अगर यूरोप जंग चाहता है, तो अभी हम तैयार हैं… इधर चल रही यूक्रेन पीस प्लान पर चर्चा, उधर पुतिन ने क्यों दी धमकी

Vladimir Putin warns Europe for War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूरोप को जंग की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि वे यूक्रेन के पीस प्लान को भटका रहे है, उनका इरादा शांति का नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर यूरोप युद्ध चाहता है, तो रूस अभी तैयार है.

By Anant Narayan Shukla | December 3, 2025 8:46 AM

Vladimir Putin warns Europe for War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को रुकवाने के लिए वॉशिंगटन ने एक 28-सूत्रीय शांति प्रस्ताव साझा किया है, जिसे कीव और यूरोपीय राजधानियों की आपत्तियों के बाद संशोधित किया गया. शुरुआत में इसकी आलोचना कि गई, जिसमें माना गया कि प्रारंभिक मसौदा मॉस्को की शर्तों को लेकर बहुत अधिक नरम प्रतीत हो रहा था. इसे लेकर यूरोपीय सरकारों ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कोई भी शांति रूपरेखा यूक्रेन पर दबाव डाल सकती है कि वह रूस के नियंत्रण वाले अपने कुछ इलाकों को छोड़ दे.चार वर्षों से जारी संघर्ष को समाप्त करने के संभावित कदमों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव वितकॉफ और सलाहकार जैरेड कुशनर मॉस्को पहुंचे हैं. इसी बीच व्लादिमिर पुतिन ने यूरोप को धमकी दी है. 

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कहा कि यदि यूरोपीय देश तनाव बढ़ाने का रास्ता चुनते हैं तो मॉस्को सैन्य टकराव के लिए तैयार है. उन्होंने आरोप लगाया कि यूरोपीय सरकारें यूक्रेन पर कूटनीतिक प्रयासों को बाधित कर रही हैं. मॉस्को में एक निवेश फोरम को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, “हम यूरोप से युद्ध करने की योजना नहीं बना रहे, लेकिन यदि यूरोप ऐसा चाहता है और शुरू करता है, तो हम अभी तैयार हैं.” उनका दावा है कि यूरोपीय नेता अब वार्ता को प्राथमिकता नहीं दे रहे, बल्कि यूक्रेन में संघर्ष जारी रखने का समर्थन कर रहे हैं.

यूरोप की मांग स्वीकार नहीं कर सकता रूस

पुतिन ने तर्क दिया कि यूरोपीय देश ऐसे मांगें रख रहे हैं जिन्हें रूस स्वीकार नहीं कर सकता. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि यूरोप संयुक्त राज्य अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शांति वार्ता के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी बाधित कर रहा है. पुतिन के अनुसार, यूरोपीय देशों की स्थिति युद्ध के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि यूरोप ने मॉस्को से संबंध तोड़कर खुद को बातचीत से अलग कर लिया है. पुतिन ने हालिया समुद्री घटनाओं का हवाला देते हुए एक मजबूत सैन्य प्रतिक्रिया की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेनी बंदरगाहों और वहां प्रवेश करने वाले जहाजों पर हमले तेज करेगा.

यूक्रेन को समुद्र से काटना ही एक विकल्प होगा

पुतिन ने रूसी टैंकरों पर हमलों को समुद्री डकैती बताया. उन्होंने कहा कि इसका सबसे कट्टर समाधान यह है कि यूक्रेन को समुद्र से काट दिया जाए, तब समुद्री डकैती सिद्धांत रूप में असंभव हो जाएगी. इससे पहले, एक यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारी ने कहा था कि नौसैनिक ड्रोन ने काला सागर में दो प्रतिबंधित रूसी टैंकरों को निशाना बनाया था, जब वे तेल निर्यात के लिए एक रूसी बंदरगाह की ओर बढ़ रहे थे. मंगलवार को तुर्की के तटरक्षक प्राधिकरण और ट्राइबेका शिपिंग एजेंसी के अनुसार, तुर्की के तट के पास सूरजमुखी तेल लेकर जा रहे एक रूसी ध्वज वाले टैंकर ने ड्रोन हमले की सूचना दी, हालांकि इसके सभी 13 क्रू सदस्य सुरक्षित बताए गए. वहीं यूक्रेन ने इस हमले में किसी भी प्रकार की भूमिका से इनकार किया.

पुतिन के भारत दौरे से पहले RELOS को ड्यूमा की मंजूरी

यूक्रेन इससे पहले भी रूस के नोवोरोसिस्क काला सागर बंदरगाह पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर चुका है, जिनसे तेल शिपिंग संचालन में बाधा उत्पन्न हुई है. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन का साथ देने वाले देशों के जहाजों पर रूस भी प्रतिवर्ती हमले कर सकता है. आपको बता दें कि पुतिन 4-5 दिसंबर के बीच भारत की यात्रा पर रहने वाले हैं. इस दौरान दोनों देश आपसी समझौते के तहत बड़ी घोषणाएं कर सकते हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच तेल आयात के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है. इस यात्रा से पहले रूस की संसद स्टेट डूमा ने भारत और रूस के बीच हुए एक महत्वपूर्ण सैन्य सहयोग समझौते को मंजूरी दे दी है. यह समझौता रिसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक सपोर्ट (RELOS) के नाम से जाना जाता है और दोनों देशों के रक्षा संबंधों को नई मजबूती प्रदान करेगा. RELOS की व्यवस्था के तहत भारत और रूस की सेनाओं को एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों, एयरबेस, समुद्री बंदरगाहों और लॉजिस्टिक सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी.

प्रभात खबर पॉडकास्ट में रवि शास्त्री 7 दिसंबर को.

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