अमेरिका दमिश्क एयरबेस पर बढ़ा रहा सैनिकों की मौजूदगी, इजराइल-सीरिया समझौते की होगी निगरानी, रिपोर्ट में खुलासा
US To Increase Troops At Damascus Airbase: अमेरिका दमिश्क के एयरबेस पर अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इसका मकसद सीरिया और इजराइल के बीच सुरक्षा समझौते की निगरानी करना है. पेंटागन ने बेस की जांच पूरी कर ली है, जबकि ट्रंप सीरियाई राष्ट्रपति से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे.
US To Increase Troops At Damascus Airbase: सीरिया और इजराइल के बीच संभावित सुरक्षा समझौते की निगरानी के लिए अमेरिका दमिश्क के एक एयरबेस पर अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. रायटर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि इस कदम का मकसद वाशिंगटन द्वारा ब्रोकरी किए जा रहे इस सुरक्षा समझौते को आसानी से लागू करना है.
दो पश्चिमी अधिकारियों और एक सीरियाई रक्षा अधिकारी के हवाले से रायटर्स ने कहा कि अमेरिका इस बेस का इस्तेमाल संभावित इजराइल-सीरिया समझौते की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था के लिए करना चाहता है.
US To Increase Troops At Damascus Airbase: आधिकारिक पुष्टि नहीं
अमेरिकी प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन “सीरिया में अपनी आवश्यक स्थिति का लगातार मूल्यांकन कर रहा है ताकि आईएसआईएस से प्रभावी लड़ाई हो सके.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे बलों के ठिकानों पर टिप्पणी नहीं करते. पेंटागन ने पिछले दो महीनों में इस बेस पर कई टोही मिशन किए हैं. इन मिशनों से पता चला कि बेस की लंबी रनवे तुरंत इस्तेमाल के लिए तैयार है.
ट्रंप से मुलाकात में भी हो सकता है चर्चा का हिस्सा
रायटर्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को व्हाइट हाउस में सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शरा से मुलाकात करेंगे. यह किसी भी सीरियाई राज्य प्रमुख की पहली व्हाइट हाउस यात्रा होगी. निगरानी की यह योजना पहले से मौजूद अमेरिकी सैन्य मौजूदगी की नकल लगती है. इनमें एक लेबनान में है, जो हिज्बुल्लाह और इजराइल के बीच पिछले साल हुए युद्धविराम पर नजर रखता है, और दूसरी इजराइल में, जो ट्रंप काल के दौरान हमास और इजराइल के बीच हुए समझौते की निगरानी करती है.
अमेरिका पहले से ही सीरिया में मौजूद
अमेरिका पहले से ही सीरिया के उत्तर-पूर्व में कुर्द-नेतृत्व वाले बलों की मदद के लिए सैनिक तैनात कर चुका है, ताकि आईएस से मुकाबला किया जा सके. इस साल अप्रैल में पेंटागन ने घोषणा की कि वहां तैनात सैनिकों की संख्या 2,000 से घटाकर 1,000 कर दी जाएगी. रायटर्स ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि बेस पर यह कदम सीएनटीकॉम के कमांडर एडमिरल ब्रैड कूपर के 12 सितंबर के दमिश्क दौरे के दौरान चर्चा का हिस्सा था.
अमेरिकी अधिकारियों की प्रतिक्रिया और रणनीति
सीएनटीकॉम के बयान में कहा गया कि कूपर और अमेरिकी विशेष दूत थॉमस बैरक ने शरा से मुलाकात की और उन्हें आईएस के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के लिए धन्यवाद दिया. बयान में यह भी कहा गया कि यह ट्रंप के “समृद्ध मध्य पूर्व और पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सीरिया” के विजन को साकार करने में मदद कर सकता है. विश्लेषण यह भी बताता है कि यह कदम अमेरिका की मध्य पूर्व में रणनीतिक पकड़ को मजबूत करेगा और इजराइल-सीरिया के बीच संभावित समझौते की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र तैयार करेगा.
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