदम पर लोगों को गड्ढों का सामना करना पड़ता है. नवगछिया जाने के लिए जीरोमाइल (भागलपुर) से विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ पर निकलने के साथ ही गड्ढों का मिलना शुरू हो जाता है. अधिकतर जगह तो विशाल गड्ढों का सामना करना पड़ता है. खेत में तब्दील सड़क जानलेवा हो गयी है.
पानी भरे गड्ढों में घुसने पर गाड़ियां अनियंत्रित हो जाती हैं, जिससे पलटने का खतरा बना रहता है. इस मार्ग पर हर एक मिनट पर छोटी बड़ी 50 गाड़ियां गुजरती हैं. मालूम हो कि लोहिया पुल से इंजीनियरनिंग कॉलेज के बीच सात किमी लंबी सकड़ निर्माण पर 10.59 करोड़ खर्च हुआ है, जिससे एक किमी पर 1.51 करोड़ एवं विक्रमशिला सेतु के निर्माण पर अबतक खर्च 10 करोड़ यानी, अबतक में11.50 करोड़ राशि खर्च हुई है.
विक्रमशिला सेतु की सड़क भी डेढ़ साल में कर गया फेल
विक्रमशिला सेतु की सड़क भी साल भर में ही बदतर हो गयी. सितंबर 2013 से पहले जजर्र सड़क की मरम्मत और एक्सपेंशन ज्वाइंट का रबर बदलने के लिए पुल निर्माण निगम को पांच करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली थी और वर्ष 2014 में पुल निर्माण निगम ने सड़क का निर्माण कराया था.
लेकिन डेढ़ साल भी सड़क नहीं चल सकी. पुल की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं, जिससे गाड़ियां अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो रही है. इसके बावजूद पुल निर्माण निगम के अभियंताओं की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है.