तारिक रहमान ने दाखिल किया नामांकन, ढाका की इस सीट से लड़ेंगे चुनाव, जानें क्यों खास है यह जगह?

Tarique Rahman nomination Dhaka-17 seat Bangladesh Election: बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की राजनीति में वापसी हो चुकी है. उन्होंने आगामी चुनावों के लिए ढाका-17 संसदीय सीट से नामांकन भर दिया है. उनका नामांकन पत्र सेगुनबागीचा स्थित ढाका डिविजनल कमिश्नर के कार्यालय में जमा किया गया. इस सीट की अहमियत इसकी जगह को लेकर है.

By Anant Narayan Shukla | December 29, 2025 2:34 PM

Tarique Rahman nomination Dhaka-17 seat Bangladesh Election: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन और जुलाई आंदोलन के बाद बदले राजनीतिक परिदृश्य के बीच देश एक बार फिर बड़े चुनावी दौर की ओर बढ़ रहा है. अंतरिम व्यवस्था और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की भूमिका के बीच अब 13वें जातीय संसद चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. इसी माहौल में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान की राजनीति में वापसी और उनके चुनाव लड़ने की औपचारिक प्रक्रिया ने देश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है. 17 साल के लंबे स्व-निर्वासन के बाद हाल ही में स्वदेश लौटे बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान के नामांकन पत्र आगामी राष्ट्रीय चुनावों के लिए सोमवार को दाखिल कर दिए गए. 

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, तारिक रहमान फरवरी 2026 में होने वाले 13वें जातीय संसद चुनाव में ढाका-17 संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे. उनका नामांकन पत्र सेगुनबागीचा स्थित ढाका डिविजनल कमिश्नर के कार्यालय में जमा किया गया. बीएनपी अध्यक्ष के सलाहकार अब्दुस सलाम ने बांग्लादेश डॉक्टर्स एसोसिएशन (डीएबी) के मुख्य सलाहकार फरहाद हलीम डोनार के साथ मिलकर तारिक रहमान की ओर से यह प्रक्रिया पूरी की. ये नामांकन पत्र रविवार को तारिक रहमान से एकत्र किए गए थे. 

इससे एक दिन पहले, शनिवार को तारिक रहमान ने खुद को ढाका-17 निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता पंजीकृत कराया था. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे इसी सीट से चुनाव लड़ने का आग्रह किया, जिसे अब औपचारिक रूप दे दिया गया है. हालांकि, बीएनपी पहले यह भी कह चुकी है कि तारिक रहमान पहली बार बोगुरा-6 निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता के रूप में वोट देंगे, लेकिन चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने ढाका-17 सीट को चुना है. उनकी यह उम्मीदवारी न केवल बीएनपी के लिए, बल्कि पूरे बांग्लादेशी राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक अहम मोड़ मानी जा रही है.

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ढाका-17 की अहमियत क्या है? (Tarique Rahman Dhaka-17 Importance)

ढाका-17 बांग्लादेश की जातीय संसद (नेशनल पार्लियामेंट) की एक अहम संसदीय सीट है, जो देश की राजधानी ढाका के रणनीतिक और पॉश इलाकों को समेटे हुए है. इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत ढाका कैंटोनमेंट और ढाका नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन के वार्ड 15, 18, 19 और 20 आते हैं. इसमें गुलशन, बनानी, निकेतन, मोहाखाली, बारिधारा, शाहजादपुर और ढाका कैंटोनमेंट के कुछ हिस्से शामिल हैं. प्रशासनिक और चुनावी दृष्टि से यह सीट नागरिक, कूटनीतिक और सैन्य महत्व वाले क्षेत्रों को एक ही दायरे में जोड़ती है, जिससे इसका राजनीतिक वजन और बढ़ जाता है.

2001 में हुआ था सीट का परिसीमन

ढाका-17 सीट का गठन 2008 के आम चुनाव से पहले किया गया था, जब बांग्लादेश चुनाव आयोग ने 2001 की जनगणना के आधार पर संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण किया था. इसी प्रक्रिया के तहत ढाका महानगर क्षेत्र में सात नई सीटें जोड़ी गईं, जिससे राजधानी में संसदीय सीटों की संख्या 8 से बढ़कर 15 हो गई. जनसंख्या वृद्धि और शहरी विस्तार को ध्यान में रखते हुए बनाई गई यह सीट शुरुआत से ही हाई-प्रोफाइल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानी जाती रही है.

इस सीट पर केवल एक बार जीती है BNP

इस सीट का राजनीतिक इतिहास भी काफी विविध रहा है. बीएनपी को केवल एक बार ही इस सीट पर जीत मिली है. परिसीमन से पहले, 1973 में काजी मोजम्मेल हक (अवामी लीग) इसके पहले सांसद बने, जबकि 1979 में अब्दुर रऊफ (बीएनपी) ने यहां से जीत दर्ज की. समय के साथ इसमें बड़े बदलाव देखने को मिले, 2008 में हुसैन मोहम्मद इरशाद (जातीय पार्टी), 2014 में एसएम अबुल कलाम आजाद (बांग्लादेश नेशनलिस्ट फ्रंट), 2018 में अकबर हुसैन पाथान फारूक (अवामी लीग) और 2023 के उपचुनाव तथा 2024 में अवामी लीग के ही मोहम्मद अली आराफात इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. यही कारण है कि ढाका-17 सीट को सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए हमेशा से रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.

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17 साल बाद, पत्नी और बेटी के साथ निर्वासन से लौटे तारिक

तारिक रहमान 25 दिसंबर को 17 वर्षों के निर्वासन के बाद ढाका लौटे थे. उनकी वापसी को बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास की एक बड़ी घटना माना जा रहा है, खासकर उस पृष्ठभूमि में जब पिछले साल जुलाई आंदोलन के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था. bdnews24 के अनुसार, वह अपनी पत्नी जुबैदा रहमान और बेटी जईमा रहमान के साथ लंदन से बिमान बांग्लादेश एयरलाइंस की उड़ान से देश पहुंचे थे. 

वापसी के बाद तारिक रहमान ने बांग्लादेश को एक समावेशी और सुरक्षित राष्ट्र के रूप में विकसित करने की बात कही. 17 साल बाद स्वदेश में मिले जनसमर्थन व गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए जनता का आभार जताया. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि यह घर वापसी उनके जीवन के सबसे भावनात्मक पलों में से एक है.

मां को जेल की सजा के बाद बने पार्टी प्रमुख

गौरतलब है कि तारिक रहमान को 2007-08 के दौरान सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार के समय गिरफ्तार किया गया था. रिहाई के बाद वह परिवार के साथ लंदन चले गए और वहीं से पार्टी गतिविधियों को संचालित करते रहे. 2018 में, जब बीएनपी प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को जेल भेजा गया, तब पार्टी की स्थायी समिति ने तारिक रहमान को कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया था. पिछले सात वर्षों तक उन्होंने लंदन से वीडियो कॉल के जरिए बीएनपी का नेतृत्व किया. 5 अगस्त को सत्ता परिवर्तन के बाद, अवामी लीग शासन के दौरान दर्ज मामलों में उन्हें एक-एक कर राहत मिली, जिससे उनकी देश वापसी और अब चुनावी राजनीति में सक्रिय भागीदारी का रास्ता साफ हुआ.

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