एडॉल्फ हिटलर की होगी वापसी, कौन हैं प्रेसिडेंशियल रेस में लगे ऊनोना जिनका नाम बना सुर्खियां?

Adolf Hitler Uunona set to be re-elected in Namibia: एडॉल्फ हिटलर ऊनोना लंबे समय से सत्तारूढ़ दल SWAPO के सदस्य हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई बार चुनाव जीत चुके हैं. अपने नाम के कारण ऊनोना हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं. साउथ वेस्ट अफ्रीका पीपल्स ऑर्गनाइजेशन (SWAPO) के नेता ऊनोना शायद दुनिया के सबसे दुर्भाग्यपूर्ण नामों में से एक के साथ जी रहे हों, लेकिन वे ओम्पुंडजा निर्वाचन क्षेत्र में भारी जीत के साथ दोबारा चुनाव जीतने की राह पर हैं.

By Anant Narayan Shukla | November 26, 2025 11:37 AM

Adolf Hitler Uunona set to be re-elected in Namibia: अंग्रेजी की कहावत है व्हाट्स इन द नेम! यानी नाम में क्या रखा है! लेकिन साहब नाम केवल आपका नाम भी आपको चर्चा में ला सकता है. कम से कम नामीबिया में तो जरूर ऐसा हो रहा है. धरती के सबसे क्रूर तानाशाहों में से एक एडोल्फ हिटलर के नाम वाले नेता नामीबिया में चुनाव लड़ रहे हैं. वह भी छोटी मोटी पोस्ट के लिए नहीं बल्कि अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए. हालांकि यह पहली बार नहीं है कि वे चुनाव में हैं, वे पहले भी चुनाव जीत चुके हैं और दोबारा जीत की रेस में हैं. भले ही उनका नाम विवादों में रहा हो, लेकिन वे अपना नाम बदलने का बिल्कुल भी इरादा नहीं रखते. वे अपने नाम से जुड़े एतिहासिक व्यक्तित्व के साथ कोई भी संबंध स्वीकार नहीं करते, सिवाय अनजाने में रखे नाम के.  

साउथ वेस्ट अफ्रीका पीपल्स ऑर्गनाइजेशन (SWAPO) के नेता एडॉल्फ हिटलर ऊनोना शायद दुनिया के सबसे दुर्भाग्यपूर्ण नामों में से एक के साथ जी रहे हों, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बुधवार, 26 नवंबर को वे ओम्पुंडजा निर्वाचन क्षेत्र में भारी जीत के साथ चुनाव जीतने की राह पर हैं. नामीबियाई राजनेता एडॉल्फ हिटलर ऊनोना जर्मन तानाशाह एडॉल्फ हिटलर के चरित्र या कार्यों से किसी भी तरह के संबंध को सख्ती से खारिज करते हैं. हिटलर इतिहास के सबसे कुख्यात व्यक्तियों में से एक था. ऊनोना को अपने नाम को लेकर जिज्ञासा और अजीब सवालों का सामना पहली बार नहीं करना पड़ रहा है. उनके प्रदर्शन और स्थानीय स्तर पर कार्यों के चलते उनकी लोकप्रियता बनी हुई है. अंतरराष्ट्रीय सुर्खियाँ भले ही उनके नाम के कारण मिलती हों, परंतु उनकी जीत का आधार उनके राजनीतिक काम और जनसंपर्क ही हैं.

पिता ने अनजाने में रख दिया था नाम

उन्होंने स्थानीय अखबार द नामीबियन को बताया, “मेरे पिता ने मुझे एडॉल्फ हिटलर नाम दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मेरा चरित्र एडॉल्फ हिटलर जैसा है या मैं जर्मनी वाले एडॉल्फ हिटलर जैसा दिखता हूँ. हिटलर एक विवादित व्यक्ति था जिसने दुनिया भर में लोगों को पकड़कर मारा. मैं उसके जैसा बिल्कुल नहीं हूँ.” उन्होंने 2020 में जर्मन अखबार बिल्ड को बताया था- मेरे पिता शायद नहीं जानते थे कि एडॉल्फ हिटलर किसके लिए जाना जाता था. बचपन में, मुझे यह एक बिल्कुल सामान्य नाम लगता था. 

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें बाद में जाकर ही इसका ऐतिहासिक महत्व समझ में आया. जैसे-जैसे वे बड़े हुए, समझ आया कि यह व्यक्ति पूरी दुनिया पर कब्जा करना चाहता था. उनका इन चीजों से कोई लेना-देना नहीं है. घर पर उनकी पत्नी आज भी उन्हें एडॉल्फ कहकर बुलाती हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन में वे आमतौर पर हिटलर शब्द को छोड़ देते हैं. अपने नाम को लेकर बढ़ती चर्चा के बावजूद, उन्होंने कहा है कि वे इसे बदलने की कोई योजना नहीं रखते. हालांकि वे खुद को एडॉल्फ ऊनोना कहलाना पसंद करते हैं.

सफल नेता रहे एडॉल्फ हिटलर ऊनोना

एडॉल्फ हिटलर ऊनोना लंबे समय से सत्तारूढ़ दल SWAPO के सदस्य हैं और अपने निर्वाचन क्षेत्र में कई बार चुनाव जीत चुके हैं. SWAPO 1990 में दक्षिण अफ्रीका से स्वतंत्रता मिलने के बाद से नामीबिया की वामपंथी सत्तारूढ़ पार्टी रही है. 59 वर्षीय एडॉल्फ हिटलर ऊनोना ने 2004 में पहली बार पार्षद के रूप में जीत हासिल की थी और 2015 तथा 2020 में भी भारी बहुमत से चुने गए थे. ओशाना क्षेत्र के ओम्पुंडजा निर्वाचन क्षेत्र के पार्षद के रूप में, 2020 के चुनाव में उन्हें 85 प्रतिशत वोट मिले थे और इस बार भी पूर्वानुमान उनके पक्ष में हैं. कई नामीबियाई लोगों के नाम उस देश के जर्मन उपनिवेशकालीन प्रभाव से जुड़े होते हैं, लेकिन ऊनोना का नाम हमेशा से विशेष चर्चा का विषय रहा है. उनका कहना है कि नामकरण के समय उनके पिता को इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

जर्मनी और नामीबिया का संबंध क्या है?

ऊनोना के नाम को समझने के लिए नामीबिया के इतिहास को जानना जरूरी है. 1884 से 1915 तक नामीबिया, जर्मनी का उपनिवेश था. इसे तब जर्मन साउथ वेस्ट अफ्रीका कहा जाता था. दिलचस्प बात यह है कि नामीबिया ही वह स्थान था जहाँ जर्मन कैसर विल्हेल्म द्वितीय के शासनकाल में जर्मन उपनिवेशवादियों द्वारा एक नरसंहार किया गया था. इसे अक्सर कैज़र का होलोकॉस्ट कहा जाता है, जिसमें 1904 से 1908 के बीच लगभग 60,000 से 100,000 हेरोरो और नामाक्वा लोगों की हत्या कर दी गई थी. कई इतिहासकार इसे 20वीं सदी का पहला बड़ा जनसंहार मानते हैं.

प्रथम विश्व युद्ध के बाद लीग ऑफ नेशंस ने दक्षिण अफ्रीका को इस क्षेत्र का प्रशासन सौंपा, जिसने लगभग 75 वर्षों तक शासन किया. कई कारणों में से एक यह भी था, जिसने जर्मनी के एडॉल्फ हिटलर को पैदा किया. लीग ऑफ नेशंस (युनाइटेड नेशन की पूर्ववर्ती संस्था) ने जर्मनी से उसके उपनिवेश छीने, जिसे हिटलर ने अपने लोगों को बरगलाने में किया और जर्मनी का चांसलर बनकर आधुनिक विश्व इतिहास का दूसरा नरसंहार- यहूदी जेनोसाइड किया. इसमें लगभग 60 लाख यहूदियों को मारा गया.  

नामीबिया में जर्मन प्रभाव उपनिवेशकाल समाप्त होने के बाद भी लंबे समय तक बना रहा. आज भी कई नामीबियाई लोगों के नाम जर्मन मूल के होते हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कुछ नाजी समर्थक भी नामीबिया के कुछ इलाकों में बस गए थे. 1976 की न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट में उल्लेख है कि कुछ जर्मन-नामीबियाई तब भी- हाइल हिटलर कहकर अभिवादन करते थे. 2021 में जर्मनी ने आधिकारिक रूप से इस नरसंहार को स्वीकार किया, जिसके बाद नामीबियाई नेताओं ने मुआवजे की माँग को और तेज कर दिया.

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