भारत से 50% टैरिफ समाप्त करें ट्रंप, अमेरिकी संसद में पेश हुआ प्रस्ताव, इस बात का हवाला देकर बढ़ाया दबाव

US Lawmakers resolution Donald Trump’s 50% India Tariffs: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के तीन सदस्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयात पर लगाए गए 50 प्रतिशत तक टैरिफ को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है. इसका उद्देश्य राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित उस राष्ट्रीय आपातकाल को समाप्त करना है. उन्होंने कहा कि इससे फायदा नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो रहे हैं.

By Anant Narayan Shukla | December 13, 2025 9:33 AM

US Lawmakers resolution Donald Trump’s 50% India Tariffs: भारत पर लगाए गए भारी आयात शुल्क को लेकर अमेरिका की घरेलू राजनीति में विरोध तेज हो गया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल का हवाला देकर भारत से आने वाले उत्पादों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाए जाने के फैसले को अब कांग्रेस के भीतर ही चुनौती मिल रही है. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के तीन सदस्यों ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को एक प्रस्ताव पेश किया, जिसका उद्देश्य राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित उस राष्ट्रीय आपातकाल को समाप्त करना है, जिसके तहत भारत से आयात पर 50 प्रतिशत तक के शुल्क लगाए गए थे. सांसदों ने इन टैरिफ को अवैध बताते हुए कहा कि इससे अमेरिकी श्रमिकों, उपभोक्ताओं और भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है.

यह प्रस्ताव प्रतिनिधि डेबोरा रॉस, मार्क वीसी और राजा कृष्णमूर्ति के नेतृत्व में लाया गया है. यह कदम सीनेट में ब्राजील पर लगाए गए समान टैरिफ को खत्म करने और आयात शुल्क बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति के आपातकालीन अधिकारों पर अंकुश लगाने से जुड़े द्विदलीय प्रस्ताव के बाद उठाया गया है. जारी बयान के मुताबिक, यह प्रस्ताव 27 अगस्त 2025 को भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत सेकेंडरी शुल्क को रद्द करने की मांग करता है. यह शुल्क पहले से लागू पारस्परिक टैरिफ के ऊपर लगाया गया था, जिसके चलते इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत कई भारतीय उत्पादों पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गया.

सांसदों ने क्या कहा?

कांग्रेसवुमन डेबोरा रॉस ने कहा कि नॉर्थ कैरोलाइना की अर्थव्यवस्था भारत के साथ व्यापार, निवेश और एक सक्रिय भारतीय-अमेरिकी समुदाय के जरिए गहराई से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियों ने राज्य में एक अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जिससे लाइफ साइंसेज और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा हुई हैं, जबकि नॉर्थ कैरोलाइना के निर्माता हर साल सैकड़ों मिलियन डॉलर का सामान भारत को निर्यात करते हैं.

कांग्रेसमैन मार्क वीसी ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदार है. उन्होंने कहा कि ये “अवैध” टैरिफ नॉर्थ टेक्सास के आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं. टेक्सास के लोग पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं. ऐसे में यह टैरिफ न तो अमेरिका के हित में है और न ही वैश्विक व्यापार से मुताबिक है. 

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने इन शुल्कों को “उलटा असर डालने वाला” बताते हुए कहा कि ये सप्लाई चेन को बाधित करते हैं, अमेरिकी श्रमिकों को नुकसान पहुंचाते हैं और उपभोक्ताओं के लिए लागत बढ़ाते हैं. उन्होंने जोर दिया कि इन टैरिफ को खत्म करने से अमेरिका-भारत के आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूती मिलेगी. उनके मुताबिक, अमेरिकी हितों या सुरक्षा को आगे बढ़ाने के बजाय ये शुल्क सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचाते हैं और आम उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाते हैं.

पहले भी की गई थी अपील

यह प्रस्ताव कांग्रेस के डेमोक्रेट्स की उस व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसके तहत ट्रंप के एकतरफा व्यापारिक फैसलों को चुनौती दी जा रही है. उनकी कोशिश है कि भारत के साथ अमेरिका के रिश्तों को दोबारा संतुलित किया जाए. इससे पहले अक्टूबर में रॉस, वीसी और कृष्णमूर्ति ने कांग्रेसमैन रो खन्ना और कांग्रेस के 19 अन्य सदस्यों के साथ मिलकर राष्ट्रपति से टैरिफ नीतियों को वापस लेने और भारत के साथ बिगड़े द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की अपील की थी. 

रूस से तेल खरीदने का आरोप पर बढ़ा टैरिफ

अगस्त में राष्ट्रपति ट्रंप ने 1 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था, जिसके कुछ ही दिनों बाद इसमें 25 प्रतिशत की और बढ़ोतरी कर दी गई. ट्रंप प्रशासन ने इसके पीछे भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने का हवाला दिया था और दावा किया था कि इससे यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध प्रयासों को बढ़ावा मिल रहा है, जिसके चलते कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया. सांसदों का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एकतरफा और गलत व्यापार नीतियां थोपीं हैं. ऐसे में ट्रंप के भारत पर लगाए गए टैरिफ को खत्म करना कांग्रेस के संवैधानिक अधिकारों को दोबारा स्थापित करने के समान है. 

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