Thailand-Cambodia Conflict: थाई सेना ने गिराई भगवान विष्णु की मूर्ति, कंबोडिया भड़का, VIDEO के बाद भारत तक मचा बवाल

Thailand-Cambodia Conflict: भगवान विष्णु की मूर्ति गिराए जाने के बाद थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर तनाव बढ़ गया है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कंबोडिया ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक अपमान बताया है. पहले से चले आ रहे सीमा विवाद, सैन्य तनाव, प्रेह विहार मंदिर विवाद और भारत की चिंताओं के बीच, यह घटना दोनों देशों के बीच संबंधों को और खराब करती दिख रही है.

By Govind Jee | December 24, 2025 7:03 PM

Thailand-Cambodia Conflict: थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर एक बार फिर हालात गरमा गए हैं. वजह बनी है भगवान विष्णु की एक बड़ी मूर्ति, जिसे थाई सेना ने कथित तौर पर गिरा दिया. इस घटना का वीडियो सामने आते ही कंबोडिया में गुस्सा फूट पड़ा है, वहीं सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. मामला सिर्फ एक मूर्ति का नहीं, बल्कि सीमा विवाद, आस्था और सत्ता के टकराव का बनता जा रहा है.

Thailand-Cambodia Conflict: कहां और कब हुई यह घटना

यह घटना 22 दिसंबर को थाईलैंड-कंबोडिया सीमा के एक विवादित इलाके में हुई. यह इलाका थाईलैंड के उबोन राचथानी प्रांत के पास बताया जा रहा है. वीडियो में दिखता है कि थाई सेना के जवान भारी मशीनों की मदद से करीब 9 मीटर ऊंची भगवान विष्णु की मूर्ति को गिरा रहे हैं. यह मूर्ति साल 2014 में बनाई गई थी.

Thailand-Cambodia Conflict in Hindi: थाईलैंड ने क्यों गिराई मूर्ति

थाई अधिकारियों का कहना है कि यह मूर्ति एक संवेदनशील सैन्य इलाके में थी. उनके मुताबिक, यह इलाका थाईलैंड की सीमा में आता है और यहां किसी धार्मिक ढांचे की मौजूदगी सुरक्षा के लिहाज से खतरा बन सकती थी. थाई सेना ने कहा कि मूर्ति को हटाना एक सैन्य फैसला था, न कि किसी धर्म के खिलाफ कदम. थाईलैंड का दावा है कि मूर्ति 2013 में कंबोडियाई बलों ने वहां लगाई थी.

कंबोडिया का विरोध और आरोप

कंबोडिया ने इस कार्रवाई को साफ तौर पर अपमानजनक बताया है. सीमा प्रांत प्रेह विहार के सरकारी प्रवक्ता किम चानफान्हा ने कहा कि मूर्ति कंबोडिया के अन सेस इलाके में थी और यह कंबोडिया की जमीन के अंदर आती है. उनके मुताबिक, मूर्ति सीमा से करीब 100 मीटर भीतर थी. हालांकि, गूगल मैप्स के अनुसार यह जगह सीमा रेखा से करीब 400 मीटर दूर बताई जा रही है. किम चानफान्हा ने कहा कि हम उन मंदिरों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की कड़ी निंदा करते हैं, जिन्हें बौद्ध और हिंदू श्रद्धालक पूजते हैं. 

Thai Army Demolishes Lord Vishnu Statue Video: वीडियो असली है या नहीं, एएफपी की जांच

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर सवाल उठे कि कहीं यह फर्जी तो नहीं. इस पर एएफपी ने AI जांच टूल्स से वीडियो की पड़ताल की. एएफपी की जांच में यह साफ हुआ कि वीडियो में किसी तरह की AI मिलावट नहीं है और यह असली फुटेज है.

सीमा विवाद की पुरानी कहानी

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा को लेकर विवाद कोई नया नहीं है. दोनों देशों की करीब 800 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसकी रेखाएं औपनिवेशिक दौर में तय की गई थीं. सीमा पर कई प्राचीन हिंदू मंदिर और खंडहर मौजूद हैं, जिन पर दोनों देशों का दावा रहा है. इस इलाके के पास ही 12वीं सदी का प्रेह विहार मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है. साल 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने यह मंदिर कंबोडिया का हिस्सा माना था. हालांकि, थाईलैंड इस फैसले को लेकर लंबे समय से असहज रहा है और दोनों देशों के बीच कई बार टकराव हो चुका है. (Thai Army Demolishes Lord Vishnu Statue Video in Hindi)

हालिया झड़पों में कितना नुकसान

एएफपी के मुताबिक, इस महीने दोबारा भड़के सीमा संघर्ष में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 10 लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. दोनों देश एक-दूसरे पर नागरिकों पर हमले का आरोप लगा रहे हैं. कंबोडिया का आरोप है कि झड़पों के दौरान थाई सेना ने सीमा पर मौजूद प्राचीन मंदिरों और उनके अवशेषों को नुकसान पहुंचाया है. वहीं, थाईलैंड का कहना है कि कंबोडियाई सेना इन मंदिरों के आसपास अपने सैनिक तैनात कर रही थी, जिससे हालात और बिगड़े.

भारत की चिंता और बयान

भारत ने भी इस पूरे मामले पर चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत प्रेह विहार मंदिर की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा कि यह मंदिर UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल है और ऐसी विरासत पूरी मानवता की साझा धरोहर होती है, जिसे बचाया जाना चाहिए. इस घटना के बाद खासकर भारत में कई हिंदू सोशल मीडिया यूजर्स ने नाराजगी जताई है.

लोगों ने इसे धार्मिक आस्था पर चोट और मूर्ति तोड़ने की घटना बताया है. सोशल मीडिया पर थाईलैंड के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. थाई अधिकारियों ने बताया है कि इस विवाद को सुलझाने के लिए चार दिन की बैठक चंथाबुरी प्रांत में प्रस्तावित है. हालांकि, कंबोडिया ने अब तक इस बैठक में शामिल होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

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