रूस ने पाकिस्तान को JF-17 के लिए इंजन देने की खबरों को किया खारिज, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा था निशाना
Russia Denies Supplying RD-93MA Engines To Pakistan: रूस ने पाकिस्तान को JF-17 थंडर ब्लॉक III के लिए RD-93MA इंजन सप्लाई की खबरें खारिज की. कांग्रेस ने मोदी सरकार की कूटनीति पर हमला बोला. भारत-रूस संबंध मजबूत हैं, रक्षा और व्यापार में सहयोग जारी. पुतिन दिसंबर में भारत यात्रा पर आएंगे.
Russia Denies Supplying RD-93MA Engines To Pakistan: पिछले कुछ दिनों से खबरें यह थीं कि रूस पाकिस्तान को JF-17 थंडर ब्लॉक III लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल के लिए RD-93MA इंजन सप्लाई कर सकता है. इस खबर ने भारत में हलचल मचा दी और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को जन्म दिया. लेकिन विऑन की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है.
विऑन के अनुसार, एक रूसी सूत्र ने कहा है कि इस तरह की किसी भी बात की पुष्टि नहीं हुई है. यह उन विशेषज्ञों के लिए भी अतार्किक लगता है जो रूस और भारत के बीच बड़े रक्षा सौदों की संभावना तलाश रहे हैं. पाकिस्तान के साथ इस स्तर का सहयोग नहीं किया जाएगा जिससे भारत असहज महसूस करे. सूत्र ने आगे यह भी जोड़ा कि कोई व्यक्ति “असाधारण रूप से आशाजनक और दूरदर्शी सहयोग से समझौता करने की कोशिश कर रहा है, खासकर उच्च और सर्वोच्च स्तर के संपर्कों की पूर्व संध्या पर.”
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा था निशाना
इस खबर के सामने आने के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला था. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री की कूटनीति “राष्ट्रीय हित की बजाय छवि निर्माण और ग्लोबल तमाशे” पर ज्यादा केंद्रित है. रमेश ने सवाल उठाया था
कि रूस जो कभी भारत का सबसे भरोसेमंद रणनीतिक साथी था उसने पाकिस्तान को JF-17 के इंजन की आपूर्ति क्यों जारी रखी. उनका कहना है कि जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर के हस्तक्षेप के बावजूद यह सौदा आगे बढ़ रहा था.
The Modi government must explain why Russia – once India’s most reliable strategic ally – has chosen to ignore New Delhi’s appeals and proceed with supplying advanced RD-93MA engines to Pakistan’s fleet of Chinese-made JF-17 fighter jets. The latest Block III variant of this…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 4, 2025
उन्होंने इसे मोदी की कूटनीतिक विफलता बताया और कहा, “वर्षों से चल रही हाई-प्रोफाइल शिखर बैठकों और गले मिलते हुए तस्वीरों के बावजूद कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने में असमर्थ दिख रहा है.”
Russia Denies Supplying RD-93MA Engines To Pakistan: भारत-रूस संबंध
इस बीच, भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन इस दिसंबर में होने वाला है, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आएंगे. पिछले हफ्ते वल्दाई फोरम में पुतिन ने कहा कि वह “अपने प्रिय मित्र, प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.”
रक्षा, ऊर्जा और व्यापार भारत-रूस संबंधों के प्रमुख स्तंभ हैं. रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता है. S-400 मिसाइल सिस्टम और Su-57 स्टील्थ लड़ाकू विमान की खरीद के मामले में रूस महत्वपूर्ण साझेदार है. ब्रहमोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस का प्रमुख उदाहरण है, जिसने अपनी विश्वसनीयता साबित की और फिलीपींस जैसे देशों को निर्यात हो रही है.
भारत-रूस का व्यापार 60 अरब डॉलर से अधिक का है, ज्यादातर भारतीय कंपनियों द्वारा रूसी ऊर्जा आयात पर आधारित. पुतिन ने कहा कि रूस भारतीय दवा और कृषि उत्पादों का आयात बढ़ाना चाहता है. दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते पर भी सहमत होने के इच्छुक हैं.
पुतिन ने की मोदी की तारीफ
पुतिन ने कहा कि वह भारत यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने भारत की राष्ट्रवादी सरकार की तारीफ करते हुए मोदी को “संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्रीय हितैषी” नेता बताया. उन्होंने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए उच्च टैरिफ और दबाव पर भी टिप्पणी की. पुतिन का कहना था कि भारत कभी भी खुद को किसी के द्वारा अपमानित नहीं होने देगा, और मोदी ऐसा कोई निर्णय नहीं लेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दंडात्मक अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत को होने वाले नुकसान की भरपाई रूस से कच्चे तेल के आयात से हो जाएगी.
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