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महिला को दस वर्ष की सश्रम सजा

सजा. शादी की नीयत से यूपी में बेच दिया था दो नाबालिग बच्चियों को अररिया थाना के पैकटोला की दो नाबालिग बच्चियाें को सुनीता देवी ने शादी की नीयत से ले जाकर यूपी में बेच दी थी. दोनों बच्चियों को स्वयंसेवी संस्था की मदद से यूपी से रेस्क्यू किया गया था. इसी मामले में व्यवहार […]

सजा. शादी की नीयत से यूपी में बेच दिया था दो नाबालिग बच्चियों को

अररिया थाना के पैकटोला की दो नाबालिग बच्चियाें को सुनीता देवी ने शादी की नीयत से ले जाकर यूपी में बेच दी थी. दोनों बच्चियों को स्वयंसेवी संस्था की मदद से यूपी से रेस्क्यू किया गया था. इसी मामले में व्यवहार न्यायालय अररिया के प्रथम अपर एवं सत्र न्यायाधीश ने पोस्को एक्ट के तहत सजा सुनायी है.
अररिया : स्थानीय व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर एवं सत्र न्यायाधीश रामाकांत यादव की अदालत ने पोस्को एक्ट का मामला प्रमाणित होने पर आरोपित महिला सुनीता देवी को दस साल के कारावास की सजा सुनायी है. इसके अलावा आर्थिक दंड के रूप में 30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. समय पर राशि जमा नहीं होने पर दोषी महिला को एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
सात जुलाई 2016 को ले गयी थी दोनों बच्चियों को
पोस्को एक्ट के स्पेशल पीपी डॉ श्याम लाल यादव व सूचक की ओर से नियुक्त अधिवक्ता रीता घोष ने बताया कि सात जुलाई 2016 को मधुर संबंध का फायदा उठाते हुए सुनीता देवी अपने ससुराल सिकलगढ़ पैकटोला से सूचक सीताबी ऋषिदेव की 14 वर्षीय पुत्री मिलन कुमारी व सूचक के भाई की 12 वर्षीय नतनी मधु कुमारी को अपने साथ अपने मायके ले गयी थी. कुछ दिन बीतने पर भी सुनीता बच्चियों के साथ वापस अपने ससुराल सिकलगढ़ पैकटोला नहीं लौटी, तो सूचक को चिंता होने लगी तथा दोनों बच्चियों की खोजबीन की जाने लगी. इसके बाद सूचक सीधे सुनीता देवी के मायके गया. मायके में उसे न तो उसकी पुत्री मिली ओर न ही भाई की नतनी. यहां तक कि सुनीता देवी भी गायब थी.
सूचक ने इस बात की जानकारी टीप इंडिया प्रोजेक्ट के अररिया जिला समन्वयक साकेत कुमार श्रीवास्तव व टीप इंडिया प्रोजेक्ट की कानूनी सलाहकार रीता कुमारी घोष को दी. इसके बाद जिला समन्वयक साकेत श्रीवास्तव द्वारा दोनों बच्चियों की खोजबीन की जाने लगी.
गुप्त सूचना पर सुनीता मायके से हुई थी गिरफ्तार
गुप्त सूचना मिलने पर सुनीता को उसके मायके में पकड़ा गया. उससे दोनों बच्चियों के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि बच्चियां अभी उसके पास नहीं है. आपको यदि बच्ची चाहिए तो 30-30 हजार रुपये देने होंगे. नहीं तो यूपी ले जाकर दोनों को बेच कर रुपये प्राप्त करेंगे.
इधर टीप इंडिया प्रोजेक्ट के जिला समन्वयक साकेत व पुलिस छापेमारी के लिए तैयार थी. इस जवाब के बाद सुनीता देवी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने उससे पूछताछ की. इस क्रम में सुनीता ने बताया कि दोनों अवयस्क बच्चियों को सहयोगियों की मदद से यूपी के लखीमपुर के ग्राम मसिहिया थाना भिड़ाखैरी में शादी की नीयत से बेच दिया है. सूचक के द्वारा सुनीता सहित अन्य लोगों के विरुद्ध महिला थाना अररिया में कांड संख्या 35/15 दर्ज करवाया गया.
सुनीता की निशानदेही पर बिहार व यूपी पुलिस ने संयुक्त रूप से दोनों ही बच्चियों को रेस्क्यू कर वापस उसके घर लाया. इधर, न्यायालय में अभियोजन की ओर से सारे गवाहों ने घटना का पूर्ण समर्थन किया. सजा के विंदु पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनिल कुमार राय व नौशाद अख्तर ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी. न्यायाधीश ने गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर महिला आरोपित को दोषी करार देते हुए सजा मुकर्रर की.

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