Who New Prime Minister of Nepal: नेपाल का नया प्रधानमंत्री कौन? जानें किन नामों की हो रही चर्चा
Who New Prime Minister of Nepal: नेपाल में पीएम केपी शर्मा ओली का इस्तीफा मंजूर हो गया है. हालांकि वे नई व्यवस्था बनने तक पद पर बने रहेंगे. अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इसे लेकर असमंजस जारी है.
Who New Prime Minister of Nepal: नेपाल में जारी राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे नेपाल सेना ने स्वीकार कर लिया है. राष्ट्रपति कार्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि ओली का इस्तीफा मंजूर हो गया है, लेकिन उन्हें तब तक पद पर बने रहने के लिए कहा गया है जब तक नई व्यवस्था नहीं हो जाती. हालांकि, हालात किस दिशा में जाएंगे, इसे लेकर असमंजस और गहराता जा रहा है.
संवैधानिक संकट और विशेषज्ञों की राय
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार संवैधानिक विशेषज्ञ डॉ. भीमरजुन आचार्य का कहना है कि देश एक ऐसी स्थिति में पहुंच गया है जिसकी कल्पना संविधान निर्माताओं ने कभी नहीं की थी. उन्होंने कहा कि समाधान केवल सभी पक्षों के बीच संवाद से निकल सकता है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आंदोलन थमे और सामान्य स्थिति लौटे. कई जानकार मानते हैं कि 2015 में लागू हुआ संविधान अब व्यावहारिक रूप से अप्रासंगिक हो चुका है. इसलिए अंतरिम व्यवस्था ही नेपाल के लिए अगला कदम हो सकता है.
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अगला प्रधानमंत्री कौन?
ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल का सबसे बड़ा सवाल है अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?प्रदर्शनकारियों का गुस्सा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं पर है. ऐसे में किसी भी पारंपरिक राजनीतिक चेहरे पर सहमति बनना मुश्किल लग रहा है.
सुशीला कार्की: नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश और भ्रष्टाचार विरोधी मुखर आवाज सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे है. वह Gen Z प्रदर्शनकारियों से भी संवाद कर रही हैं.
कल्याण श्रेष्ठ: कार्की के पूर्ववर्ती और पूर्व मुख्य न्यायाधीश कल्याण श्रेष्ठ का भी नाम चर्चा में है. हालांकि, दोनों की उम्र 70 वर्ष से अधिक है, जिस पर आलोचकों का कहना है कि युवाओं द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में बुजुर्ग नेतृत्व उसकी आत्मा के खिलाफ होगा.
बालेन शाह: 35 वर्षीय काठमांडू मेयर और पूर्व रैपर बालेन शाह भी प्रमुख दावेदारों में माने जा रहे हैं. शाह ने ओली को भ्रष्ट कहकर खुला विरोध किया है और Gen Z आंदोलन का समर्थन किया है. हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि वह आंदोलन का नेतृत्व नहीं करेंगे और युवाओं से खुद सरकार संभालने की अपील की.
सेना की अपील
नेपाल की सेना ने मंगलवार को जनता और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की. सेना ने कहा कि नागरिकों के जीवन और गरिमा की रक्षा करना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है. साथ ही सेना ने संकेत दिए कि जरूरत पड़ने पर वह शांति स्थापना और संवाद की मध्यस्थ की भूमिका निभा सकती है. नेपाल इस समय राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक आक्रोश के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. अगला प्रधानमंत्री कौन होगा और संक्रमणकालीन दौर को देश किस तरह पार करेगा, यह आने वाले दिनों में तय होगा.
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