Viral Video: राफेल ने F-35 को मार ‘गिराया’? देखें वीडियो

Viral Video: फिनलैंड में हुए ट्राइडेंट अटलांटिक-25 सैन्य अभ्यास में फ्रांस के राफेल जेट ने अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर को मात देकर ‘किल स्कोर’ किया. यह घटना वैश्विक हथियार बाजार पर असर डाल सकती है और भारत जैसे राफेल ऑपरेटर देशों के लिए बड़ी खबर है.

By Aman Kumar Pandey | August 22, 2025 1:30 PM

Viral Video: फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमान ने अमेरिकी F-35 स्टील्थ जेट के खिलाफ बड़ी सफलता दर्ज की है. फिनलैंड में आयोजित बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ट्राइडेंट अटलांटिक-25 के दौरान राफेल ने अमेरिकी विमान को हवा में मात देकर ‘स्कोर ए किल’ हासिल किया. इसका मतलब है कि राफेल ने हवाई युद्धाभ्यास के दौरान F-35 को पूरी तरह लॉक कर लिया, मानो उसे मार गिराया गया हो. इस घटना ने वैश्विक हथियार बाजार में राफेल की प्रतिष्ठा और मजबूत कर दी है.

अभ्यास में शामिल देश और विमान (Rafale Shot Down F 35)

नाटो के नए सदस्य फिनलैंड ने जून में दो हफ्ते लंबे इस सैन्य अभ्यास की मेजबानी की. इसमें फिनलैंड, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका की सेनाएं शामिल हुईं. अमेरिका ने अपने F-35A लाइटनिंग II और F-15E लड़ाकू विमान भेजे, जबकि फ्रांस ने राफेल और यूरोफाइटर टाइफून की तैनाती की. यह अभ्यास नाटो के बीच आपसी सहयोग और युद्धक क्षमताओं की परीक्षा के लिए आयोजित किया गया था.

राफेल का वीडियो सामने आया (Viral Video)

फ्रांस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें राफेल पायलट को अमेरिकी F-35 पर नजदीकी हवाई लड़ाई (डॉगफाइट) के दौरान इन्फ्रारेड सर्च एंड ट्रैक (IRST) की मदद से लॉक करते दिखाया गया. वीडियो में स्पष्ट दिखाई देता है कि राफेल पायलट ने लक्ष्य पर पूरी पकड़ बना ली. प्रशिक्षण अभ्यास में इसे ‘किल’ स्कोर माना जाता है. यानी वास्तविक मिसाइल दागी नहीं जाती, बल्कि टारगेट पर लॉक कर लेना ही जीत मानी जाती है.

फ्रांस में खुशी और गर्व (Rafale Shot Down F 35 fighter Jet )

यह पहली बार है जब ट्राइडेंट अटलांटिक 25 अभ्यास से इस तरह की भिड़ंत का खुलासा हुआ है. वीडियो सामने आने के बाद फ्रांस के सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे गर्व का क्षण बताया. लोगों का कहना था कि चौथी-पांचवीं पीढ़ी के बीच तकनीकी अंतर के बावजूद राफेल ने अपनी युद्धक क्षमता और कौशल से अमेरिकी स्टील्थ फाइटर को पछाड़ दिया.

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वैश्विक हथियार बाजार पर असर (Viral Video)

फ्रांस और अमेरिका दोनों करीबी नाटो सहयोगी हैं, लेकिन हथियारों के निर्यात बाजार में वे प्रतिद्वंद्वी बने रहते हैं. अमेरिका अपने F-35 को पांचवीं पीढ़ी का सबसे उन्नत विमान बताता है, जबकि फ्रांस लगातार राफेल को एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में प्रचारित कर रहा है. इस ताजा घटना से राफेल की मांग और बढ़ सकती है. भारत जैसे देश, जिनकी वायुसेना पहले से ही राफेल का इस्तेमाल कर रही है, इस सफलता को सकारात्मक संकेत मान सकते हैं.

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पुराना इतिहास भी याद आया (Rafale Shot Down F 35 fighter Jet)

यह पहली बार नहीं है जब फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों ने अमेरिकी जेट को मात दी हो. नवंबर 2009 में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित एक अभ्यास में फ्रांसीसी राफेल ने अमेरिकी F-22 रैप्टर को भी ‘किल’ स्कोर किया था. उस समय यह मुकाबला ब्रिटेन के टाइफून और यूएई के मिराज-2000 के साथ संयुक्त प्रशिक्षण का हिस्सा था. फिनलैंड में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया कि राफेल सिर्फ 4.5वीं पीढ़ी का विमान भर नहीं है, बल्कि अपनी चुस्ती, हथियार प्रणाली और पायलट की दक्षता के दम पर वह अमेरिका जैसे दिग्गज फाइटर जेट्स को भी कड़ी टक्कर दे सकता है. इससे वैश्विक स्तर पर राफेल की स्थिति और मजबूत होने की संभावना है.

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