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एंबुलेंस ने खोली मोदी की सुरक्षा की पोल

रांची: चंदवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में रिम्स से भेजे गये कार्डियक एंबुलेंस में कई खामियां पायी गयी है. इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में चूक के रूप में देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री के साथ दिल्ली से आयी मेडिकल टीम के डॉ नवनीत ( पीपी टू पीएम) ने एंबुलेंस का जायजा लिया, […]

रांची: चंदवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में रिम्स से भेजे गये कार्डियक एंबुलेंस में कई खामियां पायी गयी है. इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में चूक के रूप में देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री के साथ दिल्ली से आयी मेडिकल टीम के डॉ नवनीत ( पीपी टू पीएम) ने एंबुलेंस का जायजा लिया, तो उसमें कई खामियां पायी गयी.

एंबुलेंस में लगी गैस पाइप लाइन काम ही नहीं कर रही थी. अलग से ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाया गया था. आवश्यक दवाएं तो एंबुलेंस में थीं, पर इनमें से ज्यादातर काफी पुरानी थीं. इन दवाओं के अपडेटेड वजर्न बाजार में आ चुके हैं.

एंबुलेंस में गये चिकित्सकों से जब डॉ नवनीत ने पूछा कि मांसपेशी को आराम देने के लिए कौन सी दवा देते हैं, तो रिम्स से गये एनेस्थेटिक ने कहा कि हम डायजीपाम चला देते है. उन्होंने कहा कि थायकेन दवा का प्रयोग क्यों नहीं करते है. एंबुलेंस में इस्टिलेट नहीं था. यह एक ऐसा उपकरण है, जिससे आपात स्थिति में नाक में टय़ूब डाली जाती है. इसके बारे में पूछे जाने पर चिकित्सकों के पास इसका कोई जवाब नहीं था.

रिपोर्ट हो जाये, तो मान्यता पर संकट

प्रधानमंत्री की सुरक्षा का हवाला देते हुए टीम ने कहा कि यह लापरवाही का मामला है. इसकी शिकायत रिपोर्ट तैयार होनी चाहिए. अगर हमने शिकायत कर दी, तो मेडिकल कॉलेज की मान्यता तक खतरे में पड़ सकती है. टीम लातेहार के सिविल सजर्न डॉ कन्हैया प्रसाद पर भी नाराज हुई. टीम ने उन्हें वीआइपी प्रोटोकॉल को गंभीरता से नहीं लेने के लिए फटकार लगायी.

मेडिकल टीम की सूची मांगी

मेडिकल टीम ने पीएचसी से प्रभारी चिकित्सक के रूप में गये डॉ अशोक से एंबुलेंस में मौजूद चिकित्सकीय टीम का नाम एवं मोबाइल नंबर लिया है. टीम ने कहा है कि दिल्ली जा कर क्या करना है, इस पर विचार किया जायेगा. दिल्ली की टीम द्वारा बरती जा रही सख्ती से यहां से गयी मेडिकल टीम के लोग सकते में थे. रिम्स सूत्रों की मानें, तो सिविल सजर्न लातेहार ने रिम्स को चेक लिस्ट ही नहीं भेजा था. इससे व्यवस्था में काफी खामी रह गयी और उसे गंभीरता से नहीं लिया गया. एंबुलेंस के साथ गयी रिम्स के चिकित्सकों की टीम उस समय शर्मिदा हुई, जब दिल्ली से आयी टीम ने एक -एक कर एंबुलेंस की खामियां गिनानी शुरू की. सूत्रों की माने तो एंबुलेंस की अवस्था की जानकारी चिकित्सकों को भी नहीं थी.

ये खामियां मिली

सामान्य एंबुलेंस को ही कार्डियेक एंबुलेंस बना कर भेजा गया था चंदवा

एंबुलेंस में लगी गैस पाइप लाइन ऑक्सीजन सेंटर से कनेक्टेड नहीं था

गैस पाइप में था लीकेज

एंबुलेंस चलते-चलते रुक जा रहा था

कई दवाएं पुरानी थी, जिनकी अपडेटेड वजर्न बाजार में उपलब्ध हैं

सिविल सजर्न को इस पर ध्यान रखना चाहिए था. एंबुलेंस में सारी व्यवस्था मौजूद थी, टीम सही तरीके से बता नहीं सकी.

डॉ एसके चौधरी, निदेशक रिम्स

हमारे स्तर से कोई खामी नहीं थी. रिम्स की ओर से व्यवस्था की गयी थी. दिल्ली कीटीम ने नाराजगी नहीं व्यक्त की है.

डॉ कन्हैया प्रसाद, सिविल सजर्न लातेहार

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