बुढ़ापा हारा, कुर्सी की चाह जीती! 92 की उम्र में सत्ता की भूख बरकरार, 8वीं बार राष्ट्रपति की रेस में
Paul Biya World Oldest president Cameroon: कैमरून के 92 वर्षीय राष्ट्रपति पॉल बिया 43 साल से सत्ता में हैं और अब आठवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. क्या दुनिया का सबसे बुजुर्ग नेता फिर जीत जाएगा?
Paul Biya World Oldest president Cameroon: सोचिए, एक ऐसा देश जहां एक ही राष्ट्रपति 43 साल से राज कर रहा है. जहां नई पीढ़ी पैदा होकर जवान हो जाती है, लेकिन राष्ट्रपति वही पुराना. ये कहानी अफ्रीका के एक छोटे से देश कैमरून की है. यहां 92 वर्षीय पॉल बिया फिर चुनावी मैदान में हैं वो भी लगातार आठवीं बार राष्ट्रपति पद के लिए. अगर इस बार भी वे जीत गए, तो अगले सात सालों के कार्यकाल के अंत तक उनकी उम्र 99 साल हो जाएगी. यानी शतक से बस एक साल दूर. दुनिया के सबसे बुजुर्ग मौजूदा राष्ट्रपति के लिए ये चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि ‘इतिहास’ में दर्ज होने की जंग भी है.
Paul Biya World Oldest president Cameroon: पॉल बिया कौन हैं?
पॉल बिया नाम उस दौर से जुड़ा है, जब कैमरून के पहले राष्ट्रपति अहमदौ अहिदजो ने इस्तीफा दिया था. वही मौका था जब बिया ने सत्ता संभाली और साल था 1982. तब से आज तक उन्होंने हर चुनाव 70% से ज्यादा वोटों से जीता है. राष्ट्रपति बनने से पहले, वे 1975 से 1982 तक प्रधानमंत्री रहे. दिलचस्प बात यह है कि 1960 में फ्रांस से आजादी के बाद से कैमरून ने सिर्फ दो ही राष्ट्रपति देखे हैं पहला अहमदौ अहिदजो और दूसरा है. पॉल बिया. एएफपी की रिपोर्ट बताती है कि बिया ने अपने शासनकाल में कठोर नियंत्रण रखा और विरोधियों को दबाया. हालांकि शुरुआत में उन्हें कैथोलिक पादरी बनने का प्रशिक्षण दिया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने पेरिस में राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की और राजनीति ही उनका कर्मक्षेत्र बन गया.
सत्ता के साथ शाही ठाठ
बिया के बारे में कहा जाता है कि वे अपना ज्यादातर समय यूरोप में बिताते हैं. देश का दैनिक कामकाज उनके परिवार और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी संभालते हैं. उनकी आलीशान जीवनशैली भी अक्सर विवादों में रहती है. उन्हें विदेश यात्राओं और जिनेवा के लक्जरी होटलों में छुट्टियां बिताने का शौक है. OCCRP (Organized Crime and Corruption Reporting Project) की 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ उनकी यात्राओं पर 65 मिलियन डॉलर (करीब 577 करोड़ रुपये) खर्च हुए. एएफपी के अनुसार, बिया ने अपने करीबी वफादारों को संसद अध्यक्ष, सेना प्रमुख और तेल-गैस कंपनी के शीर्ष पदों पर बैठाया है. यानी सत्ता का पूरा ढांचा ‘बिया लॉयलिस्ट्स’ से भरा है.
Paul Biya World Oldest president Cameroon: कैसे टिके हैं 43 साल से सत्ता पर?
2008 में, बिया ने संविधान में बदलाव कर कार्यकाल की सीमा खत्म कर दी. अब वे जितनी बार चाहें चुनाव लड़ सकते हैं. कैमरून के राजनीतिक विशेषज्ञ स्टीफन अकोआ कहते हैं हैं कि बिया ‘फूट डालो और राज करो’ की रणनीति अपनाकर इतने लंबे समय तक टिके रहे हैं. उनके पूर्व सहयोगी टाइटस एडज़ोआ, जो 17 साल जेल में रहे, ने कहा, “अगर आप बिया के खिलाफ जाने की कोशिश करते हैं, तो आपको कुचल दिया जाता है.” चार दशक से ज्यादा समय तक शासन करने के बाद भी, बिया अब भी सत्ता छोड़ने को तैयार नहीं हैं. देश आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और गरीबी से जूझ रहा है. विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, कैमरून में हर 10 में से 4 लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. अगले 15 महीनों में हर चौथा नागरिक अत्यधिक गरीबी में फंस सकता है.
बिया को चुनौती देने वाले चेहरे
इस बार नौ उम्मीदवार बिया को चुनौती दे रहे हैं. सबसे बड़ा नाम है, इस्सा चिरोमा बाकरी. वे बिया सरकार में प्रवक्ता और रोज़गार मंत्री रह चुके हैं. 79 वर्षीय बाकरी ने जून में इस्तीफा देकर राष्ट्रपति पद के लिए दावा ठोका है. बाकरी उत्तर कैमरून से हैं, जो बिया का पारंपरिक गढ़ माना जाता है उनके अलावा बेलो बौबा मैगारी, पूर्व पर्यटन मंत्री, भी मैदान में हैं. लेकिन राजनीति विज्ञानी अकोआ कहते हैं कि हमें नासमझ नहीं होना चाहिए. सत्तारूढ़ व्यवस्था के पास अपने पक्ष में नतीजे पाने के पर्याप्त साधन हैं.” उन्होंने जोड़ा कि इस बार प्रचार अभियान पहले से “ज्यादा सक्रिय” दिखा है.
क्या इस बार युवा कुछ बदल पाएंगे?
ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि कैमरून में चुनावी सिस्टम बिया की जीत सुनिश्चित करता है. राजनीतिक विश्लेषक ह्यूबर्ट किन्कोह ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया है कि संस्थाएं उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं. फिर भी, कुछ लोग मानते हैं कि देश के युवा पहली बार बदलाव की हवा ला सकते हैं. कैमरून की 3 करोड़ आबादी में से 60% लोग 25 साल से कम उम्र के हैं. किन्कोह कहते हैं कि यह नई पीढ़ी आलोचनात्मक है, और किसी पार्टी से प्रभावित नहीं होती. उन्हें लगता है कि अब वोट के जरिए भी सत्ता बदल सकती है.” एक युवा कार्यकर्ता नगाला डेसमंड नगाला ने NYT से कहा कि हम केन्या जैसे देशों में जेनरेशन Z की क्रांतियां देख रहे हैं. तो कैमरून में क्यों नहीं?
क्या इस बार बिया हार सकते हैं?
सिरैक्यूज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बेंजामिन अकिह ने एपी से कहा कि बिया की उम्र और 43 साल की सत्ता के बाद देश की हालत को देखकर लगता है, इस बार विपक्ष के पास मौका है. बिया शायद सीपीडीएम पार्टी के सबसे कमजोर उम्मीदवार हैं. रविवार को मतदान हो चुका है. नतीजों में 15 दिन लग सकते हैं. कैमरून की एक-चरणीय चुनाव प्रणाली में जो उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट पाता है, वही राष्ट्रपति घोषित हो जाता है,
भले ही उसे बहुमत न मिला हो. रॉयटर्स ने ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स के प्रमुख राजनीतिक अर्थशास्त्री फ्रांस्वा कॉनराडी के हवाले से लिखा है कि संभावना है कि विभाजित विपक्ष और मजबूत चुनावी मशीनरी बिया को उनका आठवां कार्यकाल दिला देगी. शायद अब उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं रहता कि देश में क्या हो रहा है, लेकिन उन्होंने जो सत्ता मशीन बनाई है, वो शायद आखिरी बार उनके लिए काम कर जाए.
ये भी पढ़ें:
मेरा यार है तू… जिगरी दोस्त ने किया अगले साल ट्रंप को नोबेल दिलाने का वादा, युद्ध रोकने की बने दीवार
हमास ने दो साल बाद सभी 20 इजराइली बंधकों को किया रिहा, ट्रंप बोले- ‘युद्ध खत्म हो गया’
