कैसे धोएंगी हानिया आमिर अपने बाल? पाकिस्तान के बाजार से गायब हुआ साबुन और शैम्पू
Pakistan Soap Shampoo Shortage: पाकिस्तान में नया संकट छा गया है. अब साबुन और शैम्पू की कमी! प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) ने देश में कारोबार बंद किया, जिलेट से लेकर हेड एंड शोल्डर्स तक गायब. जानिए क्यों भाग रहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियां और कैसे बढ़ेगी पाकिस्तानियों की मुश्किलें.
Pakistan Soap Shampoo Shortage: पाकिस्तान में इस वक्त एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है और इस बार ये बखेड़ा राजनीति, क्रिकेट या सेना का नहीं, बल्कि साबुन और शैम्पू का है. जिलेट रेजर और हेड एंड शोल्डर्स शैम्पू बनाने वाली दिग्गज कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) ने देश में अपना कारोबार बंद करने का ऐलान कर दिया है. अब पाकिस्तानियों के लिए सिर्फ आर्थिक संकट ही नहीं, बल्कि “सौंदर्यता संकट” भी खड़ा हो गया है. हानिया आमिर एक प्रसिद्ध पाकिस्तानी अभिनेत्री हैं, जिनका जन्म 12 फरवरी, 1997 को रावलपिंडी में हुआ था. उन्होंने 2016 में फिल्म ‘जानन’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की और बाद में धारावाहिक ‘मेरे हमसफर’ से व्यापक लोकप्रियता हासिल की थी.
Pakistan Soap Shampoo Shortage: क्या हुआ है असल में?
अमेरिका की कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) ने इस हफ्ते एलान किया कि वह पाकिस्तान में अपनी सभी विनिर्माण और व्यावसायिक गतिविधियाँ बंद कर रही है. इसका मतलब यह है कि जिलेट, हेड एंड शोल्डर, पैंटीन, टाइड, ओरल-बी, ओल्ड स्पाइस, एरियल जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड अब पाकिस्तान में स्थानीय स्तर पर बंद हो जाएंगे. कंपनी ने कहा है कि आगे वह अपने कुछ उत्पादों को थर्ड-पार्टी डिस्ट्रीब्यूशन मॉडल के जरिए उपलब्ध कराएगी, यानी अब चीजें किसी स्थानीय एजेंसी के जरिए आएंगी.
एक दौर था जब P&G ने पाकिस्तान का बाजार जीता था
1991 में जब P&G ने पाकिस्तान में कदम रखा, तो कुछ ही सालों में यह देश की टॉप उपभोक्ता वस्तु कंपनियों में से एक बन गई. किफायती दाम, भरोसेमंद क्वालिटी और घर-घर तक पहुंचने वाले प्रोडक्ट्स ने इसे आम लोगों की जिंदगी का हिस्सा बना दिया. लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात, ऊंची बिजली दरें और कमजोर बुनियादी ढांचे ने कंपनी को वहाँ टिके रहना मुश्किल बना दिया.
Pakistan Soap Shampoo Shortage: सोशल मीडिया पर झाग से ज्यादा उबाल
इस घोषणा के बाद पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर मीम्स, ट्वीट्स और शिकायतों की झड़ी लग गई. लाहौर के नदीम खान ने ट्वीट किया, “24 करोड़ पाकिस्तानियों को अभी भी साबुन, डिटर्जेंट और शेविंग क्रीम चाहिए! P&G का पाकिस्तान छोड़ना समझ नहीं आता.”
इस्लामाबाद के इंजीनियर जावेद इकबाल ने दुख जताया है कि मैं हमेशा Gillette Blue 3 रेजर इस्तेमाल करता था. तीन महीने से नहीं मिल रहा. बाकी लोकल रेजर इतने घटिया हैं कि चेहरा काट देते हैं! एक महिला यूजर हिना सफी ने X पर लिखा है कि “क्या अब हम एरियल, सेफगार्ड, पैम्पर्स, पैंटीन और हेड एंड शोल्डर का इस्तेमाल करेंगे?
वहीं कुछ यूजर्स ने इस मौके का इस्तेमाल चुटकी लेने के लिए किया. “P&G के प्रवक्ता बोले कि पाकिस्तानी नहाते नहीं, कपड़े भी कम धोते हैं इसलिए व्यापार ठप हो गया!”
इस तरह से बहुराष्ट्रीय कंपनी के अचानक बंद होने से पाकिस्तान के आम लोग चिंतित हैं कि अब सस्ते और घटिया क्वालिटी वाले उत्पादों की बाढ़ बाजार में आ जाएगी. कई उपभोक्ता पहले से ही कह रहे हैं कि उन्हें अपने पसंदीदा जिलेट रेज़र और शैम्पू बाजार में नहीं मिल रहे.
आखिर क्यों भाग रही हैं बहुराष्ट्रीय कंपनियां?
जिलेट पाकिस्तान के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी साद अमानुल्लाह खान ने खुलकर कहा कि ऊंची बिजली की लागत, कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकारी दबाव ने कंपनियों का काम करना मुश्किल बना दिया है. उम्मीद है अब सरकार को एहसास होगा कि सब कुछ ठीक नहीं है. उनका कहना है कि बेहतर माहौल बनाना जरूरी है ताकि पाकिस्तान से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के भागने का सिलसिला रुके. पिछले दो वर्षों में शेल, फाइजर, टोटल एनर्जीज, माइक्रोसॉफ्ट और टेलीनॉर जैसी बड़ी कंपनियां भी पाकिस्तान से बाहर जा चुकी हैं.
साबुन के बाद अब पानी का संकट
पहले ही पाकिस्तान जल संकट से जूझ रहा है. भारत ने मई में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को रद्द किया था, जिसके बाद पाकिस्तान के कई हिस्सों में पानी की किल्लत बढ़ गई. तब सोशल मीडिया पर पाकिस्तानियों ने मीम्स बनाकर खुद को ट्रोल किया था कि अब तो नहाने के लिए भी भारत से पानी मांगना पड़ेगा और अब जब P&G भी जा रही है, तो हालात ऐसे हैं कि न पानी सही से है, न साबुन.
P&G का बयान- पूरी तरह नहीं जा रहे
हालांकि कंपनी ने एक बयान में कहा है कि इस समय पाकिस्तान में उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करने के लिए तृतीय-पक्ष वितरण मॉडल सबसे विवेकपूर्ण तरीका है. कंपनी ने यह भी जोड़ा कि कर्मचारियों को विदेश में नियुक्ति या सेपरेशन पैकेज देने पर विचार किया जाएगा. जिलेट पाकिस्तान का बोर्ड अब कंपनी को बंद करने के कदमों पर विचार कर रहा है, जिसमें संभावित डीलिस्टिंग भी शामिल है. दिलचस्प बात यह है कि कंपनी के शेयर तीन हफ्तों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए जो कि 10% की दैनिक सीमा तक बढ़ गए. लेकिन लोगों का भरोसा घट गया, क्योंकि यह संकेत है कि अब स्थानीय उत्पादन लगभग खत्म है.
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