मुनीर के घर के सामने बन रही शराब, 50 साल बाद पाकिस्तान करेगा दुनिया में एक्सपोर्ट, मजहब पर भारी पड़ा आर्थिक संकट

Pakistan Alcohol Export: पाकिस्तान ने 50 साल बाद शराब निर्यात पर लगी रोक हटा दी है. आर्थिक संकट से जूझ रहा देश अब विदेशी मुद्रा कमाने के लिए अपनी सबसे पुरानी कंपनी मुरी ब्रेवरी को दुनिया भर में शराब बेचने की इजाजत दे चुका है.

By Govind Jee | December 25, 2025 5:42 PM

Pakistan Alcohol Export: पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहां शराब को लेकर कानून भी सख्त है और धार्मिक पाबंदियां भी. आम मुसलमान के लिए शराब पीना और बेचना गैरकानूनी है. लेकिन जब हालात खराब हों, खजाना खाली हो और देश कर्ज के बोझ तले दबा हो, तो फैसले भी बदलने लगते हैं. अब पाकिस्तान ने वही किया है, जो वह पिछले 50 साल से नहीं कर रहा था. दुनिया को शराब बेचने का रास्ता खोल दिया गया है.

Pakistan Alcohol Export in Hindi: 50 साल बाद टूटा शराब निर्यात का ताला

पाकिस्तान की सबसे पुरानी शराब कंपनी मुरी ब्रेवरी (Murree Brewery) को सरकार ने शराब निर्यात की मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी करीब पांच दशक यानी 50 साल बाद मिली है. इससे पहले पाकिस्तान में बनी शराब विदेश भेजने पर पूरी तरह रोक थी. अब सरकार ने यह रोक हटा ली है, ताकि देश को विदेशी मुद्रा मिल सके. मुरी ब्रेवरी की स्थापना 1860 में ब्रिटिश शासन के समय हुई थी. यानी यह कंपनी पाकिस्तान बनने से भी पहले की है. 165 साल पुरानी इस कंपनी ने हर दौर देखा है, लेकिन शराब निर्यात की इजाजत अब जाकर मिली है.

Pakistan Alcohol Export 50 Years Later in Hindi: आर्थिक संकट बना फैसले की असली वजह

पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. विदेशी कर्ज बढ़ता जा रहा है और डॉलर की भारी कमी है. सरकार को तुरंत पैसा चाहिए. इसी जरूरत ने शराब जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी नरमी दिखाने को मजबूर कर दिया. साफ शब्दों में कहें तो यह फैसला धर्म से ज्यादा अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है. मुरी ब्रेवरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस्फनयार भंडारा हैं, जो कंपनी के तीसरी पीढ़ी के मालिक हैं. उन्होंने बताया कि उनके दादा और पिता ने भी शराब निर्यात की अनुमति लेने की कोशिश की थी, लेकिन हर बार नाकामी हाथ लगी. अब 50 साल बाद यह मंजूरी मिलना उनके लिए भावनात्मक पल है और परिवार की लंबी लड़ाई की जीत भी.

Murree Brewery Global Sales in Hindi: सेना प्रमुख के घर के सामने बनी ब्रेवरी

यह ब्रेवरी रावलपिंडी में स्थित है और खास बात यह है कि यह पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसीम मुनीर के आधिकारिक आवास के ठीक सामने है. यह इलाका देश के सबसे सुरक्षित इलाकों में गिना जाता है. यानी शराब बनाने वाली यह फैक्ट्री बेहद हाई-सिक्योरिटी जोन में काम करती है. मुरी ब्रेवरी की सालाना कमाई 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा है. इसमें से आधे से ज्यादा कमाई शराब की बिक्री से होती है. बाकी कमाई सॉफ्ट ड्रिंक और बोतल बनाने के कारोबार से आती है. कंपनी में करीब 2,200 लोग काम करते हैं. पाकिस्तान में शराब पर सख्त कानून, फिर भी हकीकत अलग. कागजों में पाकिस्तान में शराब सिर्फ गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों और विदेशियों के लिए कानूनी है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अवैध शराब का कारोबार खूब चलता है. कई बार जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत तक हो चुकी है. इन सबके बावजूद मुरी ब्रेवरी लगातार काम करती रही और देश के भीतर अपनी मजबूत पहचान बनाए रखी.

पहले भारत से अमेरिका तक जाता था माल

शराब निर्यात पर रोक लगने से पहले मुरी ब्रेवरी अपने उत्पाद भेजती थी भारत, अफगानिस्तान, खाड़ी देश और अमेरिका. कंपनी प्रमुख बताते हैं कि कभी काबुल तक बीयर भेजी जाती थी, लेकिन आज तालिबान शासन में ऐसा सोचना भी मुश्किल है. इस्फनयार भंडारा ने बताया कि 2017 में उन्हें हैरानी हुई, जब पाकिस्तान में एक चीनी कंपनी को शराब बनाने की अनुमति दी गई. यह शराब खास तौर पर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी मजदूरों के लिए थी. यहीं से उन्हें लगा कि जब चीन के लिए नियम बदले जा सकते हैं, तो मुरी ब्रेवरी के लिए क्यों नहीं.

अब जापान, ब्रिटेन और पुर्तगाल भेजी जा रही शराब

फिलहाल मुरी ब्रेवरी ने जापान, ब्रिटेन और पुर्तगाल में टेस्ट शिपमेंट भेजनी शुरू कर दी है. कंपनी का कहना है कि अभी उनका मकसद मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि यह समझना है कि विदेशी बाजार कैसे काम करता है और वहां ब्रांड को कैसे पहचान दिलाई जाए. पाकिस्तान में शराब के विज्ञापन पर पूरी तरह रोक है. ऐसे में विदेशी बाजार ही एकमात्र मौका है, जहां मुरी ब्रेवरी अपने नाम को पहचान दिला सकती है.

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